Dry Eye Syndrome : ड्राय आई सिंड्रोम क्या है, जानें किन कारणों से आंखों में बढ़ने लगता है रूखापन

कभी आंखों में खुजली, कभी लालिमा तो कभी बर्निंग सेंसेशन होना ड्राई आइज की ओर इशारा करता है। अधिकतर लोग इस समस्या को नज़रअंदाज़ कर देते है। समझिए क्या होता है ड्राय आई सिंड्रोम।
Dry eyes se kaise bachein
स्क्रीन टाइम बढ़ने सेआंखों में सूजन, दर्द व जलन की समस्या भी बढ़ने लगती है। चित्र : अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 9 Nov 2023, 06:33 pm IST
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उम्र बढ़ने के साथ शरीर के बाकी अंगों में आने वाले बदलावों के समान ही आंखों का रूखापन भी बढ़ने लगता है। कभी आंखों में खुजली, कभी लालिमा तो कभी बर्निंग सेंसेशन होना ड्राई आइज की ओर इशारा करता है। मेनोपॉज भी इसका एक मुख्य कारण साबित होता है। अधिकतर लोग इस समस्या को नज़रअंदाज़ कर देते है। जिससे यह और भी जटिल हो जाती है। अगर आपके एजिंग पेरेंट्स भी आंखों में रूखापन महसूस कर रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप उन्हें किसी नेत्र विशेषज्ञ को दिखाएं। हेल्थ शॉट्स के इस लेख में हम ड्राई आई सिंड्रोम (Dry eye syndrome) के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में बता रहे हैं। ।

समझिए क्या होता है ड्राय आई सिंड्रोम (Dry eye syndrome)

इस बारे में आई केयर सेंटर के निदेशक और वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ संजीव गुप्ता कहते हैं सूखी आंखें यानि ड्राई आइज (dry eyes) उस स्थिति को कहा जाता है। जब आंखों की चिकनाई धीरे धीरे विलुप्त होने लगती है। दरअसल, आंखों में मौजूद एक परत जिसे टियर फिल्म कहा जाता है। वो आंखों को प्रोटेक्ट करती है और मॉइश्चर कायम रखती है। किसी कारणवश उस लेयर में खराबी आने से आंखों में ल्यूब्रिकेशन की कमी होने लगती है। जो आंखों में पानी नहीं उत्पन्न कर पाती और रूखेपन का कारण साबित हो जाती है। इसके चलते आंखों में सूजन, दर्द व जलन की समस्या भी बढ़ने लगती है।

ड्राय आई सिंड्रोम किस उम्र में बढ़ता है

एक्सपर्ट के अनुसार 50 से अधिक उम्र के एजिंग पेरेंटस को आंखों से जुड़ी कई समसयाओं से दो चार होना पड़ता है। उन्हीं में से एक है ड्राय आई सिंड्रोम। इसमें आंखों में पानी यानि आंसू बनने बंद हो जाते है और आंखे रूखी लगने लगती हैं। इससे डिस्कंर्फ और इरिटेशन महसूस होती है। महिलाओ कों प्रेगनेंसी और मेनोपॉज के दौरान इस समस्या से होकर गुज़रना पड़ता है। इससे आंखों में एलर्जी का खरा भी बना रहता है।

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प्रदूषण के कारण आंखों में कई प्रकार की समस्याएं हो सकती है। चित्र- अडॉबीस्टॉक

जानते हैं ड्राय आई सिंड्रोम के कारण (Dry eye syndrome causes)

1 विटामिन ए की कमी

आंखों के रेटिना को हेल्दी रखने में विटामिन ए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एनआईएच के अनुसार विटामिन ए की कमी से ब्लाइंडनेस और कोर्निया के डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। आंखों का रूखापन विटामिन ए की कमी को प्राथमिक संकेत है। इसकी कमी से नाइट ब्लाइंडनेस भी बढ़ने लगती है।

2 हार्मोनल असंतुलन

महिलाओं में प्रेगनेंसी और मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल असंतुलन बढ़ने लगता है। मेनोपॉज के समय महिलाओं के शरीर में एस्टरोजन हार्मोन कम हो जाता है। इससे आंखों में मौजूद टियर ग्लैण्ड डैमेज होने का खतरा रहता है, जिससे आंखों में रूखापन बढ़ने लगता है। इससे देखने में भी दिक्कत महसूस होने लगती है।

3 देर तक कॉटेक्ट लेंस पहनकर रखना

नेशनल आई इंस्टीटयूट के अनुसार रोज़ाना लंबे समय तक कॉटेक्ट लेंस पहनना आंखों की नमी को कम करने लगता है। इसके अलावा टियर ग्लैण्डस भी डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे आंखों में एलर्जी और लालिमा का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही कुछ लोग ब्लर्ड विज़न का भी अनुभव करते हैं।

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कॉन्‍टैक्‍ट लेंस के साथ आपको एक्‍स्‍ट्रा सावधानी बरतने की जरूरत है। चित्र: शटरस्‍टाॅॅॅक

4 दवाओं का दुष्प्रभाव

उम्र बढ़ने के साथ स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं। ऐसे में डेली रूटीन में खाई जाने वाली दवाएं सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। आमतौर पर हाई ब्ल्ड प्रेशर, ब्रेन, एंटी हिस्टामिन्स और एंटी डिप्रेसेंट्स आंखों की नमी छीन लेती हैं। इससे आंखों में बनने वाली पानी धीरे धीरे सूखने लगता है

5 उम्र का बढ़ना

जैसे जैसे एज बढ़ती है, तो आंखों की चमक फीकी पड़ने लगती है। नज़र कमज़ोर होती चली जाती है और आई बर्निंग रहने लगती हैं। इसके चलते कम्प्यूटर पर काम करने और वाहन चलाने में भी तकलीफ का सामना करना पड़ता है। आंखों में आंसूओं के न बनन से इंफ्लामेशन का खतरा बना रहता है। इससे धीरे धीरे आंखों में कमज़ोरी बढ़ जाती है।

क्या ड्राई आई सिंड्रोम का उपचार संभव है? (Dry eye syndrome treatment)

इस बारे में बातचीत करते हुए डॉ अनुराग नरूला का कहना है कि ड्राई आई सिंड्रोम से निपटने के लिए स्क्रीन टाइम को सीमित करना आवश्यक है। इसके अलावा 20 20 मिनट रूल को फॉलो करें। इसके तहत ही 20 मिनट के बाद कुछ देर की ब्रेक लें। इसमें आप आंखों का झपकाएं या कुछ देर के लिए बंद करके बैठ जाएं। साथ ही आंखों को स्वस्थ रखने के लिए चश्मा पहनें और आइ डरॉप्स का प्रयोग करें।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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