हमारे यहां कई तरह की अलग-अलग जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं। ये पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं और कई रोगों से बचाव करती हैं। ऐसी ही एक हर्ब है पत्थरचट्टा। गांवों में आज भी महिलाएं यूरीन इन्फेक्शन को दूर करने के लिए इनकी पत्तियों को अपने भोजन में शामिल करती हैं। अब पथरचट्टा के प्रयोग से शहरों में रहने वाले लोग भी अंजान नहीं हैं। इसका पौधा आसानी से गमले में भी उग सकता है। इसलिए लोग पथरचट्टा को पॉट में भी उगा लेते हैं और इनकी पत्तियों की चटनी भी खाते हैं। पत्थरचट्टा की चटनी की रेसिपी बहुत आसान है। यह ओवरऑल हेल्थ के लिए फायदेमंद (patharchatta chutney recipe) है। सबसे पहले जानते हैं पथरचट्टा के फायदे।
इंडियन मेडिकल गजेट के अनुसार, पत्थरचट्टा, जिसे कलानचो के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत में व्यापक रूप से उगाया जाने वाला रस से भरपूर बारहमासी पौधा है। इसे आमतौर पर एयर प्लांट के रूप में जाना जाता है। इसमें लंबे खोखले तने होते हैं। कलानचो में गहरे मांसल हरे पत्ते होते हैं। पत्थरचट्टा एशिया, वेस्ट इंडीज, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड आदि में भी उगाया जाता है।
पौधे का वैज्ञानिक नाम ब्रायोफिलम पिन्नाटम है (Kalanchoe pinnata)। पथरचट्टा एक औषधीय पौधा है जो चिकित्सीय पोषक तत्वों से भरपूर माना जाता है।आयुर्वेद में पथरचट्टा का दूसरा नाम है – पाषाणभेद, जिसका अर्थ है ‘पत्थर को घोलना।’ पारंपरिक औषधीय प्रथाओं में पत्थरचट्टा की पत्तियों को यूरीन इंकॉन्टीनेंस के साथ-साथ किडनी और गॉलब्लैडर की पथरी को खत्म करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
इंडियन मेडिकल गजेट के अनुसार, पथरचट्टा एल्कलॉइड्स, फ्लेवोनोइड्स, ग्लाइकोसाइड्स, ट्राइटरपेन्स, कार्डिएनोलाइड्स, लिपिड और स्टेरॉयड जैसे बायोएक्टिव यौगिकों से समृद्ध हो सकता है। इसके अलावा फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, कॉपर, जिंक, पोटेशियम, निकेल, कैल्शियम, सोडियम, लेड, कैडमियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं ।
हार्वर्ड हेल्थ पब्लिकेशन में प्रकाशित शोध बताते हैं कि पत्थरचट्टा कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं के कारण होने वाले मुटेशन को कम कर सकता है। यह ब्लड शुगर लेवल को कम कर सकता है। फंगस के विकास को रोक कर यह पैथोजेंस के विकास को रोक देता है ।
सूजन, पेट में अल्सर बनने नहीं देता है पत्थरचट्टा। लीवर स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा प्रणाली, किडनी हेल्थ को यह मजबूती दे सकता है।
पत्थरचट्टा को कई तरीके से लिया जा सकता है। इसकी कुछ पत्तियां लें, उन्हें गर्म पानी में भिगो दें और इसे खाली पेट लें। यह हर्बल पाउडर के रूप में भी लिया जा सकता है। इसे जूस और सिरप के रूप में लिया जा सकता है। पत्थरचट्टा को सप्लीमेंट के रूप में भी लिया जा सकता है।
पत्थरचट्टा की 2 कप पत्तियों को पानी में अच्छी तरह धो लें। इन्हें मोटा-मोटा काट लें।
इसमें 2 कटी हुई हरी मिर्च , ½ इंच कटा हुआ अदरक, ½ चम्मच जीरा पाउडर, ½ चम्मच चाट मसाला पाउडर, ½ चम्मच नींबू का रस डाल दें।
सभी सामग्रियों को ग्राइंडर या ब्लेंडर जार में डाल दें। पीस लें। पीसने के बाद नमक आवश्यकतानुसार मिला दें। चटपटी चटनी तैयार है। इसे किसी भी भोजन के साथ खाएं। यह भोजन का स्वाद कई गुना बढ़ा देगा और स्वास्थ्य को फायदे भी पहुंचाएगा।
पत्थरचट्टा से थकान हो सकती है। इससे गला सूख सकता है। इससे उत्तेजना हो सकती है। इससे पाचन में दिक्कत हो सकती है। इसलिए हमेशा विशेषज्ञ की सलाह पर उचित मात्रा में ही इसका सेवन करें।
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