रिश्ते में धीरे-धीरे कम होने लगता है लगाव, तो जानिए कि अब आपको क्या करना है!

जीवन में कई अप्स एंड डाउंस में हम खुद को बिल्कुल अकेला पाते हैं। अगर आपको भी ऐसा लगने लगा है कि अपने पार्टनर के बिना अब आप रह सकती है और आगे की जिंदगी अपने मन मुताबिक ही गुज़ारनी है, तो इन पहलुओं को एक बार ज़रूर सोचिए, शायद आपका फैसला बदल जाए।
Relation ko harm karta hai stress
बेज फ्लैग उन क्षेत्रों में आते हैं जो अधिक व्यक्तिपरक हो सकते हैं। चित्र : शटरस्टॉक
Updated On: 3 Jan 2023, 05:45 pm IST
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रिश्तों में सांठ गांठ और हंसी मज़ाक होना बहुत ज़रूरी है, नहीं तो रिश्ते(Relations) बेजान, बेमानी और महज़ एक फॉरमेलिटी(Formality) ही महसूस होते हैं। क्या आप भी कभी ऐसे किसी मोड़ से होकर गुज़रे हैं, जहां हमसफर का साथ तो है, मगर लगाव नहीं (losing affection in a relationship) । हमसफर(Partner) के प्रति जज़्बात तो है, मगर वो खिंचाव नहीं, जो दो लोगों को एक दूसरे के नज़दीक आने पर महसूस होता है।

बहुत बार ऐसा भी होता है कि जब कोई हमारा सबसे प्यारा हमारे नज़दीक हो, तो हम उसे फील नही कर पाते है और जैसे ही उससे दूर जाने का मन बनाते है, न जानें कहां से और कैसे, वो पुरानी बातें और ढ़ेर सारे किस्से कहानियां(tales) हमारे ज़हन में खुद ब खुद घर कर जाते हैं हम फिर कुछ सोचकर रूक जाते हैं। अगर आपको भी अपना रिश्ता(relationship) बेमानी लगने लगा है आपका पार्टनर(Partner) आपको अपने तनाव की वजह महसूस होने लगा है

तो इन बातों पर एक बार ज़रूर गौर करें। आइए इस बारे में राजकीय मेडिकल कालेज हल्दवानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत से जानते हैं कि क्या किया जाए, जब पति पत्नी को वैवाहिक जीवन लगने लगे एक बंधन

अपने पार्टनर के बिना देखें अपना फ्यूचर

अक्सर मी टाइम न मिलने के कारण महिलाओं को ऐसा लगने लगता है कि उन्हें अपना जीवन अकेले ही बिता लेना चाहिए। मगर इस तरह का बड़ा फैसला लेने से पहले एक बार फयूचर प्लानस(Future plans) पर नज़र दौड़ाएं । फिर सोचें और समझें कि क्या आपके उस ड्रीम वर्ल्ड में आप खुद को अपने पार्टनर(Partners) के साथ हैप्पी फील कर रही है। अगर नहीं, तो ज़ाहिर है कि आपके रिश्ते में अब कड़वाहट आ चुकी है और वो टूटने के मोड़ पर है।

unhealthy relationship
जानिए रिश्ते को हेल्दी बनाए रखने के टिप्स. चित्र शटरस्टॉक।

आपसी झगड़ों को केलकुलेट करके देखें

कभी कभार किसी बात पर बहस होना यां बात न करना नार्मल लाइफ का एक पार्ट है। लेकिन अगर आप रोज़ ऐसी सिचुएशन(Situation) से गुज़र कर ऑफिस जा रही है। काम पर फोकस(Focus) नहीं कर पा रही, तो आप धीरे धीरे तनाव की ओर बढ़ती जाएंगी। हर समय एक दूसरे में कमी निकालना और दूसरों के सामने अपने पार्टनर से झगड़ा करना। नीचा दिखाना, रिश्तों को खोखला बनाने का काम करता है। ये हालात रिश्तों में आपसी प्यार की कमी को दर्शाता है। 

जल्दबाजी में कोई फैसला न लें

सालों तक जो दो लोग एक साथ रह रहे होते है, वो कुछ छोटी छोटी बातों के कारण एक दूसरे से कई बार दूरी बना लेते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि वकप्लेस पर होने वाले डेली चैलेंज उनकी पर्सनल लाइफ को अफैक्ट करने लगते है।

वे अपना गुस्स अपने पार्टनर पर निकालने लगते हैं। ऐसे में बातों को नज़रअंदाज़ कर अपने भविष्य(Future) के लिए सोचना ज़रूरी होता है। मगर न्यूक्लियर फैमिलीज़ मे अक्सर देखा जाता हे कि रिश्तों के टूटने की संभावना ज्यादा रहती है। क्यों कि वहां आपको समझान वाला कोइ नहीं होता हैं। मगर फिर किसी भी डिसीज़न को जल्दबाजी में लेने से बचना ज़रूरी है। 

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हेल्दी टॉक को न करें अवॉईड

दो लोग जब आपस में एक दूसरे से नाराज़ हो जाते हैं या एक दूसरे से परेशान रहने लगते हैं, तो ऐसे में एक बार बात करनी तो बनती है। बिना बात किए अगर आप किसी फैसले पर पहुंच जाती है, तो वो आपका सेल्फ डिसिज़न ही कहलाता है।

दूसरों को सुनना और समझना ज़रूरी है और आपनी बात को दूसरों के समक्ष रखना भी आवश्यक है। कहते हैं, बातचीत हर परेशानी का हल निकाल लेती है। फिर दो लोग जो आपोज़िट साइड पर भाग रहे होते हैं। वे भी मिलकर चलना शुरू कर देते हैं।  

असली वजह पहचानें

विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार हम अपने पार्टनर को हर परेशानी के लिए जिम्मेदार बताने लगते है। उससे अलग होने का मन बना लेते हैं। मगर पूरी बातचीत के बाद इस बात का एहसास होता है कि अलग होने के पीछे कोई ठोस कारण नहीं है। ये बात सच है कि पति पत्नी के बीच विवाद होना एक आम बात है और बहुत से विवाद ऐसे होते हैं, जिनका कोई मुख्य कारण नहीं होता है। 

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अगर आपको पार्टनर अपने तनाव की वजह महसूस होने लगा है, तो इन बातों पर गौर करें। । चित्र : शटरस्टॉक।

किसी मनोचिकित्सक की सलाह लें

हो सकता है आपका फैसला एकतरफा हो, ऐसे में मनोचिकित्सक से बातचीत करना विचार विमर्श जरूर करें उनसे अपनी प्रोब्लम डिस्कस करें ओर उनके सुझावों को भी ध्यान से सुनें।
अपने पेरेंटस से अपनी परेशानी डिस्कस करें। अपने अलावा अपने बच्चों के बारे में ज़रूर सोचें और एक हेल्दी डिसीज़न लें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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