बायोएक्टिव प्लांट कंपाउड और विटामिन से भरपूर क्रैनबेरी स्वाद के साथ साथ पोषण का भी फुल डोज़ प्रदान करती है। खटास से भरी क्रैनबेरी को करौंदे के नाम से जाना जाता है, जो देखने में हल्के गुलाबी और लाल रंग के होते हैं। आमतौर पर अचार और जूस बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले करौंदे से बेहद रसीले होते हैं। क्या आप जानते हैं कि करौंदे से तैयार होने वाली चाय भी शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करती है। जानते हैं करौंदे के फायदे और इससे तैयार होने वाली चाय की रेसिपी भी (Benefits of cranberry tea)।
इस बारे में बातचीत करते हुए नूट्रिशनिस्ट नुपुर पाटिल का कहना है कि क्रैनबेरी पोषण से भरपूर एक ऐसा फल है, जिससे शरीर को कई फायदे मिलते हैं। वे लोग जो नियमित तौर पर क्रेनबेरी चाय का सेवन करते हैं, उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से दूर रखते है। एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर क्रेनबेरी शरीर को डिटॉक्स करता है। इससे शरीर में पनपने वाले संक्रमणों से राहत मिलती है यूटीआई का जोखिम भी कम हो जाता है। इसमें विटामिन सी और ई की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। क्रैनबेरी चाय का सेवन करने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित रखने में मदद मिलती है।
एनआईएच की एक रिसर्च के अनुसार क्रैनबेरी में प्रचुर मात्रा में फाइटोन्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। ए.टाइप प्रोएन्थोसाइनिडिन नाम के ये तत्व ई कोली को ब्लैडर और यूरीनरी टरैक से जुड़ने से रोकते हैं। सामान्य तौर पर महिलाओं में पाई जाने वाली यूटीआई की समस्या से निपटने के लिए क्रैनबेरी से तैयार का सेवन करना फायदेमंद साबित होता है।
कैंसर के जोखिम को दूर करने के लिए क्रैनबेरी का सेवन फायदेमंद है। इसमें मौजूद ए टाइप प्रोएन्थोसाइनिडिन प्लांट बेस्ड कंपाउड स्टमक इंफ्लामेशन और अलसर के खतरे से बचाता है। रिसर्च के अनुसार 189 लोगों के एक समूह ने 3 सप्ताह तक क्रैनबेरी जूस का सेवन किया और ऐसा करने से उनके शरीर में एच पाइलोरी संक्रमण का प्रभाव कम हो गया।
क्रैनबेरी का सेवन करने से शरीर को प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट की प्राप्ति होती हैं। इसमें मौजूद एंथोसायनिन, प्रोएन्थोसाइनिडिन और क्वेरसेटिन की मात्रा हृदय रोगों के जोखिम को कम कर देती है। दरअसल, क्रैनबेरी जूस या चाय का सेवन करने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होने लगता है और गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाते हैं।
करौंदे में विटामिन सी, ई और के 1 की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। फैट सॉलयूबल एंटी ऑक्सीडेंटस से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। साथ ही विटामिन सी का उच्च स्तर त्वचा और मसल्स को हेल्दी बनाता है। इसमें मौजूद एसकॉर्बिक एसिड त्वचा पर शरीर को संक्रमण से मुक्त रखकर डिटॉक्स करने में मदद करता है।
इसे बनाने के लिए हमें चाहिए
करौंदें 8 से 10
पानी 1 लीटर
शहद 1 चम्मच
नींबू का रस 1 चम्मच
लौंग 2 से 3
मोटी इलायची 1 से 2
क्रैनबेरी चाय बनाने के लिए करौंदों को धोकर उबलने के लिए रख दें।
15 मिनट तक उबलने के बाद उसे सीडनेस करके उसका रस अलग कर लें।
अब एक पैन में पानी गर्म करें और उबलते हुए पानी में लौंग और मोटी इलायची को डाल दें। खौलते हुए पानी में क्रैनबेरी जूस को एड कर दें।
पानी को छानकर कप में डालें और उसमें स्वादानुसार शहद और नींबू का रस एड कर लें।
इस चाय को तैयार करने के लिए करौंदों की उबालकर रस निकालने की जगह क्रैनबेरी पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
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