FREEDOM : एक्सपर्ट बता रहे हैं 4 उपाय, जो आपको मूड स्विंग से देंगे परमानेंट आज़ादी

पल-पल बदलता मूड सिर्फ आप ही को परेशान नहीं करता, बल्कि इसका असर आपके रिश्तों और आपकी प्रोडक्टिविटी पर भी आ सकता है। इसलिए इसे कंट्रोल करना जरूरी है।
Moodswings ko control karna zaruri hai
मूड स्विंग्स के कारण समझकर उनसे उबरना जरूरी है। चित्र: शटरस्टॉक
मोनिका अग्रवाल Updated: 23 Oct 2023, 09:37 am IST
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कभी गुस्सा, कभी झुंझलाहट, तो कभी एकदम उदासी में घिर जाना। मूड स्विंग किसी को भी हो सकता है। खासतौर से महिलाओं में प्रेगनेंसी, मेनोपॉज और अन्य कई बदलावों के साथ ज्यादा महसूस होने लगता है। पर ज्यादा चिंतित न हों क्योंकि आप अपने खानपान और कुछ अन्य गतिविधियों पर ध्यान देकर इससे उबर सकती हैं।

यदि वजह सीरियस नहीं है तो कारण आम हो सकता है। जैसे कि आपके मन के अनुसार किसी ने रिएक्शन नहीं दिया। तो बहुत गुस्सा हो गयीं। या उदास हो गयीं। या आपको कोई बात से अत्याधिक प्रसंता मिली तो आप खुश हो गयीं। 

क्या कहते हैं विशेषज्ञ 

तुलसी हेल्थकेयर, निदेशक, मनोचिकित्सक,डॉ गौरव गुप्ता बताते हैं कि मूड स्विंग किसी को भी हो सकता है। खासतौर से कोविड-19 महामारी के कारण तनाव और काम के अतिरिक्त दबाव के कारण ये लोगों में आम हो गया है।

मगर जल्दी-जल्दी मूड स्विंग (Mood Swings) होना सामान्य नहीं है। मेडिकल टर्म में इसे बायोलॉजिकल डिसऑर्डर (Biological Disorder) माना जाता है। इस डिसआर्डर के अंतर्गत दिमाग में केमिकल इंबैलेंस हो जाता है। इस इंबैलेंस की वजह से ही आप कभी बहुत गुस्से में, तो कभी बहुत खुश दिखाई देती हैं या कभी-कभी आपको उदासी घेर लेती है। 

Mood swings PMS ka bhi symptoms ho sakta hai
मूड स्विंग होना पीएमएस का लक्षण हो सकता है । चित्र: शटरस्‍टॉक

लेकिन अगर यह परेशानी बायोलॉजिकल डिसऑर्डर की वजह से हो रही है तब आपको इसमें अपने परिवार की, अपनी सखियों की मदद लेनी चाहिए। कोशिश कीजिए कि आप अकेली ना रहें।

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क्यों होता है हार्मोनल असंतुलन

महिला सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन का मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर, सेरोटोनिन पर इफेक्ट पड़ता है। सेरोटोनिन मूड बूस्ट करता है। एस्ट्रोजन का लेवल डिप्रेशन या पीएमएस या फिर पेरिमेनोपॉज आदि वजहों से ऊपर नीचे हो सकता है। जिसका असर सेरोटोनिन पर पड़ता है और मूड स्विंग्स होते हैं।

यहां हैं मूड स्विंग के लक्षण (Symptoms Of Mood Swing)

  1. थका हुआ महसूस करना 
  2. नींद न आना
  3. बेहद चिड़चिड़ा स्वभाव
  4. गुस्सा
  5. अत्याधिक दुखी रहना
  6. काम में मन न लगना
  7. कॉन्फिडेंस में कमी
  8.  एकदम भूख लगना
  9. अनियमित पीरियड्स
  10. ब्रीदिंग प्रॉब्लम

जानिए क्यों जरूरी है मूड स्विंग पर काबू पाना 

1 प्रभावित हो सकते हैं रिश्ते 

इसका सबसे ज्यादा असर तो आपके अपने रिलेशन पर पड़ता है। जब आप ज्यादा चिड़चिड़ी होंगी तो आपसे सब लोग दूरी बना लेंगे। क्या ऐसा आपके साथ हो रहा है? इस को जज करने की जरूरत है। ऐसा कोई सा भी एक लक्षण मिलने पर आपको मेडिकल एड लेने की भी जरूरत है।

2  डिस्टर्ब हो सकती है पर्सनल लाइफ

हो सकता है आप के इस व्यवहार की वजह से आपके घर का माहौल हमेशा अशांत रहे और इस वजह से सब लोग आप से खींचे खींचे रहें। जान लीजिए कि यह माहौल मिलने से आपकी परेशानी बढ़ेगी। घटेगी नहीं।

कैसे करें मूड स्विंग को कंट्रोल (How To Control Mood Swings)

1 हेल्दी डाइट लें (Eat Healthy)

आपने सुना ही होगा कि आप जैसा खाएंगी वैसा ही आपका मन बनेगा। इसलिए आप हेल्दी डाइट लें ताकि आप खुश रह सकें। आपकी डाइट में वह सभी न्यूट्रिएंट्स होनी चाहिए जो आपके लिए जरूरी है। आपको जंक फूड का कम सेवन करना चाहिए। साथ ही अधिक नमकीन या अधिक मीठा और मसालेदार भोजन भी नहीं करना चाहिए।

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2 रोजाना करें व्यायाम (Regular Exercise )

आपको देखकर आपके किसी जानने वाले का एक कमेंट आपको मिनट में खुश या मिनट में दुखी कर सकता है। इसलिए यदि आप चाहती हैं कि आपको हमेशा अच्छा कमेंट मिले तो आप अपनी हेल्थ का ध्यान रखिए। वैसे भी नियमित योगा, मेडिटेशन और कसरत आपके हार्मोन संतुलन को भी सही रखेगा। जिससे आपका मूड भी ठीक रहेगा। 

Yoga aur healthy diet apko mood swings se bacha sakti hai
स्वस्थ रहने के लिए आपको योग और आहार के संयोजन को समझना होगा। चित्र : शटरस्टॉक

3 पूरी नींद लें (Good Sleep)

रात में पूरी नींद सोएं। 8 घंटे की नींद से आप दिनभर फ्रेश रहेंगी। आप खुश भी महसूस करेंगी और आपका गुड हार्मोन ‘एंडोर्फिन भी बैलेंस रहेगा। मूड सही रखने के लिए और इस प्रकार की किसी भी स्विंग की परेशानी से बचने के लिए इससे बेहतर आइडिया और कोई हो ही नहीं सकता।

4 हाइड्रेट रहें (Hydrate Yourself)

दिन में कम से कम 2 लीटर पानी पीजिए। पानी हम सभी के लिए बहुत जरूरी है। यदि आपका शरीर हाइड्रेट रहेगा तो आप किसी भी तरह की परेशानियों से बची रहेंगी और टॉक्सिंस शरीर से बाहर आसानी से निकल पाएंगे। अगर आपसे ज्यादा पानी नहीं पिया जाता तो आप लेमन वॉटर पीजिए। इसके अलावा आप म्यूजिक सुनिए,अरोमा थेरेपी लीजिए,दोस्तों के साथ आउटिंग पर जायें,लोगो के साथ बातें कीजिए

सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप किसी भी प्रकार की नेगेटिविटी से खुद को बचाएं। क्योंकि एक बार अगर आप इसकी जकड़ में आ गईं, तो आपको उदासी या दुख खुद ही घेर लेगा। तब आप चाहकर भी मूड स्विंग की परेशानी से निकल नहीं पाएंगी। उन लोगों के साथ समय बिताइए जिनकी कंपनी आपको पसंद है।

तो लेडीज ये हैं तरीके बेवजह उदासी और दुख से दूर रहने के। आपके हाथ में है मूड स्विंग्स को कंट्रोल करना।

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लेखक के बारे में

स्वतंत्र लेखिका-पत्रकार मोनिका अग्रवाल ब्यूटी, फिटनेस और स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर लगातार काम कर रहीं हैं। अपने खाली समय में बैडमिंटन खेलना और साहित्य पढ़ना पसंद करती हैं। ...और पढ़ें

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