इस बात में कोई इंकार नहीं है कि कोई भी रिलेशनशिप आसान नहीं होता है। जैसा हमें फिल्मों और टीवी सीरियल में दिखाया जाता है। हम फिल्मों और टीवी और फिल्मों की दुनिया को सच मानते है। हम भारतीय है और हम किसी भी चीज से बहुत जल्दी भावुक हो जाते है और उसे अपने दिल लगा लेते है। उसी के कारण हम टीवी पर दिखाए जा रहे एक काल्पनिक सीरियल या फिल्म को भी सच मानने लगते है और उन्ही चीजों को अपने जीवन में अपनाने की कोशिश करने लगते है लेकिन एक काल्पनिक दुनिया को अगर हम अपने जीवन में अपनाने लगेंगे तो उसका सच होना तो बिल्कुल भी मुमकिन नहीं है। तो आज हम आपको ऐसी कुछ अपेक्षाएं बताएंगे जो आप अपने पार्टनर से रखते है जो रिश्ते को खराब कर सकती है।
किसी भी रिश्ते में अपेक्षाएं ही ये तय करती है कि आपका रिश्ता कैसा होगा। कई रिश्ते सिर्फ इसलिए टूट जाते है क्योंकि उनकी अपेक्षाएं बहुत अवास्तविक होती है। जो कि किसी भी रिलेशनशिप में एक बहुत बड़े रेड फ्लैग के रूप में सामने आता है। कई बार पार्टनर अपने अपने अपेक्षाओं को पूर्ण करने के लिए दबाव भी बनाते है और लड़ाई झगड़े भी करते है जिससे भी स्थित बिगड़ती है। ये समझना महत्वपूर्ण है कि हर व्यक्ति अलग होता और उन्हें अपने हिसाब से चलाना केवल अपनी अपेक्षाओं को पूर्ण करने के लिए तो ये किसी की भी स्वतंत्रता का हनन करना हो सकता है।
एक रिश्ते को खराब करने के लिए क्या अपेक्षाएं हो सकती है ये जानने के लिए हमने बात की सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव से, डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव से।
कोई व्यक्ति खुद भी हमेशा खुश नहीं रह सकता है तो अपने पार्टनर से ये उम्मीद रखना की वो आपको हमेशा खुश रखेगा बिल्कुल गलत है। कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को हर समय खुश नहीं रख सकता। अगर आप अपने पार्टनर से ये उम्मीद रखते है तो ये आपको हमेशा निराशा हाथ लग सकती है। पार्टनर से हर समय खुशी मांगने से अच्छा है कि आप अपने अंदर खुशी ढूंढे और पार्टनर के साथ अच्छे लम्हों को याद रखें।
जीवन बहुत बड़ा है जिसमें कुछ न कुछ ऐसा होता है दो आपको गुस्सा दिला सकता है। शायद आपको आपके पार्टनर से गुस्सा न आए लेकिन उन्हे किसी और चीज से गुस्सा जरूर आ सकता है। गुस्सा इंसान के स्वभाव का एक हिस्सा है और जैसे खुशी एक भाव है वैसे ही गुस्सा भी एक भाव है। ये सोचना की आपके पार्टनर को कभी गुस्सा नहीं आएगा यह अवास्तविक है। आपको बस ये ध्यान रखना है की गुस्से में कुछ भी बोलने से बचें। इससे निपटने का तरीका भी आपको पता होना बहुत जरूरी है।
कई बार हम अपने माता पिता से भी सहमत नहीं होते है क्योंकि दो अलग व्यक्तियों के विचार अलग हो सकते है। रिश्ते में एक दूसरे के विचारों को को खुले रूप से स्वीकार करना ही एक अच्छे रिश्ते की निशानी होती है। समय-समय पर अपने साथी के साथ मतभेद होना स्वस्थ है। इससे पता चलता है कि आप दोनों खुद को स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त करने में सक्षम हैं। अपने साथी को हमेशा आपसे सहमत कराने की कोशिश करना न केवल अवास्तविक है, बल्कि यह घुटन भरा भी हो सकता है।
रिश्ते में ये विचार रखना कि आपका पार्टनर कभी नहीं बदलेगा ये आपको निराश कर सकता है। लोग समय के साथ बदलते है ये स्वाभाविक है। कई लोग असुरक्षा के डर के कारण हमेशा पार्टनर से एक ही सवाल पूछते है कि वे उन्हे कभी छोड़ेंगे तो नही। रिश्ते में विश्वास रखना चाहिए न की किसी को ये पूछकर बांधने की कोशिश करनी चाहिए।
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