सूरज की किरणें आपके शरीर के लिए महत्वपूर्ण क्यों किया आपको विटामिन डी प्रदान करती है परंतु इसके साथ ही सूरज की करने का प्रभाव त्वचा के लिए बेहद नकारात्मक हो सकता है सूरज की किरणों से निकलने वाले अल्ट्रावायलेट रेस स्किन के लिए बेहद खतरनाक होते हैं वहीं उनकी वजह से त्वचा की परत जल जाती है, जिसे हम आम भाषा में सनबर्न कहते हैं। इस स्थिति में त्वचा कि रंगत छीन जाति है और त्वचा डार्क नजर आती है। हमसे ज्यादातर लोग इसके बारे में गहरी समझ नहीं रखते, ऐसे में इस बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। तो आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानेंगे सनबर्न (Sunburn) का कारण और इनसे बचाव के उपाय।
“सनबर्न की स्थिति में त्वचा पर सूजन, और दर्द होता है। इस स्थिति में त्वचा को छूने पर गर्माहट महसूस होती है। वहीं ये अक्सर धूप में रहने के कुछ देर के भीतर प्रकट हो जाता है। सूरज के हानिकारक किरणों का प्रभाव त्वचा के ऊपरी परत को बर्न कर देता है। ऐसे में पेन किलर लेने और त्वचा को ठंडा करने जैसे सेल्फ केयर से सनबर्न से राहत पाया जा सकता है। लेकिन सनबर्न को ख़त्म होने में कई दिन लग सकते हैं।”
सूजी हुई त्वचा जो गुलाबी या लाल दिखाई देती है और ब्राउन स्किन टोन पर अच्छे से नजर नहीं आती।
त्वचा को छूने पर ये गर्म महसूस होती है।
त्वचा पर दर्द और खुजली महसूस होना।
त्वचा पर सूजन नजर आना।
छोटे, तरल पदार्थ से भरे छाले उभर आना।
यदि सनबर्न गंभीर हो तो सिरदर्द, बुखार, मतली और थकान महसूस हो सकता है।
आखों में दर्द या किरकिरापन महसूस होना।
सनबर्न अल्ट्रावायलेट (यूवी) रेज़ के बहुत अधिक संपर्क में आने के कारण होता है। यूवी प्रकाश सूरज की किरणों से निकलते हैं। यूवी रेज त्वचा की गहरी परतों में प्रवेश कर सकती हैं, और समय के साथ त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है। यूवीबी रेज त्वचा में अधिक सतही रूप से प्रवेश करती है और सनबर्न का कारण बन सकती हैं।
यूवी प्रकाश स्किन सेल्स को नुकसान पहुंचाती है। यह इम्यूनिटी अफेक्टेड एरिया में ब्लड फ्लो को बढ़ाकर प्रतिक्रिया करती है, जिससे त्वचा पर सूजन (एरिथेमा) हो सकता है, जिसे सनबर्न के रूप में जाना जाता है।
आपको ठंडे और क्लाउडी दिनों में भी सनबर्न हो सकता है। बर्फ, रेत और पानी जैसी सतहें यूवी रेज को रिफ्लेक्ट कर सकती हैं और स्किन बर्न का कारण बनती हैं।
सनबर्न की स्थिति में त्वचा पर इन्फ्लेमेशन आ जाता है, ऐसे में स्किन इन्फ्लेमेशन को ट्रीट करने का सबसे अच्छा तरीका है, ठंडे पानी को अफेक्टेड एरिया पर अप्लाई करें। इससे आपको सूजन, जलन और गर्माहट से राहत मिलेगी। इस स्थिति में आपको अपनी त्वचा पर सीधा बर्फ अप्लाई नहीं करना चाहिए, इससे स्किन इरिटेट हो सकती है, और आइस बर्निंग भी हो सकता है।
आजकल सभी के घर में एलोवेरा का पौधा होता है, यदि आपके घर में नहीं है तो इसे जरूर लगाएं। एलोवेरा के पत्तों के अंदर मौजूद जेल कई समस्याओं का एक अनोखा समाधान हैं। यह पेट खराब होने से किडनी इन्फेक्शन की समस्या को ट्रीट करने में मदद करते हैं। साथ ही यह आपकी त्वचा के लिए भी बेहद फायदेमंद होते है। खासकर सनबर्न की स्थिति में एलोवेरा में मौजूद प्रॉपर्टीज बेहद प्रभावी रूप से कार्य करती हैं। अफेक्टेड एरिया पर फ्रेश एलोवेरा जेल को डायरेक्टली अप्लाई करें और इन्हें सुखना दें। यह त्वचा को फौरन राहत प्रदान करेगा। यदि आपकी त्वचा सनबर्न का शिकार हो चुकी है, तो इसे दिन में तीन से चार बार अप्लाई करें।
बाथटब में बेकिंग सोडा डालें और इन्हें 15 से 20 मिनट तक पानी में सोक होने दें। फिर ऊपर से ओट्स डालें और बाथिंग टब में 10 मिनट तक बैठे। यदि आपके पास बाथिंग टब नहीं है, तो आप इसे नहाने के पानी में मिला सकती हैं। बेकिंग सोडा त्वचा पर सूरज की किरणों के प्रभाव को मिनिमाइज कर देता है, वहीं ओट्स त्वचा में नेचुरल मॉइश्चर को बरकरार रखता है। यह दोनों फैक्टर सनबर्न की स्थिति में बेहद कारगर होते हैं। हालांकि, इसके बाद अपनी त्वचा को टॉवल से रब न करें, इन्हे टैप करके सुखाएं।
ग्रीन और ब्लैक टी में मौजूद टैनिक एसिड सनबर्न से हीट को खींचती है और डैमेज्ड स्किन को रिपेयर करती है। यदि आपकी आंखों के आसपास की स्किन बर्न हो गई है, तो इसके लिए अधिक सचेत रहने की आवश्यकता है। टी बैग्स को ठंडे पानी में डुबोएं और इसे अपने आंखों के निचले हिस्से पर अप्लाई करें। इससे स्वेलिंग कम होगी साथ ही साथ दर्द से भी राहत मिलेगा।
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