शरीर पर होने वाला सर्द हवाओं का हमला खांसी, जुकाम और कई प्रकार की एलर्जी का कारण बनने लगता है। इससे गले में दर्द और नाम बंद रहता है। जो कुछ भी निकलने और सांस लेने में तकलीफ की वजह बन जाता हैं। अधिकतर लोग इन समस्याओं से राहत पाने के लिए कई प्रकार की दवाओं और कफ सिरप का सेवन करते हैं। अगर आप नेचुरल तरीके से शरीर को कोल्ड और कफ फ्री बनाना चाहती हैं। तो कुछ बेहतरीन आयुर्वेदिक टिप्स को अपनाएं। जानते हैं सर्दी खांसी से राहत दिलाने वाली कुछ आयुर्वेदिक टिप्स (Home remedies to get rid of cough)।
मौसम बदलने के साथ अगर आप एहतियात नहीं बरत रहे हैं, तो आसानी से ठण्ड की चपेट में आ सकते हैं। इससे गले में होने वाला दर्द और बंद नाक बुखार और गले में बलगम का कारण बनने लगते है। इस बारे में बातचीत करते हुए छाया परिक्षक एवं नाड़ी विशेषज्ञए वैद्य चंद्रशेखर का कहना है कि जड़ी बूटियों के सेवन से खांसी जुकाम को कम किया जा सकता है। इसके लिए हर्बस को शहद के साथ मिलाकर खाने से जल्दी राहत मिलने लगती है। दरअसल, मौसम बदलने का असर इम्यून सिस्टम पर भी दिखने लगता है। कमज़ोर इम्यून सिस्टम जल्द ही संक्रमण की चपेट में आने लगता है। ऐसे में गुनगुने पानी का सेवन करें, जो गले में बढ़ने वाले संक्रमण की रोकथाम में मददगार साबित होता है।
एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर हल्दी शरीर को संक्रमणों से दूर रखने में मदद करती है। इसमें मौजूद करक्यूमिन तत्व शरीर को डिटॉक्स करने का काम करता है। इसके अलावा शरीर को संक्रामक रोगों से बचाकर शरीर का इम्यून सिस्टम मज़बूत बनाता है। मौसम बदलने के साथ बढ़ने वाली सर्दी खांसी की रोकथाम के लिए दूध में कसा हुआ अदरक उबालकर उसमें हल्दी मिलाकर पीएं। इसमें पाए जाने वाने एंटीऑक्सीडेंटस शरीर को मज़बूती प्रदान करते हैं।
शरीर में बढ़ रहे बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करने के लिए अदरक को ग्राइंड करके उसका रस निकाल लें। अब उस रस में बराबर मात्रा में शहद मिलाएं। दिन में दो बार इसका सेवन करने से गले की खराश से लेकर खांसी और जुकाम तक सभी परेशानियों से राहत मिल जाती है। दरअसल, अदरक में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफलामेटरी गुण पाए जाते हैं। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत हो जाती है। छाया परिक्षक एवं नाड़ी विशेषज्ञए वैद्य चंद्रशेखर का कहना है कि शहद में पाए जाने वाले योगवाही गुण जिस भी खाद्य पदार्थ के साथ मिलाया जाता है। ये उसके प्रभाव को बढ़ा देता है।
शरीर को संक्रमणों से बचाने के लिए तुलसी से तैयार चाय पीना फायदेमंद साबित होता है। इसके लिए 1 कप पानी में 5 से 6 तुलसी की पत्तियों को धोकर पानी में उबालें। उसके बाद उसमें दालचीनी, एक इंच अदरक और काली मिर्च मिला दें। अब इसे छालकर अलग कर लें। आप चाहें, तो इसमें शहद मिलाएं और पीएं। इससे गले में बनने वाली बलगम से राहत मिलती है और खांसी भी हट जाती है।
डायबिटीज़ और हृदय संबधी समस्याओं से राहत दिलाने वाली अर्जुन की छाल को पानी में उबालकर पीने से इम्यून सिस्टम मज़बूत बनता है। इसके लिए अर्जुन की छाल को एक गिलास पानी में उबालें और उसमें चुटकी भर दालचीनी मिला दें। जब पानी आधा रह जाए, तो उसे छानकर अलग कर लें और पी लें। इससे लगातार होने वाली खांसी से बचा जा सकता है।
गले में बढ़ने वाली खराश और खांसी से खुद को बचाए रखने के लिए गुनगुने पानी से गार्गल करें। एक गिलास हल्के गर्म पानी में 1/4 चम्मच नमक मिलाकर गार्गल करने से गले का दर्द दूर होने लगती है। इसके अलावा कई प्रकार की एलर्जी और ओरल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से भी बचा जा सकता है। इसके अलावा शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को भी डिटॉक्स किया जा सकता है।
पानी को तेज गर्म कर लें और उसमें तुलसी की पत्तियां व लैवेण्डर ऑयल डालें। अब इससे स्टीम लें। बंद नाक की समस्या हल होने लगती है और गले में होने वाली खराश और उलझन भी कम हो जाती है। सर्दी जुकाम से परेशान होने पर कुछ दिन तक नियमित स्टीम लेना आवश्यक है। इसके लिए तौलिए से पूरे चेहरे को ढ़क लें ताकि स्टीम सीधा नाक और गले तक पहुंच पाए।
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