कटहल पोषक तत्वों से भरपूर होता है। कार्बोहाइड्रेट की उपस्थिति कटहल को एनर्जेटिक बनाती है। इसके कारण स्किन पर चमक नजर आती है।कटहल के और भी कई फायदे हैं।
कटहल में विटामिन ए, विटामिन सी, थायमिन, राइबोफ्लेविन, कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस, आयरन, सोडियम, जिंक और नियासिन समेत कई अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसके साथ सबसे अच्छी बात यहहै कि इसके बीज भी हाइली न्यूट्रीशियस होते हैं। कटहल के प्रति 100 ग्राम सेवन से मिलने वाला पोषण यह है: कैलोरी: 94, वसा: 0.3 मिलीग्राम, डायटरी फ़ाइबर: 2 ग्राम, प्रोटीन: 1 ग्राम, पोटेशियम: 303 मिलीग्राम, कैल्शियम: 34 मिलीग्राम, कार्बोहाइड्रेट: 24 ग्राम, फोलेट: 14 एमसीजी, आयरन: 0.6 मिलीग्राम होता है।
कटहल में हाई मात्रा में कैल्शियम होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसमें पोटेशियम मौजूद होता है, जो किडनी के माध्यम से कैल्शियम की हानि को कम करता है। गठिया जैसे हड्डी संबंधीडिसऑर्डर के लक्षण सकता है। कटहल के सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस को नियंत्रित किया जा सकता है। यदि नियमित रूप से कटहल का सेवन किया जाये, तो कई हड्डी रोगों से बचा जा सकता है।
कटहल में मौजूद विटामिन सी इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं। इसमें आयरन भी अच्छी मात्रा में होता है। हमारे शरीर में आयरन की उचित मात्रा एनीमिया जैसे विकारों को रोकने में मदद करती है।आयरन मेटाबॉलिज्म में सहायता करने में भी मदद करता है। विटामिन सी, मैग्नीशियम और कॉपर भी ब्लड की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करते हैं।
कटहल शरीर में असंतुलन को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके परिणामस्वरूप दमा के हमलों को नियंत्रित किया जाता है। विशेष रूप से जब लक्षण प्रदूषण के कारण उत्पन्न होते हैं, तो कटहल प्रदूषण के कारण शरीर में उत्पन्न होने वाले मुक्त कणों को समाप्त करता है। इससे लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। फ्री रेडिकल्स अस्थमा के दौरे का कारण बनते हैं।
उम्र बढ़ने का कारण फ्री रेडिकल्स हैं। ये हमारे शरीर में प्रदूषण के कारण होने वाले हाईऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण उत्पन्न होते हैं। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर कटहल इन मुक्त कणों को नष्टकर देता है। इससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। कार्बोहाइड्रेट की उपस्थिति इसे एनर्जेटिक बनाती है। इसके कारण स्किन पर चमक नजर आती है।