वॉकिंग दिन के किसी भी समय की जा सकती है। इसके लिए किसी विशेष उपकरण या प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं होती है। यह हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज, ऑस्टियोपोरोसिस और कुछ कैंसर के विकसित होने के जोखिम को भी कम कर सकता है। पैदल चलना सभी लोगों के लिए शारीरिक गतिविधि का एक बेहतरीन रूप है। जो अधिक वजन वाले हैं, बुजुर्ग हैं, या जिन्होंने लंबे समय से व्यायाम नहीं किया है, उनके लिए भी यह बढ़िया है। विशेषज्ञ बताते हैं कि यदि धूप में चला जाये, तो इससे बेहतर कुछ भी नहीं है। सुबह की धूप में यूवी रेज के नकारात्मक प्रभाव शामिल नहीं होते हैं। इसलिए मॉर्निंग में धूप में चलना (walking in morning sunshine) अधिक फायदेमंद है ।
सनलाइट हमारी त्वचा के लिए जरूरी पोषण देती है। सुबह की धूप से मसल्स और बोंस के लिए जरूरी विटामिन डी मिल सकते हैं। सूरज की रोशनी के संपर्क में रहने से मस्तिष्क में मेलाटोनिन का उत्पादन भी अच्छी तरह हो पाता है।
मेलाटोनिन एक नेचुरल केमिकल है, जो सर्कैडियन रिद्म को नियंत्रित करता है। यह दिन के अंत में अच्छी नींद दिलाने में भी मदद करता है। ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है।
धूप से शरीर में अधिक विटामिन डी का उत्पादन होता है। विटामिन डी प्राकृतिक रूप से सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने से उत्पन्न होता है। विटामिन डी बोन हेल्थ और मसल्स हेल्थ को मजबूती देता है। इसके कारण ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है।
विटामिन डी हड्डियों का एक आवश्यक घटक है। विटामिन डी के बिना शरीर कैल्शियम को अवशोषित नहीं कर सकता है। यह अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। केवल 30 मिनट की सुबह की धूप हड्डियों को मजबूत, स्वस्थ और संक्रमण मुक्त बनाने के लिए पर्याप्त है।
सूर्य की रोशनी में ध्यान और फंक्शनल मेमोरी में सुधार पाया गया है, खासकर महिलाओं में।सूरज की रोशनी मस्तिष्क में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाती है। यह मूड से जुड़ा हुआ अच्छा महसूस कराने वाला हार्मोन है। आपने ध्यान दिया होगा कि सूर्य की रोशनी के संपर्क में आने पर आप तनावमुक्त महसूस करती हैं।
हार्वर्ड हेल्थ का एक अध्ययन बताता है कि वसा कोशिकाओं पर प्रकाश-संवेदनशील प्रोटीन सूर्य के प्रकाश का पता लगा सकते हैं। प्राकृतिक प्रकाश इन वसा कोशिकाओं के व्यवहार को बदल सकता है। इसके कारण अधिक धूप के संपर्क में आने से आपकी भूख कम हो सकती है। इससे मोटापे को रोकने में मदद मिल सकती है।
सुबह की धूप में अल्ट्रा वायलेट रेज नहीं होते हैं। इसलिए ये स्किन प्रॉब्लम से लड़ने में मदद करते हैं। सूरज के संपर्क में आने से सोरायसिस और एक्जिमा सहित खुजली वाली त्वचा की स्थिति को ठीक करने में मदद मिल सकती है।
अध्ययनों से पता चलता है कि जब त्वचा सूर्य के प्रकाश (walking in morning sunshine) को अवशोषित करती है, तो नाइट्रिक ऑक्साइड ब्लड में जारी होता है। यह ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है। हृदय स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है।सूर्य के प्रकाश के अधिक संपर्क से आर्थराइटिस, सूजन, मल्टीपल स्केलेरोसिस और यहां तक कि अस्थमा के विकास और गंभीरता को कम करने में मदद मिल सकती है।
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