रिफ्लेक्सोलॉजी एक मेडिकल थेरेपी है। इसमें आपके पैरों में मुलायम हाथों से मसाज की जाती है। यह थेरेपी स्ट्रेस, एंग्जायटी को कम करने में मददगार है। विदेशों में इसे जोन थेरेपी के नाम से जाना जाता है। इसे एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर की भांति करते हैं। इसमें रिफ्लेक्सोलॉजिस्ट उपचार के लिए आपके पैरों के साथ कानों और हाथों को छूता है, लेकिन इसका फायदा पूरे शरीर को मिलता है। हालांकि, रिफ्लेक्सोलॉजी थेरेपी (Reflexology therapy) मालिश से भिन्न है। तो आइए जानते हैं रिफ्लेक्सोलॉजी कैसे आपके स्ट्रेस और एंग्जायटी को दूर करने में मददगार है।
शोध के मुताबिक, रिफ्लेक्सोलॉजी थेरेपी आपके तनाव को कम करके एनर्जेटिक बनाती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि रिफ्लेक्सोलॉजी थेरेपी स्ट्रेस कम करने में सहायक है। हाल ही में शोधकर्ताओं ने रिफ्लेक्सोलॉजी थेरेपी के साइकोलॉजिकल बेनिफिट्स के 17 स्टडीज को रिव्यू किया है। जिसमें यह बात सामने आई है कि लोगों की मेंटल हेल्थ के उपचार में यह बेहद कारगर हो सकती है। इससे लोगों को फिर सामान्य स्थिति में पहुंचने में मदद मिली है। इस थेरेपी के कुछ फायदे इस प्रकार है।
रिसर्च बताती है कि आप पर रिफ्लेक्सोलॉजी थेरेपी कैसा प्रभाव पड़ेगा? यह आपके खानपान, हेल्थ और आपकी लाइफस्टाइल पर डिपेंड करता है। इसे आप अरोमाथेरेपी की तरह मध्यम संगीत, हल्की रोशनी में ले सकते हैं। आप इस थेरेपी को एक झुकी कुर्सी पर बैठकर या मालिश की मेज पर लेट कर करा सकते हैं।
थेरेपी लेने से पहले आरामदायक कपड़े पहनें। इसको कई रिफ्लेक्सोलॉजिस्ट आपके पैरों पर तेल या क्रीम लगाकर शुरू करते हैं। इसके बाद अलग-अलग टेक्नीक के जरिये पैरों पर हल्का और मध्यम दबाव डाला जाता है। रिफ्लेक्सोलॉजी सेशन आमतौर पर 30 से 60 मिनट का होता है। सेशन लेने के बाद आप खुद में आराम, शांत और एनर्जेटिक महसूस करेंगी।
रिफ्लेक्सोलॉजी एसोसिएशन ऑफ अमेरिका के मुताबिक, जब पैरों की मालिश की जाती है, तब मस्तिष्क दर्द को महसूस करने की क्षमता को ऑफसेट कर देता है। इससे तनाव को दूर करने और मूड को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इससे आपकी दर्द को महसूस करने की क्षमता कम हो जाती है। रिफ्लेक्सोलॉजी थेरेपी शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को बनाए रखने में मददगार है।
वैसे तो रिफ्लेक्सोलॉजी को लेकर कई तरह के सिद्धांत प्रचलित हैं। ऐसे ही ज़ोन सिद्धांत के अनुसार, पैरों को पांच ज़ोन में बांटा जा सकता है। जो कि पैर की अंगुली से एड़ी तक चलता है। इसमें बड़े पैर का अंगूठा जोन एक और पैर की छोटी अंगुली जोन पांच कहलाती है।
इसी तरह शरीर को हम 10 क्षेत्रों में बांट सकते हैं। जो सिर से पैर तक का हिस्सा है। ऐसा माना जाता है कि पैरों का जोन शरीर के बाएं और दाएं जोन 5-5 केंद्र के साथ अलाइन्ड होता है। नतीजतन, जब आप पैर के जोन 1 पर दबाव डालते हैं, तो यह शरीर के उस हिस्से में दर्द को दूर कर सकता है, जो उस क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।
19वीं शताब्दी के सिद्धांत के अनुसार, रिफ्लेक्सोलॉजी थेरेपी नर्वस सिस्टम को उत्तेजित करने का काम करती है। यही वजह है कि पैरों के हल्के से दबाने से नसें उत्तेजित हो जाती है, जो सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम को एक मैसेज देने का काम करती है। इसलिए यह शरीर को आराम देने, श्वसन क्रिया को ठीक करने, ब्लड सर्कुलेशन और इम्यून सिस्टम बढ़ाने में मददगार है।
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