डोम यानि डामिनेंट और सब यानि सबमिसिव। ये सुनने में तो किसी मानसिक विकार जैसा लगता है। मगर असल में इस टर्म का इस्तेमाल सेक्स के दौरान किया जाता है। जिसमें वो पार्टनर जो डोमिनेंट होता है। उसका व्यवहार बेहद एग्रेसिव होता है। जो सबमिसिव को हर तरह से अपने नियंत्रण में रखता है। किसी भी रिश्ते में हेप्पीनेस, प्लेजर और रूल्स शामिल होते हैं। जहां एक पार्टनर रूल बनाता हैए तो दूसरा उसका पालन करने के लिए तैयार रहता है।
यही नियम और कायदे सेक्स लाइफ में भी देखने को मिलते है। एक पार्टनर इच्छा जाहिर करता है और दूसरा उसे मानने के लिए बाधित होता चला जाता है। पनिशमेंट, डिसिप्लिन और डॉमिनेटिड रैवये से वो अपने साथी को सेक्स करने के लिए उत्साहित करते हैं। हांलाकि इस सेक्स में दो लोगों की पूरी मर्जी शामिल होती हैं। जानते हैं क्या है डोम सब रिलेशनशिप (Dom/sub sexual relationships)और क्या हैं इसके फायदे व नुकसान।
कभी हंटर, कभी हथकड़ी तो कभी रस्सी से पार्टनर को बांधकर अपनी मर्जी के मुताबिक पार्टनर से सेक्स करना डोमिनेंट सबमिसिव डायनेमिक कहलाता है। ये सेक्स का एक अलग रूम है। जिसे पार्टनर की मर्जी से ही अंजाम दिया जाता है। प्लैजर हासिल करने के इस अनोखे तरीके को बहुत से कपल्स अपनाते हैं। इसमें एक पार्टनर अथॅरिटेटिव हो जाता है। जो अपने पार्टनर को अपनी मर्जी से सेक्स के लिए तैयार करता है। डोमिनेंट सबमिसिव रिलेशन में डोमिनेंट पार्टनर ही सभी मूव्स व पोज़िशन्स डिसाइड करता है और सबमिसिव को आगे बढ़ने की हिदायत देता है। इसमें सबमिसिव अपने पार्टनर की सभी इच्छाओं को मानता है।
इस तरह के सेक्सुअल रिलेशनशिप में लोग हैंडकफ्सए काफल और रोप का प्रयोग करते हैं। इसके अलावा सेक्स के दौरान कई प्रकार के टॉयेज और वाइब्रेटर्स का भी इस्तेमाल किया जाता है। इसमें सेक्स पार्टनर्स एक दूसरे को सेटिसफाइड करने की पूरी कोशिश करते हैं।
इसमें डोम के कहे अनुसार सबमेसिव सेक्स के दौरान हर प्रकार की पोज़िशन के लिए रेडी हो जाते हैं। वे नई नई पोजिशन्स में सेक्स पार्टनर को तैयार करते हैं। इससे सेक्स लाइफ में रोमांच बढ़ने लगता है। साथ ही सेक्स डयूरेशन भी बढ़ जाती है।
कभी शिकारी बनकर तो कभी डॉक्टर या नर्स बनकर ड्रैमेटिक ढ़ग से खुद को किरदारों में ढ़ालने लगते हैं। इससे सेक्सुअल लाइफ हेल्दी बनती है और प्यार में नयापन आने लगता है। इस तरह के रिलेशनशिप में सबमेसिव पार्टनर बिना किसी परेशानी के डोमिनेंट के बताए स्टेप्स को फॉलो करता है।
द जर्नल ऑफ सेक्स रिसर्च के मुताबिक इस तरह के रिलेशनशिप से सेक्सुअल लाइफ स्पाइसअप होने लगती है। साथ ही दोनों पार्टनर्स में सेटिसफेक्शन लेवल भी बढ़ने लगता है। फिज़िकली सेटिसफाइड महसूस होने के साथ साथ दोनों इमोशनली भी अटैच होने लगते हैं।
वे लोग जो डोम सब रिश्ते से बंधे होते हैं। उनकी मेंटल हेल्थ इससे प्रभावित होती है। नार्थन इलिनोइस युनिवर्सिटी के एक रिसर्च के मुताबिक सेक्सुअल रिलेशंस में दोनों पार्टन्र आपसी सहमति से जब किसी को दर्द देने और पाने की प्रक्रिया में शामिल होते हैं। तो इससे कई बार चिंता के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। वहीं कई बार मेंटल हेल्थ को इससे नुकसान भी झेलना पड़ता है। लोग खुद को कमतर आंकने लगते हैं। इससे कॉफिडेंस लेवल भी कम होता चला जाता हैं।
सेक्स के दौरान जब दो लोग अलग अलग प्रकार के किरदारों में नज़र आते हैं। तो इससे भले ही सेक्स में रोमांच बढ़ने लगता है। मगर दोनों के भीतर मनमुटाव की आंशका भी बढ़ सकती है। एक पार्टनर दूसरे साथी के व्यवहार को कई बार नकारात्मक तरीके से भी ले सकता है। इससे रिश्ते में आर्गयूमेंटस बढ़ते चले जाते हैं।
कई बार बीडीएसएम रिश्ते में किसी तीसरे के आने की उम्मीद को बढ़ देता है। इसमें आप दोनों एक दूसरे से सेक्सुअली सेटिस्फाइड नहीं हो पाते हैं। इससे आपसी दूरियां बढ़ने लगती हैं। सबमिसिव हेल्दी रिलेशनशिप बिल्ड करने के लिए किसी अन्य की तलाश में जुट जाता हैं।
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कस्टमाइज़ करेंजब डोमिनेंट पार्टनर आपको अवपनी मर्जी से सेक्स के लिए तैयार करता है। तो इससे सबमिसिव पार्टनर के अंदर आक्रोश भी बढ़ सकता है। दरअसल, उसे लगातार महसूस हो रही प्यार की कमी इस समस्या का कारण साबित हो सकती हैं।
अगर आप अपने पार्टनर को सबमिसिव बना रहे हैं। तो सेक्स के बाद आप उनका ख्याल रखें। अगर सेक्स के दौरान आपका पार्टनर असहज महसूस कर रहा है, तो उस प्रक्रिया को तुरंत बंद कर दें। आपके लिए अपने पार्टनर का ख्याल रखना प्राथमिकता है।
सेक्स करने से पहले डामिनेंट बनने वाले पार्टनर को अपनी सीमाओं को सेट करना ज़रूरी है। ताकि आपके पार्टनर को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंच सके। इसके अलावा सेक्स के दौरान अन्य चीजों की बजाय एक दूसरे को प्लैजर देने में रखना चाहिए। इससे रिश्ते में मज़बूती आने लगती है।
सेक्स करने से पहले न सिर्फ आप अपने पार्टनर के साथ अपने रोल तय कर लें। बल्कि अपने रोल्स को समय समय पर शफल भी करें। इससे आपसी मिसअंडरस्टैण्डिंग का भी खतरा कम होने लगता है।
हर बार डॉम सब तरीके को अपनाने की जगह नॉर्मल सेक्स को भी अपने रूटीन में शामिल करें। इससे आपकी सेक्सुअल लाइफ हेन्दी बनने लगती है। साथ ही आपसी अंडरस्टैण्डिंग भी बढ़ने लगती हैं।
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