पास्ता से लेकर बर्गर तक हर रेसिपी में मस्टर्ड सॉस की टॉपिंग और ड्रेसिंग खाने के स्वाद में परफेक्ट कॉमबिनिशेन को जोड़ने में मदद कर रही है। आप जानकर हैरान होंगे की मां की रसोई में छोटी छोटी डिब्बियों में कैद काली और पीली सरसों के बारीक दानों को मिलाकर इस टेस्टी डिप को तैयार किया जाता है। यूं तो किसी भी सब्जी के ज़ायके को बढ़ाने के लिए हर बार सरसों प्रयोग की जाती है। मगर इस कॉटिनेंटल फूड में भी सरसों ने अपना खास स्थान हासिल कर लिया है। जानते हैं पोषक तत्वों से भरपूर सरसों के बीज के फायदे और इससे तैयार होने वाली मसटर्ड सॉस को बनाने की रेसिपी भी (Mustard Sauce recipe)।
इस बारे में डॉ अदिति शर्मा का कहना है कि पोषक तत्वों से भरपूर सरसों के बीज में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम और विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें मौजूद सेलेनियम और मैग्नीशियम की मात्रा से शरीर हृदय रोगों से दूर रहता हैं। साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मज़बूत बनी रहती है। सरसों के बीज से तैयार मसटर्ड सॉस स्वाद के साथ सेहत भी प्रदान करती है। बाज़ार में उपलब्ध मसटर्ड सॉस में प्रिजर्वेटिव्स को मिलाया जाता है। मगर घर आप नपे तुले ढ़ग से मसालों का इस्तेमाल करके अपने स्वाद के मुताबिक इसे तैयार कर सकते हैं। जानते हैं सरसों के बीज के कुछ अन्य फायदे और सॉस तैयार करने की विधि भी।
एनआईएच के अनुसार सरसों के बीज में कैरोटीनॉयड, आइसोरहमनेटिन और केम्पफेरोल समेत एंटीऑसीडेंटस पाए जाते है। इन फ्लैवोनोइड एंटीऑक्सिडेंट्स की मदद से शरीर में टाइप 2 डायबिटीज़, हार्ट संबधी समस्याएं और कैंसर सेल्स की रोकथाम करने में भी मदद गार साबित होते हैं। इसके अलावा सरसों के बीज में एंटी इंफ्लामेटरी, एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण भी पाए जाते हैं।
एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर सरसों के बीज का सेवन करने से स्किन संबधी समस्याएं दूर होने लगती है। शरीर में बढ़ने वाली सूजन को कम करने में मदद मिलती है। इससे सोरायसिस के लक्षणों को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा डर्माटाइटिस की परेशानी भी हल हो जाती है।
खून में ग्लूकोज़ का बढ़ता स्तर नियंत्रित करने के लिए सरसों के बीज का सेवन करें। फिलिपीन काउंसिल ऑफ हेल्थ रिसर्च के अनुसार सरसों के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से टाइप 2 शुगर को रिसर्व किया जा सकता है।
यूरोपियन फेडरेशन ऑफ फूड सांइस एंड टेकनोलॉजी के एक रिसर्च के अनुसार मसटर्ड सीड्स के सेवन से शरीर में वसा को घटाया जा सकता है। 40 से 70 की उम्र के 42 लोगों पर किए गए रिसर्च के मुताबिक उन्हें 12 सप्ताह तक मसटर्ड सीड्स दिए गए। इनमें से 64 फीसदी लोगों के कोलेस्ट्रॉल में गिरावट दर्ज की गई और शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़े।
पीली सरसों के दाने 2 चम्मच
काली सरसों के दाने 2 चम्मच
दालचीनी पाउडर 1/4 चम्मच
शहद 1 चम्मच
सिरका 2 चम्मच
हल्दी 1/4 चम्मच
देगी मिर्च 1/4 चम्मच
नमक स्वादानुसार
इस सॉस को बनाने के लिए सबसे पहले पीला सरसों के दानों को पीसकर एक बाउल में डाल लें। उसके बाद काली सरसों को भी पीस लें।
पिसी हुई सरसों के पाउडर को मिलाकर जार में डाल दें और उसमें अदरक के 3 से 4 टुकड़े डालें। साथ ही देगी मिर्च, हल्दी और नमक डालें।
सभी चीजों को एक साथ मिलाकर पीस लें। उसके बाद पाउडर में सिरका डाल दें। अब इसे दोबारा ब्लैण्ड करें और एक थिक पेस्ट तैयार कर लें।
पेस्ट ज्यादा थिक होन पर उसमें आवश्यकतानुसार पानी को मिला दें। दोबारा से ब्लैण्ड कर दें। ब्लैण्ड करके बाद तैयार पेस्ट को चेक कर लें।
तैयार हो चुकी डिप को एक बाउल में निकाल लें। सरसों का स्वाद बेहद तीखा होता है।
इसके टेस्ट में ट्विस्ट लाने के लिए अब इसमें शहद को मिला दें। इससे डिप के स्वाद में फलेवर बढ़ने लगता है।
डिप को सर्व करके से पहले टेस्ट कर लें और आवश्यकतानुसार नमक और शहद एड कर सकते हैं।
इसे तैयार होने के बाद फिंगर फूड्स, सैलेड टॉपिंग और सैंडविच स्प्रैड के तौर पर प्रयोग कर सकते हैं।
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