दिन की शुरूआत के साथ ही खाने पीने से लेकर ऑफिस जाने तक हम अपने पार्टनर का पूरा ख्याल रखते हैं। उनकी हर छोटी बड़ी ज़रूरत पर हमारी नज़र हमेशा टिकी रहती है। कुछ ऐसा ही व्यवहार हमारे पार्टनर का भी हमारे प्रति रहता है। वे भी हर वक्त हमारी ज़रूरतों और इच्छाओं को लेकर चिंतित रहते हैं। मगर कई बार वहीं चिंता(Stress) हमारे लिए सिरदर्द(Headache) साबित होने लगती है। इसमें कोई दोराय नहीं कि हमारे पार्टर की हमारे जीवन में खास अहमियत है और वो हमारे हर फैसले में शामिल भी होते हैं। मगर फिर भी कई बार ज़रूरत से ज्यादा इंटर फेयरेंस(Interference) और कंट्रोलिंग व्यवहार रिश्ते(How to deal with controlling partner) की कड़ी को कमज़ोर करने लगते हैं। ऐसे में रिश्तों के मध्य मनमुटाव होना लाज़मी है।
अगर आपको ऐसा लगने लगे कि आपका पार्टनर भी आपको कंट्रोल(controlling relationship) करने की कोशिश कर रहा है, तो इसमें उनकी गलती निकालने से पहले खुद से कुछ सवाल ज़रूर पूछें। कि क्या आप कोई काम करने में समर्थ नहीं है या आप कोई फैसला लेने में हिचकती है।
अक्सर महिलाएं ऐसे बहुत से काम है, जिन्हें करने से कतराती हैं। कोई गाड़ी चलाने से हिचकती है, तो कोई फाइनेंस से संबधित कार्यों को पति पर डाल देती है। ऐसे में अब पार्टनर कई बार परेशानी महसूस करने लगते हैं। ऐसी सिचुएशन में उनका रवैया कंट्रोलिंग(controlling nature) होने लगता है। वे अपनी पत्नी को कमतर आंकने लगते हैं। वहीं दूसरी तरफ हम भी पति को स्पेस देते चले जाते हैं। नतीजन उनका व्यवहार दिनों दिन कड़क होने लगता है और हम अपना आत्मविश्वास खोते चले जाते है। रिश्तों में अगर आप बराबरी का दर्जा वाकई चाहती हैं, तो खुद पर आत्मविश्वास बनाए रखें।
विशेषज्ञों के मुताबिक बहुत बार पार्टनर के कुछ कहने पर हम रिएकट करने लगते हैं। जो पूरी तरह से गलत है। अगर आपका जीवनसाथी आपसे किसी बात को लेकर नाराज़ है, तो शांति से उन्हें सुने। साथ ही उस समस्या का उपाय निकालें। इसके अलावा उस कारण को जानने की कोशिश करें कि क्यों आपके पार्टनर के रैवये में बदलाव नज़र आने लगता है। जिससे पति का बर्ताव दिनों दिन बदल रहा है। इसके अलावा आपके विचारों में पॉज़िटिविटी का होना भी ज़रूरी है, जो आपको इस मुश्किल घड़ी से निकालने में हिम्मत देती है।
डॉ युवराज पंत के मुताबिक अपने पार्टनर को समझने के लिए वीकेण्ड प्लान करें। क्यों कि कई बार तनाव भी कंट्रोलिंग बिहेवियर का कारण साबित हो सकता है। ऐसे में दो लोगों को समझने के लिए कुछ वक्त बातचीत करना और एक साथ समय बिताना जरूरी है। इस दौश्रान इस बात को समझने की कोशिश करें कि आपकी ऐसी कौन सी कमियां है, जिससे रिश्ते में दूरी आ रही है।
हर बात में खुद को बेहतर समझने की आदत पार्टनर में धीरे धीरे डिवेलप होती है। जो आगे चलकर ईगो और जिद्दीपन का रूप ले लेती है। ऐसे में पार्टनर को समय समय पर उनकी गलती का एहसास करवाएं। अगर वो किसी गलत बात के लिए जिद्द कर रहे है या दबाव बना रहे हैं। तो उन्हें सीधेतौर पर मना करना सीखें। ताकि उन्हें भी अपनी गलती का एहसास हो पाएं।
आपका साथी जब भी आपसे रूड होकर बात करें। ऐसे में आप पलटकर जवाब देने से बचें। खुद को तनाव में लाने से बचें। हो सकता है कि आपका साथी किसी मानसिक परेशानी से गुजर रहा हो। ऐसे में उन्हें कुछ भी पलटकर कहने से बचें।
घर में परेशानी और टेंशन को बढ़ाने की बजाय फूलों और नए परदों से घर को डेकोरेट करें। ताकि घर में बढ़ रही चिंताओं से बचा जा सके। साथ ही होम एनवायरमेंट एनर्जेटिक रहे।
ये भी पढ़े- वर्कप्लेस स्ट्रेस आपकी सेहत को भी पहुंचा सकता है नुकसान, जानिए क्यों जरूरी है इसे मैनेज करना
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें