ये संकेत बताते हैं कि कमजोर है आपके बच्चे की गट हेल्थ, एक्सपर्ट दे रही हैं एक हेल्दी डाइट प्लान

गट माइक्रोबायोम में पाए जाने वाले बैक्टीरिया बच्चों को मानसिक और शारीरिक तौर पर हेल्दी बनाते हैं। जानते हैं कि वो कौन से संकेत हैं जो बच्चों की अस्वस्थ गट हेल्थ को दर्शाते हैं (Signs of poor gut health in kids)।
Poor gut health ko kaise pehchaanein
लीवर में फैट का निर्माण हो सकता है। चित्र अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 16 Feb 2024, 19:00 pm IST
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अक्सर बच्चों के पेट में रहने वाला दर्द, थकान और खाने में आनाकानी अस्वस्थ गट हेल्थ के कुछ अलार्मिंग साइन होते है। दरअसल, गट माइक्रोबायोम में पाए जाने वाले बैक्टीरिया बच्चों को मानसिक और शारीरिक तौर पर हेल्दी बनाते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बनाए रखते हैं। मगर अनहेल्दी इटिंग हेबिट्स बच्चों की आंतों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने लगती है। इससे बच्चे को पेट संबधी समस्याएं बनी रहती है। जानते हैं कि वो कौन से संकेत हैं जो बच्चों की अस्वस्थ गट हेल्थ को दर्शाते हैं (Signs of poor gut health in kids)।

गट माइक्रोबायोम किस उम्र में बनने लगता है

ओएसी डॉट एजुकेशन के अनुसार बढ़ते बच्चों में गट माइक्रोबायोम (Gut microbiome) अपनी जगह बनाने है। बच्चे के जन्म के कुछ सालों के भीतर तैयार होने वाले आंत माइक्रोबायोम को बेहतर बनाए रखने के लिए बच्चे के खान पान का ख्याल रखना बेहद ज़रूरी है।

दरअसल, चार या पांच साल की उम्र से पहले बच्चों का माइक्रोबायोम (microbiome) फलेक्सीबल बना रहता है। इस समय में बच्चों में एक मजबूत और स्वस्थ गट हेल्थ मेंटेन करने में मदद मिलती है। इसके बाद उम्र के साथ बच्चे के माइक्रोबायोम को बदलना कठिन होने लगता है। ये पूरी तरह से डाइट पर निर्भर करता है।

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आंत माइक्रोबायोम को बेहतर बनाए रखने के लिए बच्चे के खान पान का ख्याल रखना बेहद ज़रूरी है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

गट हेल्थ को मज़बूत बनाए रखना क्यों है ज़रूरी

इस बारे में बातचीत करते हुए नूट्रिशनिस्ट नुपुर पाटिल का कहना है कि बड़ों के समान ही बच्चों की गट हेल्थ (gut health) का मज़बूत होना बेहद आवश्यक है। पेट में दर्द, असंतुलित और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आंत के स्वास्थ्य में गड़बड़ी का संकेत देते हैं।

हेल्दी लाइफ के लिए बच्चों की गट हेल्थ को मज़बूत बनाए रखना ज़रूरी है। बच्चों के स्वास्थ्य में संतुलन बनाए रखने के लिए आहार में फाइबर, फलों और सब्जियों का अवश्य शामिल करें। इसके अलावा शरीर में गुड बैक्टीरिया को बनाए रखने के लिए प्रोबायोटिक्स (probiotics) का सेवन फायदेमंद रहता है। वहीं प्रोसेस्ड और ऑयली फूड बच्चे के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने लगते हैं।

डॉ लक्षिता जैन बता रही हैं बच्चों की कमज़ोर गट हेल्थ के लक्षण

1. मौसमी बीमारियों से ग्रस्त रहना

गट हेल्थ के कमज़ोर होने से मौसमी बीमारियों का खतरा सदैव बना रहता है। इससे सर्दी, जुकाम, कान में इंफेक्शन, हाईट और वेट का कम होना जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। डॉ लक्षिता का कहना है कि ऐसे बच्चों का पेट हमेशा अपसेट रहता है। बार बार बीमारियों की चपेट में आने वाले बच्चों का खान पान पूरी तरह से अनियमित पाया जाता है।

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बार बार बीमारियों की चपेट में आने वाले बच्चों का खान पान पूरी तरह से अनियमित पाया जाता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

2. पाचन में असुविधा

इस बारे में क्लिनिकल डाइटिशियन और एनयूटीआर की फाउंडर डॉ लक्षिता जैन का कहना है कि वे बच्चे जिनकी गट हेल्थ (gut health) कमज़ोर होती है और हेल्दी बेक्टीरिया (healthy bacteria) की कमी पाई जाती है। वे अक्सर कब्ज, दस्त, ब्लोटिंग व गैस से परेशान रहते हैं। इसके अलावा कुछ बच्चे ग्लूटन और लैक्टोस इंटालरेंस का भी शिकार रहते हैं। जैसे दूध पीने या चपाती खाने के बाद वॉमिटिंग या अपच की समस्या से गुज़रना पड़ता है।

3. थकान और फोकस की कमी

ऐसे बच्चे अक्सर कमज़ोरी और थकान से ग्रस्त रहते हैं। पढ़ने की ओर उनका मन नहीं लग पाता है। फोकस की कमी ऐसे बच्चों में देखने को मिलती है। छोटी छोटी बातों पर इन बच्चों को तनाव होने लगता है, जो इनकी ओवरऑल हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है।

4. स्किन रैशेज

आंतों का स्वास्थ्य त्वचा को भी प्रभावित करता है। इससे बच्चों को रैशेज और एग्जिमा जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। बच्चों की त्वचा पर बार बार खुजली की समस्या बनी रहती है। साथ ही मौसम बदलने के साथ एटोपिक डर्माटाइटिस की शिकायत भी बनी रहती है।

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जानिए क्या होते हैं बच्चों में रैश के कारण. चित्र : शटरस्टॉक

डॉ लक्षिता बच्चों की गट हेल्थ में सुधार के लिए बता रही हैं कुछ उपाय

स्कूल जाने से पहले जरूर दें ब्रेकफास्ट

बच्चे को खाने में दूध में पकाकर एक बाउल दलिया, ओटस या मिलेटस दें।
उबले हुए अंडे या पनीर मैश करके खाने के लिए दें
एक गिलास हल्दी वाला दूध दें
5 से 6 भीगे हुए बादाम दें

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कस्टमाइज़ करें

हेल्दी हो स्कूल ब्रेक में लिया जाने वाला टिफिन

स्टफ परांठा और सब्जी की कटोरी
कटा हुआ सेब या कोई भी मौसमी फल

घर पहुंचकर लंच भी है जरूरी

एक कटोरी खीरा या गाजर
एक बाउल खिचड़ी, दाल, चावल या सब्जी व रोटी दें
और एक कटोरी दही

ईवनिंग स्नैक्स में न हों जंक फूड

एक चम्मच मिक्स सीड्स
एक गिलास हल्दी वाला दूध

मोटे अनाज हैं डिनर के लिए हेल्दी

मिलेट से तैयार चपाती
एक कटोरी दाल और एक कटोरी चावल या रोटी

सोने से पहले

एक गिलास दूध दें।

 

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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