मां का दूध (Breastfeeding आपके बच्चे के लिए सबसे पहला और सर्वोत्तम आहार है। कुछ महिलाओं की ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई बहुत ही कम होती है। जिसके कारण बच्चे की भूख मिट नहीं पाती। इसके साथ ही उन्हें पोस्ट डिलीवरी रिकवरी में भी बहुत सी समस्याएं आ सकती हैं। इसके लिए बहुत हद तक आपका आहार जिम्मेदार हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद आपका आहार संतुलित और पौष्टिक होना बहुत जरूरी है। विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week) के अवसर पर उन फूड्स के बारे में बात करते हैं जो दूध बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं।
अपोलो क्रैडल रॉयल में सीनियर गायनोकोलॉजिस्ट डॉ गीता चंदा के मुताबिक मां की ब्रेस्ट में दूध न बनने की समस्या प्रसव के एक या आधा सप्ताह तक रह सकती है। इसका कारण कुछ मेडिकल कॉम्प्लिकेशन हो सकती हैं। यह भी देखने में आया है कि कम से कम 25% मां इस प्रकार का अनुभव करती हैं जब दूध प्रसव के 3 दिन या बाद भी नहीं बनता।
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कुछ महिलाओं की प्राकृतिक रूप से ही ऐसी ब्रेस्ट होती हैं, जिनमें मिल्क मेकिंग डक्ट की मात्रा बहुत कम होती है और वह अपने बच्चे के लिए पर्याप्त दूध नहीं बना पाती हैं।
अगर आपको पीसीओएस जैसे या थायराइड, हाइपर टेंशन, डायबिटीज जैसी बीमारी हैं, तो आपके हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं। इन कारणों से न केवल आप कंसीव करने में परेशानियां फेस करती हैं, बल्कि आपको पर्याप्त दूध की मात्रा बना पाने में भी परेशानी होती है।
बहुत सी महिलाओं को इस प्रकार की पिल्स लेने से किसी तरह का नुकसान नहीं होता, लेकिन कुछ महिलाओं के हार्मोन्स लेवल बर्थ कंट्रोल पिल्स के कारण बहुत अधिक प्रभावित हो जाते हैं। जिस कारण उनकी ब्रेस्ट मिल्क सप्लाई काफी कम हो जाती है।
अगर आप पार्सले, पिपरमिंट या सेज जैसी चीजों का अधिक प्रयोग करती हैं और कुछ खास दवाइयां लेती हैं, तो यह भी आपके कम दूध बन पाने का एक कारण हो सकता है।
मेथी के बीजों का दूध के उत्पादन को बढ़ाने के लिए काफी लंबे समय तक प्रयोग किया जा रहा है। इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड्स की मात्रा भी अधिक होती है, जो बच्चे के दिमाग के विकास के लिए काफी अच्छे होते हैं। आप मेथी की पत्तियों का सेवन भी कर सकती हैं, इससे आपको बीटा केरोटिन, कैल्शियम और आयरन जैसे पोषण मिल सकते हैं। आप इसे चाय में एड करके भी पी सकती हैं।
सौंफ आपके दूध को तो बढ़ाती ही है साथ में यह आपको गैस जैसी समस्याओं से भी छुटकारा दिलाती है। इसके साथ ही ये सारे लाभ आपके दूध के द्वारा आपके बच्चे में भी ट्रांसफर हो जाते हैं। आप एक रात पहले सौंफ पानी में भिगो कर उन्हें सुबह पी सकती है।
दूध को बढ़ाने के लिए आप लहसुन का प्रयोग कर सकती हैं लेकिन इससे आपके दूध का टेस्ट और स्मैल बदल जाती हैं। इसलिए आपको इसका सेवन केवल सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। लहसुन आपके इम्यून सिस्टम के लिए भी लाभदायक होता है।
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कस्टमाइज़ करेंपालक, केल और मेथी जैसी हरी और पत्तेदार सब्जियों के सेवन से आपको बहुत से पोषण मिलते हैं – जैसे आयरन, कैल्शियम और फोलेट। इनमें बहुत अधिक विटामिन्स होते हैं। जिस कारण आपके दूध की सप्लाई भी बढ़ती है। इसलिए हरी सब्जियों को भी अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
जीरे से आपकी कब्ज और पाचन संबंधी समस्याएं ठीक होने में मदद मिलेगी। जीरे को भी ट्रेडिशनल रूप से दूध की मात्रा को बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। इसे आप एक रात पहले पानी में भिगो कर रख दें और सुबह वह पानी छान कर पी लें।