सर्दी के दिनों में तापमान में आने वाली गिरावट नींद के झोंके अपने साथ ले आती है। इससे दिनभर आलस्य बना रहता है और थकान का अनुभव होता है। इसका असर वर्क प्रोडक्टिविटी पर भी दिखने लगता है। अपने शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए इन फूड्स को मील में शामिल करके शरीर के स्टेमिना को आसानी से बढ़ाया जा सकता है। बार बार होने वाली थकान को दूर करने के लिए मील में छोटे बदलाव करके शरीर को एनर्जी से भरपूर बनाया जा सकता है। जानते हैं किन फूड्स की मदद से स्टेमिना नेचुरली बूस्ट कर सकते हैं।
इस बारे में बातचीत करते हुए मणिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि आहार ऊर्जा के स्तर को प्रभावित करता है। शरीर में लॉन्ग लास्टिंग स्टेमिना को बनाए रखने के लिए आहार में कॉम्प्लेक्स कार्ब्स, विटामिन, मिनरल, प्रोटीन और कैल्शियम का होना ज़रूरी है। इसके अलावा शरीर में हाइड्रेशन, नियंत्रित ब्लड शुगर लेवल, समय से भोजन और व्यायाम एनर्जी के लेवल को बढ़ाते हैं। ऊर्जा स्तर को बनाए रखने के लिए संतुलित आहार का लेना ज़रूरी है।
मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर केला शरीर को प्रचुर मात्रा में ऊर्जा प्रदान करता है। इसके नियमित सेवन से शरीर में स्टेमिना की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है। केले के सेवन से शरीर को कार्ब्स और फाइबर की भी प्राप्ति होती है, जिससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होने लगता है। एक्सरसाइज़ से पहले अधिकतर लोग केले का सेवन करते हैं ताकि शरीर में एनर्जी का लेवल मेंटेन रहे।
दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स शरीर में ऊर्जा को बनाए रखते है। इसे खाना और पचाना दोनों ही आसान है। प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर दही की गिनती एक बॉडी बिल्डिंग फूड की श्रृंखला में भी की जाती है। यूएसडीए के अनुसार 100 ग्राम दही से 63 कैलोरीज़ एनर्जी, 17 ग्राम मैग्नीशियम और 5 ग्राम प्रोटीन की प्राप्ति होती है। वे लोग जो सुबह दही का सेवन करते हैं, वे दिनभर अपने आप को एक्टिव और एनर्जी से भरपूर महससू करते हैं।
ठण्ड की शुरूआत के साथ बाज़ारों में पत्तेदार सब्जियों की मांग बढ़ने लगती है। पालक, बथुआ, साग और मेथी में फाइबर, आयरन और बीटा कैरोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसके सेवन से शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी को पूरा करके स्टेमिना को बढ़ाया जा सकता है। इसमें मौजूद आयरन तत्व खून की कमी को दूर करता है और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। इससे शरीर में ताज़गी बढ़ने लगती है।
शरीर में स्टेमिना बढ़ाने के लिए नट्स और सीड्स का सेवन फायदेमंद साबित होता हैं। इसमें बायोएक्टिव कंपाउन्ड, एंटीऑक्सीडेंटस और मिनरल पाए जाते हैं। इसके अलावा इनका लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स शरीर को हेल्दी बनाए रखता है। सूखे मेवों से ओमेगा 3 फैटी एसिड की प्राप्ति होने से शरीर में एनर्जी लेवल मेंटेन रहता है। जो स्टेमिना को बढ़ाने में मदद करता है।
माइक्रो न्यूट्रीएंट से भरपूर ओट्स को डाइट में शामिल करने से न केवल वेटलॉस में मदद मिलती है बल्कि इससे शरीर का स्टेमिना भी बना रहता है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम, आयरन और फोलट समेत कई पोषक तत्व इसकी गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करते हैं। इस सुपरफूड को खाने से बार बार भूख लगने की समस्या हल हो जाती है और आप लंबे वक्त तक एक्टिव बने रह सकते हैं।
कम कैलोरीज़ से युक्त ब्राउन राइज़ का सेवन करने से शरीर को उच्च मात्रा में फाइबर की प्राप्ति होती है। सफेद चावलों की तुलना में इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने से डायबिटीज़ के पेशेंटस के लिए ये बेहद स्वास्थ्यवर्धक साबित होते हैं। विटामिन बी1 और बी 6 से भरपूर ब्राउन राइज़ पचाने में आसान है। इससे शरीर में एनर्जी लेवल बना रहता है।
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