इस बदलते मौसम सेहत संबंधी तमाम समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। खासकर इस दौरान सर्दी-खांसी, जुकाम जैसी समस्याएं बेहद आम हो जाती हैं। इतना ही नहीं डायबिटीज सहित कई ऐसे लाइफस्टाइल डिसऑर्डर हैं जिनके मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में आयुर्वेद आपकी मदद कर सकता है। आयुर्वेद में कई ऐसी औषधि है, जो आपकी सेहत के लिए कमाल कर सकती है उन्ही में से एक है, “अर्जुन की छाल”। इसे एक औषधीय पौधे से प्राप्त किया जाता है, इसका इस्तेमाल तमाम स्वास्थ्य समस्यायों में कारगर हो सकता है।
सालों से मेरी दादी इस असरदार आयुर्वेदिक नुस्खे को आजमाती आ रही हैं। तो मैंने इस छाल से संबंधी सही जानकारी इकट्ठा करने के लिए कुछ शोध किये। दादी मां के साथ साथ शोध भी इसके स्वास्थ्य लाभों का समर्थन करता है। तो मैंने सोचा क्यों न इससे संबंधी उचित जानकारी को आपके साथ भी शेयर किया जाये। तो चलिए आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानते हैं इस आयुर्वेदिक छाल के कुछ महत्वपूर्ण फायदे (arjun ki chhal ke fayde)। साथ ही जानेंगे इन्हें इस्तेमाल करने का सही तरीका।
अर्जुन की छाल हृदय संबंधी समस्याओं में बेहद प्रभावी रूप से कार्य करती है। वहीं यदि आप पहले से दिल की मैरिज है, तो यह स्थिति में सुधार करने में भी आपकी मदद कर सकती है। अर्जुन की छाल में ट्राइटरपेनॉइड नामक एक कंपाउंड पाया जाता है, जो इसके हृदय संबंधी बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ावा देते हैं। यह हार्टबीट को भी कंट्रोल रखता है, जिससे की असामान्य रूप से दिल की धड़कन नहीं बढ़ती।
अर्जुन की छाल में कुछ विशेष प्रकार के एंजाइम मौजूद होते हैं, साथ ही साथ इसकी एंटी डायबिटिक प्रॉपर्टी इसे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के लिए एक बेहद खास आयुर्वेदिक नुस्खा बना देती हैं। यह किडनी और लीवर के काम करने की क्षमता को बढ़ा देता है, जिससे कि ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखना आसान हो जाता है। डायबिटीज के मरीज नियमित रूप से इसका सेवन कर सकते हैं, वहीं यदि आपको डायबिटीज नहीं है, तो भविष्य की संभावित संभावनाओं को रोकने के लिए आप इसे अपने नियमित डाइट का हिस्सा बना सकती हैं।
सर्दी-खांसी, जुकाम जैसे संक्रमण से निजात पाने के लिए अर्जुन की छाल का प्रयोग कर सकती हैं। यह कफ के जमाव से राहत प्रदान करता है और फेफड़ों को भी स्वस्थ रखता है। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए इसे इस्तेमाल करने का सबसे अच्छा तरीका है काढा। अर्जुन की छाल से बना काढा, तमाम तरह के संक्रमणों से शरीर को प्रोटेक्ट करता है।
आजकल ज्यादातर महिलाएं पिंपल्स और त्वचा संबंधी समस्याओं को लेकर बेहद परेशान रहती हैं, इस स्थिति में अर्जुन की छाल आपकी मदद कर सकती है। इससे बने काढ़े तथा इसके पानी का नियमित सेवन शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालते हैं, और त्वचा स्वस्थ को बढ़ावा देता है। वहीं यह पाचन क्रिया के लिए भी बेहद कारगर होती हैं, और एक स्वस्थ पाचन क्रिया त्वचा स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
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अर्जुन की छाल पाचन क्रिया पर कई सकारात्मक प्रभाव डालती है। इसकी प्रॉपर्टीज कब्ज, डायरिया, गैस्ट्रिक अल्सर के साथ-साथ पाचन संबंधी तमाम अन्य समस्याएं जैसे ब्लोटिंग और गैस में बेहद प्रभावी रूप से कार्य करती हैं। आपको यदि एसिडिटी हो गई है, तो अर्जुन की छाल इसके लक्षण से भी राहत प्रदान कर सकती है। यदि आप भी पाचन संबंधी किसी भी समस्या से परेशान रहती हैं, तो आपको अपने नियमित डाइट में अर्जुन की छाल का पानी या इससे बने काढ़े को शामिल करना चाहिए। बेहतर परिणाम के लिए इनका नियमित सेवन जरूरी है।
आपके आसपास के आयुर्वेदिक दुकानों में अर्जुन की छाल आसानी से उपलब्ध होगी वहीं इसका पाउडर भी मिल जाएगा।
अर्जुन की छाल को यदि अपनी नियमित डाइट में शामिल करना है, तो इसके एक चम्मच पाउडर को दूध या पानी के साथ मिलकर ले सकती हैं। इसे हमेशा भोजन के बाद लेने का प्रयास करें।
आयुर्वेदिक दुकानों में अर्जुन की छाल भी उपलब्ध होती है। एक कप पानी में अर्जुन की छाल डालें और पानी को रात भर के लिए ढक कर छोड़ दें। सुबह इस पानी का सेवन करें, यह इन्हें डाइट में शामिल करने का एक सबसे आसान तरीका है।
अर्जुन की छाल अन्य काढ़े की तरह ही तैयार की जाती है। वहीं इस बदलते मौसम में संक्रमण से बचाव के लिए आप इसे अपनी नियमित डाइट का हिस्सा बना सकती हैं। एक कप पानी में अर्जुन की छाल और दालचीनी डालें, इन्हें 5 से 7 मिनट तक अच्छी तरह उबलने दे। उसके बाद काढ़े को छान कर अलग कर लें और इसे पिएं।
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