सावन में आप में से कई महिलाएं सोमवार का व्रत रखती होंगी। कुछ महिलाएं व्रत के दौरान केवल मीठे व्यंजन खाती हैं, तो कुछ महिला रात को नमक यानि की नमकीन व्यंजन से अपने उपवास तोड़ती हैं। बरसात के मौसम में व्रत के दौरान खान पान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इस मौसम में ह्यूमिडिटी की वजह से वातावरण में उमस बढ़ जाती है। जिसकी वजह से उपवास में तबियत बिगड़ने का खतरा होता है। ऐसे में यदि अपने डाइट प्लान को लेकर कन्फ्यूज्ड रहती हैं, तो चिंता न करें हेल्थ शॉट्स के साथ जानेंगे सावन के व्रत में क्या खाना चाहिए (Sawan fasting diet tips) और क्या नहीं।
संतुष्टि प्रदान करने वाली यह सब्जी आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकती है। कच्चा केला वेट मैनेज करने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। यदि आप डायबिटीज़ से पीड़ित हैं तो कच्चे केले का सेवन ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रहने में मदद कर सकता है। साथ ही, यह उच्च रक्तचाप को मैनेज करने में भी मदद करता है। यह अल्सर की स्थिति में फायदेमंद है और आपको इससे फ़ौरन राहत प्रदान करता है। ये आपको ब्लोट भी नहीं होने देगा क्योंकि यह पाचन तंत्र के लिए बेहद कारगर होता है।
लौकी में पानी की अधिक मात्रा मौजूद होती है। इसमें लगभग 92% तक पानी होता है। साथ ही इसमें विटामिन सी, विटामिन के और फाइबर की पर्याप्तग मात्रा पाई जाती है। साथ ही इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, सोडियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, जिंक, कॉपर, मैंगनीज, सेलेनियम, विटामिन सी, राइबोफ्लेविन, थियामिन, पैंटोथेनिक एसिड, विटामिन बी, नियासिन और फोलेट की मात्रा पाई जाती है।
इसका सेवन आपके शरीर को पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करता है साथ ही आपको लंबे समय तक संतुष्ट रखता है। हालांकि, लौकी की खीर बनाने के लिए इसमें चीनी (रिफाइंड शुगर) का इस्तेमाल न करें। व्रत में इसका सेवन आपके लिए अधिक फायदेमंद रहेगा।
दूध और मखाना की ये खास रेसिपी फास्टिंग के दौरान वेट लॉस और शुगर कंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकती है। 100 ग्राम मखाना लगभग 347 कैलोरी एनर्जी देता है। यह फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम और फॉस्फोरस का भी अच्छा स्रोत है। मखना वेट लॉस में भी मददगार हो सकता है।
जर्नल ऑफ़ प्लांट न्यूट्रिशन में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, मखाना कैल्शियम, प्रोटीन से भरपूर होता है। इसमें जिंक, मैग्नीशियम और आयरन की मात्रा पाई जाती है। मखाने में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और कुछ अमीनो एसिड इसे त्वचा और दिल की सेहत के लिए एक खास खाद्य पदार्थ बनाते हैं। इसमें एंटी-एजिंग गुण होते हैं। साथ ही इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी भी पाई जाती है।
सेंधा नमक को शुद्ध नमक माना जाता है, इसलिए इसे व्रत में इस्तेमाल करते हैं। इसे बनाने में किसी भी रासायनिक प्रक्रिया को शामिल नहीं किया जाता। यह पूर्ण रूप से प्राकृतिक है और जब समुद्र या झील का खारा पानी इवोपरेट हो जाता है और सोडियम क्लोराइड के रंगीन क्रिस्टल छोड़ देता है तब सेंधा नमक बनता है। इसे हलाइट, सैंधव लवना या सेंधा नमक भी कहा जाता है।
पब मेड सेंट्रल की मानें तो इसमें आयरन, कोबाल्ट, कॉपर, मैंगनीज, आयरन और जिंक जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। सेंधा नमक पाचन क्रिया के लिए बेहद प्रभावी रूप से कार्य करता है, इसलिए इसे फास्टिंग डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है। यह एसिडिटी, सूजन, कब्ज पेट में दर्द और उल्टी की स्थिति में कारगर होता है।
देसी घी विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन डी और विटामिन के से भरपूर होती है। वहीं एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज इसकी गुणवत्ता को अधिक बढ़ा देती हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार देसी घी में ब्यूटिरिक एसिड (एक प्रकार का फैटी एसिड है) की मात्रा पाई जाती है। इस प्रकार यह डाइजेस्टिव हेल्थ को संतुलित रखता है। उपवास के दौरान पाचन से जुड़ी समस्याएं होना आम है, ऐसे में घी युक्त खाद पदार्थों का सेवन हमें इन समस्याओं से निजात पाने में मदद करेगा।
घी का सेवन आपको उर्जा प्रदान करता है। यह फैटी एसिड के साथ ही एंटीमाइक्रोबॉयल और एंटीफंगल प्रॉपर्टी से युक्त होता है। वहीं यदि आप डायबिटीज में उपवास रख रही हैं, तो इस दौरान हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड में घी ऐड करने से ब्लड शुगर लेवल पर कार्बोहाइड्रेट का प्रभाव कम हो जाता है और यह ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने से रोकती है।
यदि आप व्रत में अधिक कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल कर रही हैं तो इससे आपको संतुष्टि नहीं मिलती और आपको अधिक भूख लगती है। वहीं ज्यादातर कैलोरी युक्त फूड्स में अधिक मात्रा में साल्ट, शुगर और फैट मौजूद होता है। साथ ही इनमें कोई भी पोषक तत्व नहीं होतें।
व्रत में लोग ज्यादातर लोग बार बार चाय पीते हैं। उन्हें लगता है इससे भूख नही लगती परन्तु आपको बताएं कि यह केवल ब्लोटिंग पैदा करता है इसका भुख से कोई लेना देना नहीं है। साथ ही खाली पेट चीनी युक्त चाय पीने से ब्लड शुगर के स्तर पर भी प्रभाव पड़ता है और आप ऊर्जा की कमी महसूस कर सकती हैं।
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आजकल बाजार में व्रत में खाये जाने वाले तरह तरह के व्यंजन मिलने लगे हैं। आलू की चिप्स से लेकर व्रत की थाली तक आपके पास कई ऐसे ऑप्शन उपलब्ध होते हैं। इनमें से ज्यादातर चीजें प्रोसेस्ड होती हैं जिन्हें बनाने में तेल, साल्ट आदि का इस्तेमाल किया जाता है जो व्रत में आपको ब्लोटिंग का शिकार बना सकती हैं। इसलिए इनसे जितना हो सके परहेज रखें।
व्रत के मीठे व्यंजनों को बनाने में लोग अक्सर रिफाइंड यानी कि सफेद चीनी का इस्तेमाल करते हैं। इससे आपकी सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है। इन व्यंजनों को बनाने में अधिक मात्रा में चीनी की आवश्यकता होती है। ऐसे में यह आपके ब्लड शुगर लेवल को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।
यदि आप मीठे व्रत पर हैं तो आपके लिए डाइट का ध्यान रखना अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। इस दौरान आपको भरपूर मात्रा में पानी पीने की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही आप ग्रीन टी का सेवन कर सकती हैं। आप मीठे व्रत पर हैं, तो जाहिर सी बात है कि आप मीठे व्यंजनों का सेवन करेंगी। पर इस दौरान अपने मीठे व्यंजनों को बनाने में रिफाइंड शुगर की जगह गुड़, खांड, खजूर या शहद का इस्तेमाल करें।
हालांकि, इस बात का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है कि आप अपने खाद्य पदार्थों में अधिक मिठास एड न करें अन्यथा पूरे दिन मीठा खा कर आपके शरीर का ब्लड ग्लूकोज लेवल तेजी से बढ़ सकता है। जिसकी वजह से अगले दिन आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
मीठे व्रत में आप अपना कोई भी पसंदीदा मीठा व्यंजन खा सकती हैं जैसे कि साबूदाने और मखाने की खीर, खोया, सिंघाड़े का हलवा, आदि। परन्तु इनमें मिठास लाने के लिए इस्तेमाल हुए पदार्थों की मात्रा का विशेष ध्यान रखें।
नोट : ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की समस्या है तो मीठा व्रत न रखें। ब्लड प्रेशर की स्थिति में सोडियम की कमी के कारण समस्यायों का सामना करना पड़ सकता है, वहीं यदि आपको डायबिटीज है तो मीठे व्रत को पूरी तरह अवॉयड करें अन्यथा आप खुदके लिए परेशानिया खड़ी कर सकती हैं।
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