पैरों में अचानक महसूस होने वाली ऐंठन व दर्द मांसपेशियों के खिंचाव को दर्शाता है। जो पैर के मसल्स में स्टिफनैस का कारण बनने लगता है। इससे पैरों में दर्द, सूजन व चलने फिरने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। पैरों की समस्या को हल करने के लिए व्यायाम बेहद ज़रूरी है। इससे चलने फिरने में होने वाली तकलीफ भी दूर होने लगती है। पैरों के लचीले पन को बनाए रखने के लिए जानें कौन सी एक्सरसाइज़ आपके पैरों की मज़बूती के लिए फायदेमंद साबित होती हैं (Foot exercise for muscular pain)।
फुट एक्सरसाइज़ (foot exercise) को रूटीन में करने से पैरों व एंकल में होने वाले दर्द से बचा जा सकता है। इससे पैरों को मजबूत मिलती है और लचीलापन भी बढ़ने लगता है। शरीर में ब्लड फ्लो (Blood flow) को नियमित बनाए रखने के लिए पैरों की उंगलियों को स्ट्रेच करें, बॉल से मसाज करें और रेत पर चलना समेत कई गतिविधियों को रूटीन में शामिल करें। इससे आपका शरीर मज़बूत बना रहता है।
इस एक्सरसाइज़ को करने के लिए एक लंबे तौलिए के उपर खड़े हो जाएं। पैरों की उंगलियों की मज़बूती को बनाए रखने के लिए तौलिए को पैरों की उंगलियों से अपनी ओर खींंचें। इससे पैरों में होने वाली ऐंठन से भी राहत मिल जाती है।
इसे करने के लिए दोनों पैरों की उंगलियों को अंदर की ओर खींचें और फिर एक साथ उन्हें ओपन करें। इससे पैरों में होने वाले दर्द की समस्या हल हो जाती है। इसके अलावा मसल्स भी हेल्दी बनते हैं। जो बार बार होने की परेशानी से मुक्ति दिलाते हैं।
इसे करने के लिए पैर के अंगूठे से बॉल को दबाएं और फिर अंगूठे को अपनी ओर खींचें। इससे पैरों की मज़बूती बढ़ती है। साथ ही शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ने लगता है। इससे शरीर एक्टिव बना रहता है।
इसे करने के लिए बॉल को पैर के नीचे रखें। अब पैर के तलवे से बॉल को आगे पीछे लेकर जाएं। इससे ब्लड फ्लो नियमित होने लगता है। इसके अलावा पैरों की थकान दूर होती है और स्टेमिना भी बिल्ड होने लगता है।
इसे करने के लिए दोनों पैरों को उपर उठाएं और फिर धीरे धीरे नीचे लेकर आएं। इस एक्सरसाइज़ के दौरान दोनों पैरों के नीचे कुशनिंग ब्रिक रख दें। अब पंजों को ब्रिक्स पर रखें और एड़ियों को अंदर की ओर एक दूसरे के सामने टिका लें। अब हील को अप डाउन करें और जमीन से छूएं। ऐसा करने से स्टेमिना बढ़ने लगता है और पैरों का दर्द दूर हो जाता है।
इसे करने के लिए दीवार का सहारा लें और दोनों पैरों को एक साथ आगे की ओर रखें। अब पैर के अंगूठे को जमीन पर टिकाएं और चारों उंगलियों को अंदर की ओर मोड़ लें। एक के बाद एक दोनों पैरों से ये एक्सरसाइज़ करें। इसे करने से पैरों के मसल्स रिलैक्स होने लगते हैं। साथ ही पैरों में होने वाली ऐंठन से भी बचा जा सकता है।
पैर में चोट, जख्म या फ्रैक्चर होने पर इन फुट एक्सरसाइज़ को करने से बचना चाहिए।
अगर आप गठिया या किसी अन्य हड्डियों की बीमारी से ग्रस्त हैं, तो डॉक्टरी सलाह के अनुसार एक्सरसाइज़ करें।
वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए
बीएमआई चेक करेंअपने कंफर्ट के मुताबिक ही पैरों की एक्सरसाइज़ करें। लंबे वक्त तक इन्हें करने से पैरों में दर्द की समस्या बढ़ने लगती है।
सूजन के दौरान फुट एक्सरसाइज़ को न करें। इससे पैरों के मसल्स पर प्रभाव पड़ता है।
शुरूआत में किसी व्यक्ति की मदद से इन एक्सरसाइज़ को करें। इससे बैलेंस मैंटेन करने में मदद मिलती है।
ये भी पढ़ें- Belly Fat: खाना खाने से पहले, उस दौरान और बाद में फॉलो करें ये तरीके तो कम होगी पेट की चर्बी