लंबे वक्त तक गलत पोजिशन में बैठने और लेटने से गर्दन में ऐंठन की समस्या बढ़ने लगती है। जो कई दिनों तक यूं ही बनी रहती है। इससे पीठ से लेकर कंधों और सिर में भी बार बार दर्द उठने लगता है। लगातार स्क्रीन के सामने बैठकर काम करने या फोन का अत्यधिक प्रयोग भी मांसपेशियों में खिंचाव की समस्या को बढ़ावा देता है। समय की कमी और जल्द राहत के लिए यूं तो लोग कई प्रकार की दवाओं का सेवन करते हैं। मगर नेक पेन से राहत पाने के लिए योगासनों का अभ्यास भी बेहद फायदेमंद सिद्ध होता है। जानते हैं। गर्दन में होने वाली ऐंठन को दूर करने के लिए किन योगासनों का करें अभ्यास ( Yoga poses for neck stiffness)।
इस बारे में आचार्य प्रतिष्ठा बताती हैं कि देर तक एक ही पोजिशन में बैठने से गर्दन में कान्ट्रैक्शन यानि संकुचन होने लगता है। इससे ब्लड फ्लो उचित तरीके से नहीं हो पाता है। ऐसे में कुछ योगासनों के माध्यम से गर्दन को सुकून की प्राप्ति होती है। इसके अलावा मांसपेशियों में ऐंठन और सिरदर्द की समस्या भी दूर होने लगती है। रोज़ाना 10 से 15 मिनट योगासनों का अभ्यास शरीर को गर्दन के दर्द और माइग्रेन की समस्या से भी दूर रखते हैं।
इस योगासन को करने से कंधों और पीठ को मज़बूती मिलती है। इससे गर्दन में होने वाला दर्द कम होने लगता है। साथ ही मसल्स मज़बूत बनने लगते है। पेट के बल किए जाने वाले इस योगासन को नियमित तौर पर करने से शरीर में रक्त प्रवाह नियमित होने लगता है।
इस योगासन को करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब पैरों को जमीन से छूते हुए बिल्कुल सीधा कर लें।
अब दोनों कोहनियों को मोड़ते हुए गर्दन को उसपर टिका लें और आंखें बंद करके गहरी सांस लें। कोहनियों को आगे की ओर रखें।
कंधों को ढ़ीला छोड़ दें। इससे गर्दन को सुकून की प्राप्ति होने लगती है। अब कोहनियों को पीछे की ओर लाएं और चेस्ट के नज़दीक टिकाएं।
सिर को नीचे झुका लें। अब दोनों हाथों का तकिया बनाकर सिर को हाथों पर रखें और चिन को जमीन पर टिका लें।
गर्दन में होने वाला दर्द पीठ, सिर और कंधों को भी अपनी चपेट में ले लेता है। इससे शरीर में थकान और एनर्जी की कमी महसूस होने लगती है। ऐसे में सर्वगति योगासन को करने से गर्दन का दर्द दूर होने के साथ ही चेस्ट को भी मज़बूती मिलती है। जो शरीर में स्ट्रेंथ और स्टेमिना को बढ़ाता है।
इस योग को करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब दोनों पैरों की एड़ियों को आपस में मिला लें।
हथेलियों को जमीन पर टिकाकर और कोहनियों को मोड़ लें। गर्दन पर वज़न डालते हुए उपर की ओर उठें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंउपरी शरीर को उपर की ओर जितना संभव हो उठाएं। गर्दन को उपर की ओर रखें और आसमान की ओर देखते रहें।
गहरी सांस लें और छोड़ें। योग के दौरान गर्दन और कंधों पर वज़न डालें और कमर पर वज़न डालने से बचें।
कंधों और गर्दन के दर्द को दूर करने के लिए पूर्वोत्तानासन का अभ्यास करें। इसे रोज़ाना करने से चेस्ट को मज़बूतह मिलती है और गर्दन के पीछे होने वाले मसल्स पेन से छुटकारा मिल जाता है। साथ ही बाजूओं और कलाई की भी बढ़ती है।
योगाभ्यास करने के लिए पीठ के बल मैट पर लेट जाएं। अब दोनों बाजूओं को कोहनियों से मोड़कर हथेलियों को जमीन से चिपका लें।
पैर को सीधा रखें और दोनों पैरों को आपस में जोड़कर रखें। अब शरीर को उपर की ओर उठाएं। बाजूओं को सीधा कर लें और उपर उठें।
शरीर को उपर की ओर उठाएं और पैरों को जमीन से चिपका कर रखें। इससे कलाई और बाजूओं को मज़बूती मिलती है। साथ ही कंधों का दर्द दूर होता है।
गर्दन को उपर की ओर रखें। इस योगासन का रोज़ाना अभ्यास चेस्ट को भी मज़बूत बनाता है। साथ ही शरीर में होने वाले दर्द से मुक्ति मिल जाती है।
मांसपेशियों के दर्द को दूर करने के लिए इस येगासन का अभ्यास फायदेमंद साबित होता है। इससे कंधों का दर्द दूर होने लगता है। साथ ही टांगों की मसल्स को मज़बूती मिलने लगती है। योगासन का नियमित अभ्यास शरीर में स्टेमिना को बढ़ाने में मददगार साबित होता है।
इस योगासन को करने के लिए पीठ के बल मैट पर सीधे लेटें। अब दोनों टांगों के मध्य गैप मेंटेन करके रखें।
दोनों टांगों को घुटनों से मोड़ लें और उनमें 3 से 4 कदमों का अंतर बनाएं। अब शरीर के निचले हिस्से को उपर उठाएं।
गर्दन के नीचे एक तकिया टिका लें। इस योग को करने से पूरा वज़न गर्दन पर आने लगता है। इससे गर्दन का दर्द दूर हो जाता है।
बाजूओं और कंधों को जमीन पर टिकाकर रखें। गहरी सांस लें और छोड़ें। योगासन को 2 से 3 बार 30 सेकण्ड के लिए दोहराएं।
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