दूसरों को खुश रखने के साथ-साथ अपनी खुशी का ख्याल रखना हमारी पहली जिम्मेदारी है। कुछ लोग इस खुशी को मैटीरियलिस्टिक चीजों में खोजते हैं। मगर वास्तव में जीवन का परम आनंद स्वंयम के अंदर ही छिपा है। उसे महसूस करने के लिए आनंद बालासन एक बेहतरीन विकल्प है। दोनों टांगों को हवा में उठाकर बच्चे के समान उसी मुद्रा में कुछ देर बिताकर हम खुद को खुशहाल और तरोताज़ा महसूस करने लगते हैं। इसके अलावा इस योगासन को नियमित तौर पर करने से हमें कई शारीरिक रोगों से भी मुक्ति मिल जाती है। जानते हैं आनंद बालासन (Happy Baby Pose) क्या है और इसे करने की विधि भी।
इसमें कोई दो राय नहीं कि तन और मन को उर्जावान बनाए रखने के लिए नियमित रूप से योगाभ्यास बेहद फायदेमंद साबित होता है। इससे आप दिनभर खुद को एक्टिव और फुर्तीला महसूस करने लगते हैं। वाह लाइफ की फांउडर और योग प्रेक्टिशनर सुमिता गुप्ता ने हेल्थशॉटस को आनंद बालासन से हाने वाले फायदों की जानकारी दी।
आनंद बालासन (Happy baby pose) का अभ्यास करने से जीवन में बढ़ रहा तनाव कम हो जाता है और पेट से जुड़ी समस्याएं भी हल होने लगती है। इससे पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है और पेट से जुड़े रोगों की संभावना कम हो जाती है। वे लोग जो एसिडिटी से परेशान रहते हैं। उन्हें इस योग मुद्रा का अभ्यास अवश्य करना चाहिए। इसके अलावा पेल्विक मसल्स मज़बूत बनते हैं और शरीर में फ्लैक्सिबिलिटी बनी रहती है।
देर तक बैठने से अक्सर लोग कमर दर्द से परेशान रहते हैं। उन्हें रोज़ाना कुछ देर आनंद बालासन की मुद्रा में बने रहने से फायदा मिलता है। इसे करने से कमर की मसल्स स्ट्रेच होती है। इससे लोअर बैक में होने वाली स्टिफनेस कम होने लगती है। जो दर्द को कम करने से मदद करता है।
नियमित तौर पर इस मुद्रा का प्रयास करने से शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज़ होते हैं। इससे दिनों दिन बढ़ रहा स्ट्रेस और एंग्जाइटी कम होने लगते है। इससे नींद न आने की समस्या भी हल होने लगती है। साथ ही बार बार होने वाले मूड स्विंग की परेशानी से भी बचा जा सकता है।
रोज़ाना आनंद बालासन का अभ्यास शरीर में लचीलेपन को बढ़ाता है। इससे इन्नर थाइज़, हैमस्ट्रिंग और हिप्स में होने वाली स्टिफनेस कम होने लगती है। इससे शरीर फ्लैक्सिबिल और एनर्जेटिक बनी रहती है। शरीर में गतिशीलता भी बनी रहती है। जो शरीर में बार बार होने वाली थकान से हमें बचाती है।
जीवनशैली में बदलाव आने से शरीर में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं बढ़ने लगती है। जो ब्लोटिंग, कब्ज और पेट में ऐंठन का कारण बन जाती है। इससे पेट फूलने की समस्या बढ़ जाती है और एपीटाइट कमज़ोर होने लगता है। ऐसे में आनंद बालासन का प्रयास करने से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता है। जो रक्त प्रवाह को बढ़ाकर मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है।
दिनभर स्क्रीन के सामने बैठकर काम करने से कंधें आगे की ओर झुकने लगते हैं। साथ ही लव हैंण्डल्स भी बढ़ने लगते हैं। जो शरीर में मोटापा बढ़ने का कारण बन जाते हैं और शरीर का पोस्चर भी बिगड़ने लगता है। ऐसे में खुद को स्लिम और एक्टिव बनाए रखने के लिए दिनभर में 2 से 3 बार 1 मिनट तक इस योगासन का अभ्यास आपको हेल्दी बनाए रखता है।
इस योग को करने के लिए पीठ के बल मैट पर सीधे लेट जाएं। इस दौरान रीढ़ की हड्डी को सीधा कर लें।
इसके बाद दोनों टांगों को उपर की ओर उठाएं और अब दोनों घुटनों को चेस्ट के नज़दीक लेरक आएं। दोनों पैरों के मध्य दूरी बनाएं।
दोनों हाथों से पैरों को मोड़ लें और पैरों के तलवों को छत की ओर रखें। अपने घुटनों की मदद से 90 डिग्री का एक एंगल बनाएं।
योगासन के दौरान अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। इसके लिए अब गहरी सांस लें और धीरे धीरे रिलीज़ करें।
पैरों को पकड़ने के बाद उन्हें चेस्ट की ओर खींचें। आनंद बालासन मुद्रा में शरीर को 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक रखें।
उसके बाद शरीर को कुछ देर के लिए रिलैक्स छोड़ दें। इससे तन और मन दोनों को शांति मिलती है।
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