क्या आपको अपना काम बोझिल लगता है? क्या आपको ऑफिस की सीट या केबिन, बॉस का चेहरा, ऑफिस इलेक्ट्रोनिक गुड्स बोरिंग लगते हैं? क्या डेडलाइन सुनते ही घबराहट होने लगती है? ये सभी सवाल यदि आपके मन में भी आते हैं, तो कभी यहां बताये गये सुझाव पर अमल करके देखें। विशेषज्ञ बताते हैं कि ध्यान यानी मेडिटेशन के लिए सिर्फ 2 मिनट समय निकालें। इससे न सिर्फ ऊपर बताये गये सवाल अपने-आप सॉल्व होकर मन में में आना बंद हो जायेंगे, बल्कि आपका प्रोफेशनल लाइफ भी बढ़िया (meditation for professional life)
हो जाएगी। आप हर काम स्ट्रेस फ्री होकर कर पाएंगी।
योग गुरु आचार्य कौशल किशोर बताते हैं, ‘मस्तिष्क की उपेक्षा करने से न केवल मानसिक स्वास्थ्य, बल्कि सम्पूर्ण (Overall well being) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्रोफेशनल रूप से प्रदर्शन भी प्रभावित होता है। ध्यान को रोजमर्रा के जीवन में शामिल कर न सिर्फ सेल्फ केयर कर सकती हैं, बल्कि प्रोफेशनल फ्रंट पर भी (meditation can help in professional life) आगे बढ़ सकती हैं। इसमें आपके दिन भर के केवल कुछ मिनट लगेंगे। यह जानने के लिए पढ़ते रहें कि ध्यान किस प्रकार काम में आपकी मदद कर सकता है।’
आचार्य कौशल किशोर के अनुसार, यदि आप ध्यान करती हैं, तो उसका लक्ष्य उस क्षण में पूरी तरह से मौजूद रहना है। यदि मन भटकता है, तो धीरे से खुद को वर्तमान क्षण में वापस लाना पड़ता है। ध्यान के दौरान दिमाग को सामने वापस लाने की यह स्मूद ट्रेनिंग फोकस बढ़ा देता है। यदि नियमित रूप से ध्यान के अभ्यास को किया जाए, तो काम पर ध्यान केंद्रित हो पाएगा। आपकी प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी। समय का प्रबंधन अच्छी तरह हो पायेगा। गलतियां करने और भूलने की संभावना कम हो जाएगी। आपका मस्तिष्क हाई लेवल पर काम कर पायेगा।
अलग और ख़ास आयडिया-विचार ही ऑफिस में आपको सभी-से अलग और विशेष बनाते हैं। जब हम ध्यान करते हैं, तो अपने आप को नेगेटिव विचारों और भावनाओं से दूर करने लग जाते हैं। इसके बदले में नए सकारात्मक विचारों और भावनाओं के प्रवेश के लिए जगह बनने लगती है। इससे रचनात्मक और लीक से हटकर आइडिया मिलता है। आप बेहतर करने के लिए प्रेरित होती हैं
गहरी नींद नहीं मिलने से मन चिडचिडा रहता है। हर किसी को मस्तिष्क और शरीर के ठीक से काम करने के लिए नींद की जरूरत होती है। यदि रात में नींद अच्छी तरह नहीं आती है, तो उसका प्रभाव काम पड़ पड़ता है। ध्यान केंद्रित रहने में अधिक कठिनाई होती है। अच्छी नींद हमें दिन भर एनर्जेटिक बनाये रखती है। हम काम करने के लिए भी प्रेरित होते रहते हैं। ध्यान स्वाभाविक रूप से उन रसायनों सेरोटोनिन और मेलाटोनिन को संतुलित करता है, जो नींद के लिए जरूरी हैं। सेरोटोनिन मेलाटोनिन हार्मोन बढ़िया नींद लाने में मदद करते हैं।
अक्सर हम खुद की आलोचना करते रहते हैं। ध्यान अंदर के विचारों और भावनाओं को छान देता है। यह अभ्यास सेल्फ केयर और करुणा (Self Compassion) को बढ़ाता है। आत्मविश्वास महसूस करने पर काम भी अच्छे तरीके से हो पाता है। खुद पर भरोसा बढ़ने पर बोलने या नए विचारों को सामने लाने में अधिक सहज महसूस हो सकता है। आत्मविश्वास प्रोफेशनल लाइफ को सही दिशा देने के लिए सबसे जरूरी है।
ध्यान सीधे तौर पर भावनाओं पर नियन्त्रण कर हृदय गति और रक्तचाप को संतुलित करता है। सांस धीमी होने पर शरीर और दिमाग शांत, आरामदायक और भावनात्मक रूप से स्थिर हो सकता है। यह दिमाग को किसी भी चुनौती से निपटना आसान बनाता है। ध्यान के कारण दिमाग एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल जैसे हॉर्मोन से भरा नहीं होता है। इसलिए हम निगेटिव नहीं सोच और कर पाते हैं। कार्य-संबंधी बेहतर निर्णय लेते हैं।
इन दिनों कई एप और विडियो हैं, जो ध्यान करना बताते हैं। इंस्ट्रक्टर की भी मदद ली जा सकती है। ध्यान के लिए सिर्फ आपको सांसों पर ध्यान देना है। बस दो मिनट बैठ जाएं। आंख बंद कर अपनी सांस पर ध्यान दें। आप कैसा महसूस कर रही हैं, इसकी जांच करें। जब ध्यान भटकने लगे, तो धीरे और शांतिपूर्वक मन को वापस सांस पर केन्द्रित करें। यदि सुबह टाइम मिलता है, तो यह सबसे बढ़िया है। दिन के किसी भी समय आंख बंद कर बैठा जा सकता है।
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