इंसान के जीवन में हर पल एक जैसा नहीं होता है। कभी खुशी मिलती है, तो कभी गम। इन परिस्थितियों में खुद को मानसिक तौर पर मज़बूत बनाना ज़रूरी हैं। अधिकतर लोग फिजिकल हेल्थ पर फोक्स करने के चलते अपनी मेंटल हेल्थ का ख्याल नहीं रख पाते हैं। अगर आप भी मेंटल हेल्थ को अवॉइड करती है, तो इससे आपको मूड स्विंग (mood sing) जैसी समस्याओं से होकर गुज़रना पड़ता है। जानते हैं मूड स्विंग के कारण और इससे बचने के उपाय भी (tips to control mood swing)।
काउंसलर और ग्राफोलॉजिस्ट सोनल ओसवाल का कहना है कि मूड स्विंग होना कोई मेंटन डिसऑडर (mental disorder) नहीं है। ये समस्या किसी को भी हो सकती है। कई बार खुद को दूसरों से कंपेयर करने, आसपास के माहौल और हार्मोनल इंबैलेंस के कारण बार बार इस समस्या से होकर गुज़रना पड़ता है। अक्सर महिलाओं को पीरियड्स, मेनोपॉज और प्रेगनेंसी के दौरान मूड स्विंग (mood swing) से होकर गुज़रना पड़ता है। इस समस्या से बचने के लिए सेल्फ केयर सबसे ज़रूरी है। इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखें।
हार्मोनल इंबैलेंस
खुद के लिए समय न निकालना
नींद पूरी न होना
नकारात्मक लोगों से घिरे रहना
किसी बात को लेकर चिंतित रहना
मेनोपॉज से होकर गुज़रना
अगर आप मूड स्विंग (mood swing) से परेशान रहती हैं, तो वक्त किया गया वर्कआउट आपके तन को फिट और मन को हेल्दी रखता है। वॉक, साइकलिंग और स्विमिंग के अलावा कुछ वक्त एक्सरसाइज़ करें और योगाभ्यास के लिए निकालें। इससे आपके शरीर में हैप्पी हार्मोस रिलीज़ होते हैं, जो पूरे शरीर को एनर्जी से भरपूर बनाए रखते हैं।
देर तक जागना अगर आपकी दिनचर्या का हिस्सा है, तो इसका असर आपकी मेंटल हेल्थ (mental health) पर दिखने लगता है। आप दिनभर थकान, आलस्य और चिंताग्रस्त रहते हैं। इसका प्रभाव आपकी वर्क प्रोडक्टिविटी पर भी नज़र आने लगता है। पूरी नींद लेने से शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन बढ़ने लगता है। जो मूड बूस्टर के तौर पर शरीर को हैप्पी और हेल्दी बनाए रखता है।
दिनभर इधर उधर के कामों में व्यस्त रहने के कारण आपको खुद की केयर के लिए समय ही नहीं मिल पाता है। इसका असर आपके मन मस्तिष्क पर साफ दिखने लगता है। आप हर वक्त परेशान और निगनेक्टिड फील करते हैं। इससे व्यक्ति की सेल्फ इस्टीम (self-esteem) भी प्रभावित होती है। दरअसल, शरीर में होने वाले हार्मोनल असंतुलन भी इसका मुख्य कारण है। ऐसे में खुद को खुशहाल बनाए रखने के लिए सेल्फ केयर पर ध्यान दें।
शरीर में पानी की कमी होने से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ने लगता है। इसका असर आपकी फिजिकल परफार्मेस पर भी दिखने लगता है। दिनभर में थोड़ी थोड़ी देर बात पानी पीएं। जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन के अुनसार पानी की कमी से सिरदर्द, मूड स्विंग (mood swing) और फोक्स करने में दिक्कत होने लगती है। ऐसे में अपने मूड, मेमरी और ब्रेन परफार्मेस को बेहतर बनाए रखने के लिए पानी और तरल पदार्थ ज़रूर पीएं। इससे आपा बॉडी टैमपरेचर नियमित रहता है।
बॉडी मसाज के लिए लेवेण्डर ऑयल का प्रयोग करने से मूड लिफ्ट करने में मदद मिलती है। जर्नल ऑफ मेडकल एसोसिएशन ऑफ थाइलैण्ड के अनुसार वे लोग जो इस तेल का इस्तेमाल करते हैं उनका स्ट्रेस लेवल कम होने लगता है। इसके अलावा मूड स्विंग (mood swing) की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। इससे नींद न आने की समस्या हल हो जाती है और टेंशन्स रिलीज़ होने लगती है। लेवेण्डर ऑयल को बादाम के तेल में मिक्स करने कानों के पीछे और माथे पर लगाएं। इससे आप सुकून का अनुभव करने लगते हैं।
दिनभर व्यस्त रहने के कारण माइंड पूरी तरह से थक जाता है। बॉडी और माइंड को रिफ्रेशन करने के लिए कुछ वक्त दोस्तों के साथ बिताना ज़रूरी है। इससे आपकी टेंशन रिलीज़ होने लगती है। इसका असर आपके मूड पर भी दिखने लगता है। आप खुद को खुश रख पाते हैं और दुष्चिंताओं से मुक्त होते हैं। कुछ वक्त दोस्तों के साथ बिताने से आप खुद को अपडेटिड रख पाते हैं, जिससे आप हैप्पी फील करते हैं।
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