वजन घटाने के लिए कई बार काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। हम इसके लिए डिटॉक्स वॉटर, तरह-तरह की डाइट और एक्सरसाइज ट्राई करते हैं। बावजूद इसके अपेक्षित परिणाम नहीं निकलते। फिर हमारे मन में सवाल उठने लगते हैं कि आखिर ऐसा क्या करें कि वजन कम हो। कुछ स्टडीज से पता चला है कि आंत में मिलने वाले हेल्दी गट माइक्रोबायोम वजन घटाने में मदद करते हैं। यदि गट हेल्थ का ध्यान रखा जाए, तो बढ़ते वजन को कंट्रोल (gut health to lose weight) किया जा सकता है।
जब हम खाना खाते हैं, तो हमारी आंत उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देती है। सबसे छोटे टुकड़े ब्लड में समाहित होते हैं, जबकि शेष अपशिष्ट पदार्थ के रूप में बाहर निकल जाते हैं। दूसरे शब्दों में कहें, तो हम जो भी आहार लेते हैं, उसकी सारी कैलोरी शरीर में नहीं जाती, जिससे वजन कंट्रोल रहता है। गट में मौजूद कुछ बैक्टीरिया भोजन को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटने में ज्यादा सक्षम होते हैं, जिससे वे आसानी से पच जाते हैं। वहीं, कुछ से कैलोरी बढ़ती है और नतीजतन वजन भी।
खाने को लेकर एक माइंडफुल अप्रोच रखना जरूरी है। कहने का मतलब है कि भूख लगने पर ही खाएं और जब पेट भरा सा महसूस हो, तो न खाएं। इससे आपकी गट हेल्थ ठीक रहेगी और कहीं न कहीं इससे वजन भी नियंत्रित रहेगा। अमेरिकी सोसाइटी फॉर माइक्रोबायोलॉजी (एएसएम) के जर्नल एमसिस्टम्स में प्रकाशित 2021 का एक अध्ययन भी इसकी पुष्टि करता है। स्टडी के अनुसार, हमारी आंत में अच्छे कीड़े वजन कम करने की हमारी क्षमता पर सीधा प्रभाव डालते हैं।
प्रोबायोटिक फूड शरीर में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने का काम करते हैं। शरीर में जब गुड बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं, तो डाइजेशन सिस्टम से लेकर इम्युनिटी आदि सभी ठीक रहते हैं। दही, छाछ, लस्सी, पनीर, ढोकला, इडली प्रोबायोटिक फूड्स में आते हैं, जिन्हें डेली डाइट में शामिल करने से गट हेल्दी रहता है।
प्रोसेस्ड फूड में चीनी, नमक, कृत्रिम पदार्थ, सैचुरेटेड फैट अधिक होते हैं और फाइबर के अलावा अन्य पोषक तत्वों की कमी होती है, जो गट बैक्टीरिया के लिए जरूरी हैं। इसलिए हम देखते हैं कि पिज्जा, मीठे एवं एयरेटेड पेय पदार्थ, सफेद ब्रेड, फलों के जूस, पेस्ट्री, कुकीज, फ्रेंच फ्राइज, केक, आलू के चिप्स, कैफीन, प्रोसेस्ड मीट, मार्जरीन इत्यादि का अधिक सेवन मोटापे की समस्या को आमंत्रण देता है।
डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर होने की आशंका भी बढ़ जाती है। इसलिए अच्छा रहेगा कि आप डाइट में फलों, हरी सब्जियों, अनाज को शामिल करें, जो गट माइक्रोबायोम के लिए आवश्यक हैं।
फाइबर कई कारणों से पेट के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह हमारी आंत के कार्य को प्रभावित करते हैं। ये हृदय रोग और टाइप- 2 डायबिटीज की आशंका को कम करते हैं। अगर आप अपनी डाइट में हरी सब्ज़ियां, सेम,फलियां, फल, रोटी, अनाज, दाने, बीज, बादाम, काजू आदि शामिल करती हैं, तो गट को पर्याप्त फाइबर मिलते हैं। इसके अलावा, प्रीबायोटिक फाइबर गट माइक्रोबायोम के लिए विशेष रूप से सहायक हो सकते हैं, क्योंकि वे आंत में स्वस्थ बैक्टीरिया के लिए उर्वरक के रूप में कार्य करते हैं।
बोवेल मूवमेंट, यानी शरीर से अपशिष्ट पदार्थ का बाहर निकलना। यदि अपशिष्ट पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं, तो वजन घटने में मदद मिलती है।
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