पीसीओएस, दुनिया भर में महिलाओं के बीच बढ़ती जा रही एक मेंस्ट्रुअल हेल्थ संबंधी चिंता है। भारत में भी यह समस्या किशोरियों और युवा महिलाओं के बीच बढ़ती जा रही है। हार्मोनल असंतुलन से संबंधित यह समस्या आपके मेटाबॉलिज़्म को प्रभावित कर, वजन बढ़ाने में भी योगदान करती है। इसलिए इससे बचने और इससे डील करने के लिए आहार का बहुत ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है। यहां हम एक ऐसा डाइट प्लान शेयर कर रहे हैं, जो पीसीओएस के लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।
पीसीओएस (PCOS) को मैनेज करने के लिए डाइट का अहम योगदान होता है। अगर आपने पीसीओएस को पीसीओडी होने से पहले रोक लिया, तो यह स्थिति को और ज्यादा खराब होने से बच सकती है। पीसीओएस (Polycystic Ovary Syndrome) में पीरियड अनियमित और दर्दनाक होते हैं। यह हॉर्मोन असंतुलन की वजह से होता है। इसके लिए आहार और जीवनशैली संबंधी गलतियां भी जिम्मेदार हो सकती हैं।
प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट, शर्करा और अहेल्दी वसा से भरपूर आहार का सेवन करने से इंसुलिन रेजिस्टेंस और वजन बढ़ सकता है, जो दोनों पीसीओएस से जुड़े हैं।
सेडेंटरी लाइफस्टाइल वजन बढ़ाने और इंसुलिन रेजिस्टेंस में योगदान करती है, जिससे लोगों में पीसीओएस विकसित होने या लक्षणों के बिगड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
लंबे समय तक तनाव हार्मोन संतुलन में बाधा बन सकता है, जिससे पीसीओएस के लक्षण बढ़ सकते हैं।तनाव खराब डाइट और अनियमित खाने के पैटर्न को जन्म दे सकता है।
खराब नींद की आदतें या नींद संबंधी डिस्ऑर्डर हार्मोन के संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं, जिसमें इंसुलिन संवेदनशीलता भी शामिल है, जो पीसीओएस के विकास का एक और कारण हो सकता है।
न्यूट्रिनिस्ट मनक्रित कौर ने पीसीओएस के डाइट प्लान को लेकर और अधिक जानकारी दी।
ओट्स और बादाम का मिश्रण कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, हेल्दी फैट, विटामिन और खनिज सहित आवश्यक पोषक तत्वों का एक स्रोत है, जो इसे पीसीओएस वाली महिलाओं के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है। इसमें एक बड़ा चम्मच मिक्सड सीड्स मिलाने से इसकी पौष्टिकता और बढ़ जाती है।
सभी चीजों को मिलाकर बनाई गई ये स्मूदी रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है और ऊर्जा प्रदान करता है, जो पीसीओएस के प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण है। नियमित दूध की जगह बादाम का दूध लेने से वजन कम करने और इंसुलिन रेगुृलेशन में मदद मिलती है, जिससे यह पीसीओएस वाले लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है।
यह पौष्टिक चीला कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और उच्च पोषक तत्व देता है, जो इसे पीसीओएस से पीड़ित व्यक्तियों के लिए काफी सहुलियत वाला विकल्प बनाता है। पालक, कसा हुआ गाजर, या शिमला मिर्च जैसी पोषक तत्वों से भरपूर सब्जियों को मिला कर इसके पोषण मूल्य को बढ़ाएं, जो आवश्यक विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट प्रदान करते हैं।
क्विनोआ उपमा एक कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला आहार है जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो इसे पीसीओएस वाले लोगों के लिए काफी अच्छा है। प्रोटीन और फाइबर से भरपूर, क्विनोआ भूख को कम करता है और वजन कम करने में मदद करता हैय़ गाजर, मटर और बीन्स जैसी सब्जियां मिलाने से पकवान की पौष्टिकता बढ़ जाती है।
मांसपेशियों को बनाए रखने और आपको भरा हुआ महसूस कराने में मदद करने के लिए अपने भोजन में दुबले प्रोटीन स्रोतों जैसे पोल्ट्री, मछली, टोफू, टेम्पेह, फलियां और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों को शामिल करें।
पीसीओएस में ऐसी सब्जियों का सेवन बहुत अच्छा होता है जिसमें केई स्टार्च की मात्रा कम होती है। नॉन-स्टार्च वाली सब्जियां जैसे पत्तेदार सब्जियां (पालक, केल, मेथी आदि), टमाटर, मशरूम, मिर्च, ब्रोकोली, फूलगोभी, अजवाइन और सौंफ़ जैसे विकल्प आपके लिए अच्छे हो सकते है।
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