शरीर को फिट रखना जरूरी है। शरीर को स्लिम दिखाने के लिए भूखे रखना सही नहीं है। शरीर को स्लिम दिखाने के लिए कुछ महिलाएं गलत तरीके से उपवास करती हैं। स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाली डाइट पर रहती हैं। इस तरह की डाइट को इग्नोर करना और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना जरूरी है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए इंटरनेशनल नो डाइट डे मनाया जाने लगा। इसके माध्यम से लोगों को शरीर के प्रति पॉजिटिव सोच रखने (International no diet day) के लिए प्रेरित किया जाने लगा।
स्वस्थ आहार खाकर शरीर की फिटनेस बढ़ाने पर जोर देने के लिए हर वर्ष 6 मई को इंटरनेशनल नो डाइट डे मनाया जाता है। इसका उद्देश्य तेजी से बढ़ते जा रहे उस डाइट कल्चर से अपने आप को बचाना है जो किसी तय मानदंड को पूरा करने के लिए अपने शरीर और मन को कष्ट देता है।
नो डाइट डे की इस वर्ष की थीम (international no diet day 2024 Theme) है “खुद को सराहें, डाइट कल्चर को नकारें (Embrace yourself : Reject Diet Culture, Love You)।” यानी आप जैसे हैं अपने आपको वैसे स्वीकार करें। जिसका हम बॉडी पॉजीटिविटी के विशाल स्पेक्ट्रम में अभ्यास करने पर जोर देते हैं।
जर्नल ऑफ़ हेल्थ सायकोलॉजी के अनुसार, बॉडी पॉज़िटिविटी एक ऐसा मूवमेंट है, जिसमें सभी आकार और प्रकार के शरीरों को स्वीकार किया जाता है। सिर्फ उन लोगों को नहीं, जो सुंदरता के सामाजिक आदर्शों के अनुरूप हैं। यह आत्म-स्वीकृति, आंतरिक मूल्य और स्वस्थ तरीके से शरीर की क्षमता बढ़ाने पर जोर देता है।
जर्नल ऑफ़ हेल्थ सायकोलॉजी के अनुसार, यदि आपके मन में अपने या अपने शरीर के बारे में कोई नकारात्मक विचार है, तो इसे मन से निकालने की कोशिश करें। उदाहरण के लिए यदि आपके मन में यह विचार आता है कि मेरे पैर बहुत बदसूरत और मोटे हैं, तो इसे तुरंत मन से हटाने की कोशिश करें। इसे पॉजिटिव तरीके से सोचें।
आप सोचें कि आपके पैर मज़बूत हैं। वे आपको चलने, दौड़ने और कूदने में मदद करते हैं। बदलाव तुरंत नहीं होता है। धैर्य बनाकर कोशिश करें। हर बार सकारात्मक विचारों के साथ अपने नकारात्मक विचारों को ठीक करने का प्रयास करें। फिर यह आसान हो जाएगा।
अपने शरीर और अंगों को हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण से देखें। बार-बार यह बात दोहराएं। यह विचार बनाएं कि मैं अपने शरीर को वैसे ही स्वीकार करती हूं, जैसा वह है। मैं अपने शरीर की सराहना करती हूं। मैं अपने शरीर को वैसे ही प्यार करती हूं, जैसा वह है। मेरा शरीर अच्छा है। मेरा शरीर मज़बूत है। मेरा शरीर काफ़ी अच्छी तरह काम करता है। जब खुद अपनी तारीफ़ करेंगी, तो दूसरे क्या कह रहे हैं, उसका प्रभाव ही नहीं पड़ेगा।
जब आप जिम जाएं या कोई वर्कआउट करें, तो फिटनेस लक्ष्यों को दूसरों के बनाये तराजू पर नहीं देखें। कभी भी एक्सरसाइज और स्वस्थ आहार को सज़ा के तौर पर नहीं देखें। इसे मजेदार तरीके से अपनी रूटीन में शामिल करें। अपने शरीर के प्रति सम्मान दिखाएं।
यह सोचने की बजाय कि आपके शरीर का वजन कितना है या इसका आकार कैसा है, उन सभी चीज़ों को याद करें जिनमें अपने शरीर की बदौलत सफलता हासिल की। ऊंचाई वाले जगहों पर अपने पैरों की बदौलत चढ़ जाना भी उनमें से एक हो सकता है।
योग क्लास आपके आसपास के क्षेत्र में उपलब्ध हो सकती हैं। इससे आप अपने शरीर को लेकर तनाव मुक्त हो पाएंगी। साथ ही शरीर भी फिट हो पायेगा। कई योगासन स्वस्थ तरीके से वजन घटाने में भी मदद करते हैं। आप ऑनलाइन योग क्लास भी ज्वाइन कर सकती हैं। You tube पर भी कई योगा क्लासेस उपलब्ध हैं। सही योग प्रशिक्षक की वीडियो देखकर लाभ उठा सकती हैं।
सोशल मीडिया खासकर इंस्टाग्राम पर आपके फोटो की तुलना किसी स्लिम दिखने वाली महिला या लड़की से हो सकती है। आपके शरीर की तुलना दूसरे लोगों के शरीर से नकारात्मक रूप से की जा सकती है। यह प्रक्रिया हेल्दी नहीं है।
इससे आपको अपने शरीर के बारे में बुरा महसूस होगा। इसकी बजाय, सोशल मीडिया पर बॉडी-पॉज़िटिव लोगों और फ़ीड्स को फ़ॉलो करें, जो आपको अपने शरीर के बारे में अच्छा और खुश महसूस कराते हैं। आपको खुद से प्यार करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
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