मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में कई प्रकार के उतार चढ़ाव दिखने लगते हैं। इसका प्रभाव स्किन पर भी होने लगता है। हार्मोनल इंबैलेंस के चलते त्वचा में कोलेजन की कमी बढ़ती है। इसके चलते त्वचा का लचीलापन और नमी दोनों ही गायब हो जाते हैं। स्किन पर दिखने वाले एजिंग साइंस (aging signs) महिलाओं की चिंता का कारण बनने लगते हैं। जानते हैं कि मेनोपॉज कैसे करता है त्वचा को प्रभावित (menopause skin care) और इससे बचने के लिए किन टिप्स को करें फॉलो।
रजोनिवृत्ति यानि मेनोपॉज (menopause) आखिरी महावारी के एक साल बाद शुरू होती है। इस दौरान त्वचा और बालों में कई प्रकार के बदलाव आने लगते हैं। इस दौरान शरीर में हार्मोन का स्तर गिरने लगता है। इसके चलते आपकी त्वचा शुष्क, ढीली और पतली होने लगती है। ऐसे में स्कैल्प से बाल झड़ने लगते हैं। जब कि फेशियल हेयर बढ़ना शुरू हो जाते हैं।
ऐसे में शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस (hormonal imbalance) बढ़ने लगता है। बॉडी में अचानक एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी बढ़ने लगती है। इससे त्वचा पर एजिंग साइंस नज़र आने लगते हैं। सि्ेकन का लचीलापन खाने नगता है और ड्राईनेस व झुर्रियां की समस्या बढ़ने लगती है। इसके अलावा फेशियल हेयर का भी सामना करना पड़ता है। त्वचा को जवां बनाए रखने के लिए डेली स्किन केयर रूटीन को फॉलो करना ज़रूरी है।
अमेरिकन अकेडमी ऑफ डर्माटोलॉजी एसोसिएशन के अलुसार मेनोपॉज के साथ चेहरे पर झुर्रियां दिखने लगती है। साथ ही कोलेजन की मात्रा कम होने के कारण चेहरे के रंग में भी बदलाव नज़र आने लगता है। ऐसे में त्वचा को क्लीन रखने और दाग धब्बों से बचाने के लिए सनस्क्रीन ज़रूर अप्लाई करें। इससे स्किन कैंसर के खतरे से भी बचा जा सकता है।
नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ के अनुसार माइश्चराइज़र त्वचा पर दिखने वाली फाइन लाइंस और झुर्रियों को हटाने में मदद करता है। साल 2017 की एक रिसर्च के मुताबिक 40 साल से अधिक उम्र की महिलाएं जो त्वचा पर माइश्चराइज़र, ग्लीसिरन और गोटू कोला अप्लाई करती हैं। इससे त्वचा का रूखापन कम होने लगता है। माइश्चराइज़र को दिन में दो बार चेहरे पर अवश्य अप्लाई करें।
आंखों के नीचे दिखने वाले काले घेरों की समस्या भी बढ़ने लगती है। इस परेशानी से बचने के लिए अंडर आई क्रीम का प्रयोग करें। इससे काले घेरों के अलावा आई पफ्फीनेस और आई बैग्स की समस्या हल होने लगती है। आई क्रीम से कुछ देर की गई सर्कुलर मसाज आपकी त्वचा को हाइड्रेट करने में मददगार साबित होती है।
उम्र के साथ त्वचा का लचीलापन कम होने लगता है। स्किन पर दिखने वाली झुर्रियों की समस्या को हल करने के लिए एसेंशियल ऑयल से फेशियल मसाज अवश्य करें। रोज़ाना ब्यूटीन रूटीन में मसाज को शामिल करने से त्वचा पर दिखने वाली फाइन लाइंस कम होनग लगती है। इसके अलावा गर्दन पर भी मसाज करें। इससे स्किन टाइटनिंग बढ़ने लगती हैं।
एंटी एजिंग क्लींज़र आपकी स्किन को रूखेपन से बचाते हैं। साथ ही त्वचा की नमी को भी बरकरार रखते हैं। चेहरे पर साबुन का प्रयोग करने से चेहरे की नमी खो जाती है। जो त्वचा की शुष्कता को बढ़ाता है। ऐसे में माइल्ड क्ली़जर को प्रयोग करके त्वचा को क्लीन कों। अगर आप कहीं बाहर से लौटी हैं, तो फेसवॉश करना न भूलें। त्वचा का ख्याल रखने से स्किन संबधी समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है।
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