जितनी अच्छी होगी गट हेल्थ, उतना आसानी से होगा वेट लॉस, जानिए क्या है दोनों का कनैक्शन

वजन घटाने के लिए हम कई तरह के उपाय करते हैं। कीटो डाइट से लेकर इंटरमिटेंट फास्टिंग जैसे तमाम प्रकार के डाइट हम फॉलो करते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि यदि हम अपनी गट हेल्थ पर ध्यान दें, तो वजन घटाना आसान हो सकता है।
gut health ko kaise rakhein healthy
आंत डिटॉक्स तापमान और आर्द्रता परिवर्तनों के प्रति शारीरिक प्रतिक्रियाओं को बैलेंस रखने में मदद करता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
Published On: 18 Jan 2024, 08:00 am IST
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Dr Pradeep Negi
इनपुट फ्राॅम

वजन घटाने के लिए कई बार काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। हम इसके लिए डिटॉक्स वॉटर, तरह-तरह की डाइट और एक्सरसाइज ट्राई करते हैं। बावजूद इसके अपेक्षित परिणाम नहीं निकलते। फिर हमारे मन में सवाल उठने लगते हैं कि आखिर ऐसा क्या करें कि वजन कम हो। कुछ स्टडीज से पता चला है कि आंत में मिलने वाले हेल्दी गट माइक्रोबायोम वजन घटाने में मदद करते हैं। यदि गट हेल्थ का ध्यान रखा जाए, तो बढ़ते वजन को कंट्रोल (gut health to lose weight) किया जा सकता है।

कैलोरी बर्न करने के लिए जरूरी है हेल्दी गट (Gut health affects calorie burning)?

जब हम खाना खाते हैं, तो हमारी आंत उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देती है। सबसे छोटे टुकड़े ब्लड में समाहित होते हैं, जबकि शेष अपशिष्ट पदार्थ के रूप में बाहर निकल जाते हैं। दूसरे शब्दों में कहें, तो हम जो भी आहार लेते हैं, उसकी सारी कैलोरी शरीर में नहीं जाती, जिससे वजन कंट्रोल रहता है। गट में मौजूद कुछ बैक्टीरिया भोजन को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटने में ज्यादा सक्षम होते हैं, जिससे वे आसानी से पच जाते हैं। वहीं, कुछ से कैलोरी बढ़ती है और नतीजतन वजन भी।

माइंडफुल इटिंग है हेल्दी गट की चाबी (mindful eating is important) 

खाने को लेकर एक माइंडफुल अप्रोच रखना जरूरी है। कहने का मतलब है कि भूख लगने पर ही खाएं और जब पेट भरा सा महसूस हो, तो न खाएं। इससे आपकी गट हेल्थ ठीक रहेगी और कहीं न कहीं इससे वजन भी नियंत्रित रहेगा। अमेरिकी सोसाइटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी (एएसएम) के जर्नल एमसिस्टम्स में प्रकाशित 2021 का एक अध्ययन भी इसकी पुष्टि करता है। स्टडी के अनुसार, हमारी आंत में अच्छे कीड़े वजन कम करने की हमारी क्षमता पर सीधा प्रभाव डालते हैं।

एक्सपर्ट्स बता रहे हैं कि कैसे हम अपनी गट हेल्थ को सुधार सकते हैं (how to improve gut health)

1. भोजन में शामिल करें प्रोबायोटिक्स (include probiotics in your meal) 

प्रोबायोटिक फूड शरीर में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने का काम करते हैं। शरीर में जब गुड बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं, तो डाइजेशन सिस्टम से लेकर इम्युनिटी आदि सभी ठीक रहते हैं। दही, छाछ, लस्सी, पनीर, ढोकला, इडली प्रोबायोटिक फूड्स में आते हैं, जिन्हें डेली डाइट में शामिल करने से गट हेल्दी रहता है।

probiotics for stomach
प्रोबायोटिक फूड शरीर में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने का काम करते हैं। चित्र : शटरस्टॉक

2. प्रोसेस्ड फूड के सेवन को करें कंट्रोल (keep a control on processed food) 

प्रोसेस्ड फूड में चीनी, नमक, कृत्रिम पदार्थ, सैचुरेटेड फैट अधिक होते हैं और फाइबर के अलावा अन्य पोषक तत्वों की कमी होती है, जो गट बैक्टीरिया के लिए जरूरी हैं। इसलिए हम देखते हैं कि पिज्जा, मीठे एवं एयरेटेड पेय पदार्थ, सफेद ब्रेड, फलों के जूस, पेस्ट्री, कुकीज, फ्रेंच फ्राइज, केक, आलू के चिप्स, कैफीन, प्रोसेस्ड मीट, मार्जरीन इत्यादि का अधिक सेवन मोटापे की समस्या को आमंत्रण देता है।

डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर होने की आशंका भी बढ़ जाती है। इसलिए अच्छा रहेगा कि आप डाइट में फलों, हरी सब्जियों, अनाज को शामिल करें, जो गट माइक्रोबायोम के लिए आवश्यक हैं।

3. हाई फाइबर वाले लें आहार (take fibre rich foods)

फाइबर कई कारणों से पेट के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह हमारी आंत के कार्य को प्रभावित करते हैं। ये हृदय रोग और टाइप- 2 डायबिटीज की आशंका को कम करते हैं। अगर आप अपनी डाइट में हरी सब्ज़ियां, सेम,फलियां, फल, रोटी, अनाज, दाने, बीज, बादाम, काजू आदि शामिल करती हैं, तो गट को पर्याप्त फाइबर मिलते हैं। इसके अलावा, प्रीबायोटिक फाइबर गट माइक्रोबायोम के लिए विशेष रूप से सहायक हो सकते हैं, क्योंकि वे आंत में स्वस्थ बैक्टीरिया के लिए उर्वरक के रूप में कार्य करते हैं।

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नवरात्रि उपवास वेट लॉस में मददगार हो सकते हैं?

varicose veins ke liye fibre food ka chunav jaroori hai.
फाइबर कई कारणों से पेट के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

4 बोवेल मूवमेंट जरूरी है (Bowel movement for gut health)

बोवेल मूवमेंट, यानी शरीर से अपशिष्ट पदार्थ का बाहर निकलना। यदि अपशिष्ट पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं, तो वजन घटने में मदद मिलती है।

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