सर्दियों का मौसम है, ऐसे में बाजरे की रोटी (Bajre ki Roti) की बात न हो, ऐसा हो नहीं सकता! सर्दियों में हम सभी बाजरे की रोटी खाना बहुत पसंद करते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि आजकल पोषण विशेषज्ञ इसे दैनिक आहार में शामिल करने की सलाह देते हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि, बाजरे की रोटी पोषक तत्वों (Nutrients) से भरपूर होती है। इसका सेवन कई बीमारियों का जोखिम कम करता है। आजकल यह इतनी लोकप्रिय इसलिए है, क्योंकि यह ग्लूटेन फ्री (Gluten-Free) होती है और वज़न घटाने (Weight Loss) में भी सहायक है।
इसलिए, अपने आहार में बाजरा और बाजरे का आटा (Bajre Ka Atta) शामिल करने की सलाह दी जाती है। तो, आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि बाजरे की रोटी आपके स्वास्थ्य के लिए किस तरह फायदेमंद है और सबसे महत्वपूर्ण बात! इसे खाने का सही समय क्या है?
तो आइये पता करते हैं…
ऊर्जा: 361 किलो कैलोरी | कार्बोहाइड्रेट: 67 ग्राम | प्रोटीन: 12 ग्राम | वसा: 5 ग्राम | खनिज 2gm | फाइबर: 1 ग्राम | कैल्शियम 42 ग्राम | फास्फोरस: 296 ग्राम | आयरन: 8mg
बाजरा जटिल कार्ब्स से बना होता है, जो धीरे-धीरे शरीर द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। यह आपको तृप्त महसूस कराता है और अधिक खाने से रोकता है। पॉर्शन कंट्रोल (Portion Control) वजन बढ़ने के जोखिम को कम करता है।
मिलेट (Millet) यानी बाजरा में अघुलनशील फाइबर सामग्री एक प्रीबायोटिक (Probiotics) के रूप में कार्य करती है। जो आपके पाचन स्वास्थ्य को नियंत्रित करती है। अघुलनशील फाइबर कब्ज जैसी पाचन संबंधी समस्याओं को दूर रखते हुए मल त्याग में भी सुधार करता है।
चूंकि बाजरा मैग्नीशियम का एक अच्छा स्रोत है, इसलिए हृदय रोगियों के लिए अपने आहार में बाजरे की रोटी शामिल करना अच्छा होता है। मैग्नीशियम बीपी और मधुमेह जैसे हृदय रोगों के जोखिम कारकों को रोकने में सक्षम है। अध्ययनों ने एलडीएल (Bad) कोलेस्ट्रॉल को कम करने पर मैग्नीशियम के लाभकारी प्रभाव की ओर भी इशारा किया है और यह स्ट्रोक से भी बचाता है।
एनसीबीआई के अनुसार बाजरे की रोटी मधुमेह रोगियों (Millet in Diabetes) के लिए अच्छी होती है। इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है और यह धीरे-धीरे पचता है। ग्लूकोज के स्तर में अचानक कोई वृद्धि (Sugar Spike) नहीं होती है। इसलिए, रक्त शर्करा (Blood Sugar) के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए यह सही है। इसके अलावा, बाजरा मैग्नीशियम का भी एक अच्छा स्रोत है, जो मधुमेह के जोखिम को कम करने से जुड़ा है।
अब हमें यह तो पता चल गया है कि बाजरे के आटे से बनी रोटी स्वास्थ्य के लिए कितनी फायदेमंद होती है। मगर, इसे खाने का सही समय क्या है?
बाजरे की रोटी में प्रोटीन बहुत अधिक और कार्बोहाइड्रेट कम होता है। हालांकि बाजरे की रोटी में कैलोरी थोड़ी अधिक होती है, लेकिन प्रोटीन और आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होने के कारण दैनिक आहार में इसे शामिल करने की अनुशंसा की जाती है। इसलिए बाजरे की रोटी को आप रात के खाने में खा सकते हैं।
मगर ध्यान रहे सोने से कम से कम 4 घंटे पहले इसका सेवन करें और हां… थोड़ा घी और गुड़ इसके साथ खाना न भूलें, यह बेहद स्वादिष्ट लगेगी।
बाजरे में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती और कर्ब्स कम होते हैं। कर्ब्स हमें एनर्जी देते हैं, इसलिए अगर आपको इसे नाश्ते में खाना है तो आप इसे ढेर सारी सब्जियों के साथ पकाएं। आपके पाचन तंत्र को इसे पचाने में थोड़ा समय लग सकता है, क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है।
हालांकि बाजरे में कुछ एंटीन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो अन्य विटामिन और खनिजों के अवशोषण को रोकते हैं। मगर यह अनाज ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित है, जिनमें ग्लूटेन-फ्री आहार का पालन करने वाले भी शामिल हैं। इसलिए आप खाने के साथ आराम से 2 – से 3 रोटी खा सकते हैं।
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