पर्सनल और प्रोफेशनल फ्रंट पर आगे बढ़ना है तो इन 6 तरीकों से करें फ्री टाइम का इस्तेमाल

काम के साथ-साथ आराम भी बहुत अधिक जरूरी है। यदि पर्सनल और प्रोफेशनल फ्रंट पर आगे बढ़ना है, तो खाली समय निकालना जरूरी है। इस खाली समय में इन 6 उपायों को आजमाना भी जरूरी है।
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मेंटल और फिजिकल हेल्थ, दोनों के लिए जरूरी है अपने लिए खाली समय निकालना। चित्र- शटर स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 29 Oct 2023, 20:31 pm IST
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वर्क फ्रॉम होम के कारण ज्यादातर लोग सारा दिन काम में ही लगे रहते हैं। इस कारण ऑफ टाइम मिलना मुश्किल हो गया है। घर से काम करने का मतलब यह भी हो सकता है कि काम करने और आराम करने की जगह में बहुत अधिक अंतर नहीं रह पाता है। जब हम ऑफिस में काम करते हैं, तब भी ऑफ़ टाइम या खाली समय के लिए समय निकालना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि मेंटल और फिजिकल हेल्थ, दोनों के लिए जरूरी है अपने लिए खाली समय (how to use free time effectively) निकालना।

खाली समय या ऑफ़ टाइम क्यों जरूरी है (Important of free time)

इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के अनुसार, ख़ाली समय या ऑफ़ टाइम हमारे मानसिक स्वास्थ्य का एक जरूरी हिस्सा है। प्रत्येक दिन दो घंटे तक खाली समय निकालने से तनाव काफी हद तक कम हो सकता है। सामान्य स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। दिन भर काम में लगे रहने और लगातार ईमेल, ग्रुप चैट या वर्कफ़्लो ऐप्स से जुड़े रहने से काम से छुट्टी मिलने पर भी कार्यों में तल्लीनता महसूस हो सकती है।

काम के घंटों के समाप्त होने के बावजूद यदि कोई व्यक्ति ऑफिस वर्क के बारे में सोच रहा है, तो वह खुद को डिस्कनेक्ट नहीं कर पा रहा है। इससे स्वास्थ्य की कई समस्याएं हो सकती हैं। सप्ताह में 50 से अधिक घंटे काम करने पर स्ट्रोक, हार्ट डिजीज, अवसाद और वेट गेन का खतरा बढ़ सकता है।

अपने लिए समय निकालना बहुत जरूरी है। चित्र : शटरस्टॉक।
अपने लिए समय निकालना बहुत जरूरी है। चित्र : शटरस्टॉक।

यहां हैं ऑफ़ टाइम में किये जाने वाले काम (6 ways to use free time effectively)

1. ध्यान या माइंडफुलनेस का अभ्यास (Meditation and Mindfulness)

सोसाइटी एंड मेंटल हेल्थ जर्नल के अनुसार, ध्यान या माइंडफुलनेस का अभ्यास रिलैक्स करने में सबसे अधिक मदद कर सकते हैं। यह तनाव और एंग्जायटी को कम करने में मददगार साबित होता है। एक आरामदायक स्थिति ढूंढें। चाहे वह बैठे या लेटे हुए हो। अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। इसमें ऐप्स और पॉडकास्ट भी ध्यान और माइंडफुलनेस थेरेपी प्रदान कर मदद कर सकते हैं।

2. किताब पढ़ें (Book Reading)

एक बेहतरीन किताब का मनोरंजन करने से कहीं ज़्यादा महत्व है। नियमित रूप से किताबें पढ़ने से अवसाद कम होता है। सोशल स्किल में सुधार होता है। उम्र भी बढ़ती है।

3. एक्सरसाइज (Exercises in off time)

जर्नल ऑफ़ मेंटल हेल्थ के अनुसार, रोजाना सिर्फ 30 मिनट का व्यायाम असाधारण स्वास्थ्य लाभ देता है। यह मस्तिष्क में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। आपको अच्छा महसूस कराने वाले एंडोर्फिन प्रदान करता है। यह मूड में काफी सुधार कर सकता है। स्थानीय जिम या रनिंग क्लब में भी शामिल हुआ जा सकता है।

4. एक नई भाषा सीखें (Learn New Language)

नई भाषा को सीखना मानसिक लचीलेपन को मजबूत करता है। उम्र बढ़ने पर यह संभावित रूप से संज्ञानात्मक गिरावट को रोक सकता है। नई भाषा को सीखना मज़ेदार और चुनौतीपूर्ण भी है। जैसे-जैसे आप आगे बढ़ती हैं, उपलब्धि की एक संतुष्टिदायक अनुभूति मिलती है

5 साफ़-सफ़ाई करें (Cleanliness in off time)

अपने घर की साफ़-सफ़ाई करना एक दायित्व की तरह लग सकता है। यह ऑफ़ टाइम में खुद को आराम देने का एक जरिया भी हो सकता है। एक अव्यवस्थित स्थान अक्सर अव्यवस्थित दिमाग की ओर ले जाता है। यदि पूरा घर साफ-सुथरा दिखता है, तो मानसिक शांति मिलती है। हर दिन एक कमरे को साफ करने में 10 मिनट खर्च करने का प्रयास करें

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घर की साफ़-सफ़ाई ऑफ़ टाइम में खुद को आराम देने का एक जरिया भी हो सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

6 नई रेसिपी सीखें (Learn New Recipe)

खाना बनाना कभी भी समय की बर्बादी नहीं है। नई रेसिपी न सिर्फ स्वादिष्ट हो सकती है, बल्कि सीखने की प्रक्रिया मेंटल हेल्थ को भी मजबूत बनाती है। एक नई रेसिपी या एक नई होम रेमेडीज ऑफिस से अलग किसी चीज़ पर ध्यान केंद्रित करने में मदद देती है।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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