क्या आप जानते हैं कि आपकी कही हुई एक छोटी सी बात भी किसी व्यक्ति के मन मस्तिष्क को चोट पहुंचा सकती हैं। ऐसे ही एक कंडीशन है इमोशनल इनवेलिडेशन। इमोशनल इनवेलिडेशन आपके दोस्तों, बच्चों या अन्य लोगों की मेंटल हेल्थ को प्रभावित कर सकता है। ऐसे माहौल में वे अपनी प्रतिभा और आत्म विश्वास को कमज़ोर महसूस करने लगते हैं। वे किसी भी प्रकार की बात करने से हिचकने लगते हैं और खुद को दूर रखते हैं। उनके मन में एक डर बैठ जाता है कि न जाने आप उन्हें कैसी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।
आमतौर पर लोग कहते हैं कि वो तो मज़ाक था या तुम्हें नहीं कहा जा रहा था। मगर यही छोटी छोटी चीजें किसी व्यक्ति के मन को चोट पहुंचाने के लिए काफी होती है। अगर आप उनसे कोई बात करते हैं, तो उनकी दबदबा साबित करने की आदत आपको गलत ठहराने लगती है और आपसे बहस भी करने लगते हैं।
इस बारे में राजकीय मेडिकल कालेज हलद्वानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि इमोशनल इनवेलिडेशन यानि भावनात्मक अमान्यता का अर्थ है कि किसी व्यक्ति की भावनाओं या विचारों को सिरे से खारिज कर देना। इस प्रक्रिया में व्यक्ति ऐसा महसूस करने लगता है कि वो महत्वहीन है और दूसरों की नज़र में उसकी कोई वैल्यू नहीं है।
ऐसी स्थिति में अन्य लोग आप पर निशाना साधने का काम करते हैं और आप खुद को कमज़ोर महसूस करने लगते हैं। वहीं इमोशनल वेलिडेशन का अर्थ है कि व्यक्ति खुद को सुरक्षित महसूस करता है। लोगों के मध्य कम्यूनिकेट करना आसान लगने लगता है। इसमें लोग आपकी भावनाओं को मान्यता देने लगते हैं।
अगर कोई आपसे कहें कि मैं तो मज़ाक कर रहा है और मेरी बातों को गंभीरता से मत लो।
कोई व्यक्ति जो आपके ज़रिए की जा रही बातचीत में इंटरस्ट न ले।
आपको समझने की बजाय बात खत्म करने में विश्वास रखे।
आपके लिए खुद फैसले लेने लगे।
हर बात में आपको गलत ठहराया जाए।
बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जो हमारे सामने हमें नीचा दिखाने और गलत साबित करने का प्रयास करने लगते हैं। ऐसे में हमारा पार्टनर और दोस्त कई बार हमें कूल रखने का प्रयास करते हैं। ये कहकर बहलाने लगते हैं कि कोई बात नहीं जाने दो। इनकी बातों को ज्यादा पर्सनली मत लो। इनका तो ऐसा ही स्वभाव है, वगैरह, वगैरह। हांलाकि ये सब चीजें आपके मन और मस्तिष्क को प्रभावित करने का काम करती है। इससे आपका मन परेशान रहता है और आप खुद को कमज़ोर और नीचा महसूस करने लगते हैं। इस सिचुएशन से बाहर आने के लिए ऐसे लोगों की बातों को गंभीरत से न लें।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंअगर कोई व्यक्ति आपको बार बार नीचा दिखा रहा है, तो उसके पास ज्यादा देर तक न बैठो। उसकी बातें आपके दिलों दिमाग को नुकसान पहुंचा सकती हैं। जैसे ही कोई इंसान आपके इमोशनस को इनवेलिडेट करता है, तो खुद को अंदर से तैयार कर लें और वहां से चले जाएं। अगर आप ज्यादा देर वहां टिकेंगे, तो वो इंसान किसी न किसी प्रकार से आपकी भावनाओं को चोट पहंचा सकता है।
उन लोगों से दूरी बन लें, जो आपको बार बार गलत साबित कर रहे हैं। ऐसे लोग जीवन में किसी खास स्थान पर नहीं पहुंच पाते हैं, जिसके चलते वो अन्य लोगों की सफलता को भी बर्दाशत नहीं कर पाते हैं। वे दूसरे व्यक्ति को प्रतिभावान नहीं मानना चाहते हैं। ऐसे में वे खुद को बेहतर और दूसरे को निम्न स्तर पर आंकने लगते हैं। जो व्यक्ति आपकी भावनाओं की परवाह नहीं करता है। उससे दूरी बनाकर चलें और ज्यादा बातचीत करने से भी बचें।
कोई व्यक्ति कैसा भी व्यवहार करे, मगर आप खुद को पॉज़िटिव ही रखें। खुद को निगेटिव करने से सामने वाला व्यक्ति अपने आप को विजेता मानने लगेगा। नकारात्मक विचारधारा आपके लिए परेशानी का कारण बन सकती है। जो आपके जीवन को तनाव से ग्रस्त करने लगती है। बात बात पर गुस्सा होने से आपके व्यवहार में बदलाव आने लगेगा। किसी व्यक्ति के अनुचित व्यवहार को खुद पर हावी न होने दें।
ये भी पढ़ें- आखों के लिए हानिकारक हो सकता है आईलैश एक्सटेंशन का प्रभाव, इन 5 टिप्स से अपनी पलकों को दें नेचुरल ग्रोथ