क्या आपके दिन की शुरुआत ग्रीन टी के मग से होती है? क्या आप अपने भोजन के बाद एक कप ग्रीन टी पीना पसंद करती हैं? क्या आप दिन भर में तीन से चार बार ग्रीन टी पी लेती हैं? अगर ऐसा है, तो यह वेट लॉस (Green tea for weight loss) के बजाय आपके लिए कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का कारण बन सकता है।
ग्रीन टी को सबसे सुरक्षित और वेट लॉस (Healthy weight loss) के लिए बेस्ट बेवरेज माना जाता हैं। हालांकि, इसे पीते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी हैं। आइए बात करते हैं ग्रीन टी के लगातार और ज्यादा सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों (Green Tea side effect) के बारे में।
ग्रीन टी का नॉर्मल सेवन आपको स्वास्थ्य जोखिमों से बचा सकता हैं। लेकिन अगर इसे ज्यादा मात्रा में पिया जा रहा हैं, तो इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।
बहुत अधिक मात्रा में या खाली पेट ग्रीन टी पीने से पेट में जलन पैदा कर सकती है। ग्रीन टी में टैनिन (tannin) होता है, जो आपके पेट में एसिड की मात्रा को बढ़ा सकता है। इससे कब्ज, एसिड रिफ्लक्स और नॉजिया सहित पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। बहुत गर्म पानी के साथ ग्रीन टी पीने से ये दुष्प्रभाव बढ़ सकते हैं।
असल में ग्रीन टी का अधिक मात्रा में सेवन करने से डायरिया भी हो सकता है। इसमें मौजूद कैफीन आपको बीमार कर सकता है। ज्यादा ग्रीन टी पीने से आपको बार-बार बाथरूम जाना पड़ता है और पेट खराब हो सकता है। अगर आप इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम से पीड़ित हैं, तो ग्रीन टी से परहेज करें।
इन दुष्प्रभावों से बचने के लिए खाली पेट ग्रीन टी का सेवन न करें। इसके बजाय, प्रत्येक भोजन के बाद ग्रीन टी पियें। यदि आप एसिड रिफ्लक्स, पेट के अल्सर से पीड़ित हैं, तो ग्रीन टी से बचें क्योंकि यह एसिडिटी को बढ़ा सकती है।
ग्रीन टी कुछ व्यक्तियों में सिरदर्द पैदा कर सकती है, क्योंकि इसमें कैफीन होता है। जो लोग माइग्रेन से पीड़ित हैं वे कभी-कभार ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं। हालांकि, अगर आप रोजाना सिरदर्द से पीड़ित हैं तो आपको हर दिन ग्रीन टी पीने से बचना चाहिए। अगर आपको कैफीन के प्रति ऐलर्जी है, तो ग्रीन टी न पियें।
इसमें कैफीन होने के कारण यह आपके नींद को प्रभावित कर सकता हैं। ग्रीन टी में केवल थोड़ी मात्रा में कैफीन होता है, लेकिन फिर भी कैफीन के प्रति संवेदनशील लोगों के लिए सोने में समस्या हो सकती है। ग्रीन टी आपके मेलाटोनिन हॉर्मोन को असंतुलित करता हैं, जो नींद में सहायता करते हैं।
ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो मानव शरीर में आयरन के अवशोषण में बाधा डालते हैं। एक मेटा-विश्लेषण से पता चला है कि यह दुष्प्रभाव उन लोगों के लिए विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है, जो एनीमिया या अन्य बीमारी से पीड़ित हैं। एक केस स्टडी में पाया गया कि ग्रीन टी एक 48 वर्षीय व्यवसायी में एनीमिया का कारण बना, जो वर्षों से हर सप्ताह 6 कप ग्रीन टी का सेवन करता था।
इस दुष्प्रभाव से बचने के लिए अपनी चाय में नींबू मिलाएं। नींबू में मौजूद विटामिन सी आयरन के अवशोषण को बढ़ावा देता है। जो एनीमिया के जोखिम को कम कर सकता हैं। आप भोजन से एक घंटे पहले या बाद में ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं। सावधानी के तौर पर अगर आपको एनीमिया है तो ग्रीन टी से परहेज करें।
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कस्टमाइज़ करेंग्रीन टी का अधिक मात्रा में सेवन करने से नॉजिया और उल्टी हो सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ग्रीन टी में टैनिन होते हैं, जो आंतों में प्रोटीन की मात्रा को कम कर देते हैं। इसके कारण मतली और कब्ज जैसी परेशनियां हो सकती हैं। यदि आपको ग्रीन टी की आदत है, तो हर दिन 4 कप से अधिक ग्रीन टी का सेवन करने से बचें।
इसके अधिक सेवन से लीवर खराब हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा कैफीन के निर्माण के कारण होता है जो लीवर पर दबाव डाल सकता है। इस दुष्प्रभाव से बचने के लिए रोजाना दो कप से ज्यादा ग्रीन टी का सेवन करने से बचें।
कुछ छोटे अध्ययनों से पता चलता है कि ग्रीन टी अनियमित दिल की धड़कन का कारण बन सकती है। जबकि शोध से पता चलता है कि इसे पीने से रक्तचाप को कम करने में मदद मिल सकती है। यदि आप हृदय रोग से पीड़ित हैं, तो ग्रीन टी का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
ग्रीन टी के अधिक सेवन से संवेदनशील व्यक्तियों में हड्डियों की बीमारी जैसे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। ग्रीन टी में मौजूद कम्पाउन्ड कैल्शियम के अवशोषण को रोकते हैं। जिसके परिणामस्वरूप हड्डियों का स्वास्थ्य खराब होता है। यदि आप हड्डियों की बीमारी से ग्रसित हैं, तो ग्रीन टी के अपने सेवन को सीमित रखें। साथ ही सुनिश्चित करें कि आप कैल्शियम सप्लीमेंट लें रहें हैं।
टैनिन, कैफीन और चाय कैटेचिन सभी गर्भावस्था के दौरान बढ़े हुए जोखिम से जुड़े हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कम मात्रा में ग्रीन टी (प्रति दिन 2 कप से अधिक नहीं ) गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान सुरक्षित है।
कैफीन स्तन के दूध के माध्यम से शिशुओं तक जाता है। इसलिए अपने डॉक्टर से सलाह लें। प्रति दिन 2 कप से अधिक पीने से बच्चों में गर्भपात और जन्म दोष हो सकते हैं।
कैफीन का बड़ी मात्रा में सेवन करने पर आपको चक्कर आ सकता है। कैफीन ब्रेन और नर्वस सिस्टम में रक्त के प्रवाह को कम करता है, जिसके कारण मोशन सिकनेस होती है। कुछ मामलों में, ग्रीन टी के सेवन से टिनिटस (tinnitus) भी बढ़ सकता है, जिसे कानों में बजना कहा जाता है। अगर आप टिनिटस से पीड़ित हैं तो ग्रीन टी पीने से बचें।
तो लेडीज, अगर आप जल्दी वजन घटाने के लिए ज्यादा मात्रा में ग्रीन टी का सेवन करती हैं, तो उसे तुरंत नितंत्रित करें।
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