मम्मी और नानी त्रिफला की तारीफ करते नहीं थकतीं थीं। जब भी पेट गड़बड़ होता था, त्रिफला लेने की सलाह दी जाती। तो मुझे ट्राय करना था और जानना था कि क्या वाकई त्रिफला इतना फायदेमंद है!
लेकिन सेवन शुरू करने से पहले मैंने अपने स्तर पर रिसर्च भी की। इस काम में हम गूगल के पास ही तो जाते हैं। गूगल से इस आयुर्वेदिक औषधि के बारे में ढेर सारी जानकारी मैंने हासिल की। त्रिफला में तीन औषधियों का मिश्रण है- आंवला, बहेड़ा और हरड़। आयुर्वेद में इन्हें अमलकी, विभीतक और हरितकी कहा जाता है। त्रिफला को वैश्विक स्तर पर अपने चिकित्सकीय फायदों के लिए जाना जाता है।
सेवन शुरू करने के चार- पांच दिनों में ही मुझे छोटे-छोटे सुधार नज़र आने लगे। मेरी त्वचा ज्यादा साफ और चमकदार नज़र आने लगी। एक्ने और पिगमेंटेशन की समस्या से मुझे छुटकारा मिला। दो हफ्ते पूरे होते-होते मेरे शरीर में कई बड़े बदलाव आ गए हैं। न सिर्फ मेरी स्किन अच्छी हुई है, बल्कि मैंने वज़न भी घटाया है।
त्रिफला के बारे में और जानकारी लेने के लिए मैंने बात की डॉ लावनीत बत्रा से। डॉक्टर बत्रा दिल्ली एनसीआर की जानी-मानी न्यूट्रीशनिस्ट हैं।
जो मैंने खुद अनुभव किया और जो मुझे डॉ. बत्रा ने बताया, वह मैं आपसे साझा करती हूं-
डॉ बत्रा के अनुसार,”त्रिफला हमारे पाचन तंत्र को नैचुरली साफ और डीटॉक्सिफाई करता है। इसके कारण पेट की सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।”
त्रिफला में मौजूद तीनों औषधियां इन्फेक्शन से लड़ती हैं और शरीर को पोषण प्रदान करती हैं जिससे हमारी इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग होती है।
त्रिफला एंटीऑक्सीडेंट का भंडार है, साथ ही उसमें एंटीइंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी भी है। एंटीऑक्सीडेंट शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को खत्म करते हैं जिससे त्वचा कई रोगों से मुक्त रहती है। एक्ने, मुंहासे, फाइन लाइन्स, पिगमेंटेशन और इंफेक्शन से छुटकारा दिलाने में त्रिफला सबसे बेहतरीन औषधि है।
रेचक या लैक्सेटिव यानी वह पदार्थ जो पेट साफ करता हो। त्रिफला पाचन के लिए तो फायदेमंद है ही, साथ ही वेस्ट को शरीर से निकालने में भी सहायक है। डॉ. बत्रा बताती हैं, “कब्ज़ के मरीजों को त्रिफला बहुत फायदा पहुंचाता है। और सबसे अच्छी बात है कि इसकी आदत नहीं लगती। यह पूरी तरह से प्राकृतिक है।”
त्रिफला में कोलेसिस्टॉकिन नामक एक कंपाउंड होता है, जो दिमाग को बताता है कि पेट भरा हुआ है। इसलिए हम ज्यादा नहीं खाते, और कैलोरी इन्टेक मैनेज हो जाता है। इसके साथ ही त्रिफला पाचनतंत्र के लिए भी बहुत लाभकारी है, जिसके कारण वेट लॉस कंट्रोल में रहता है।
हम लोग वैसे भी चौबीसों घंटे मोबाइल से चिपके रहते हैं। ऐसे में त्रिफला हमारे लिए बहुत ज़रूरी है। त्रिफला आंखों को स्वस्थ रखता है और ग्लूकोमा, कंजेक्टिवाइटिस और मोतियाबिंद जैसी समस्याओं की रिस्क को कम करता है। त्रिफला के पानी से आंख धोने से बहुत लाभ मिलता है, लेकिन इसके लिए अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
अब ये तो हो गए त्रिफला के फायदे, लेकिन इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने का तरीका भी जानना जरूरी है।
डॉ बत्रा के अनुसार त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी के साथ रात को सोने से पहले लेना चाहिए। मैंने त्रिफला चूर्ण को दिन में एक बार खाया, आप दो बार तक भी खा सकते हैं। मैं त्रिफला के फायदों से पूरी तरह संतुष्ट हूं।