डार्क सर्कल और झुर्रियां सबसे आम समस्याएं हैं जिनका सामना कई महिलाएं करती हैं। क्या आपके साथ भी ऐसा ही है? अगर हां, तो कई चीजें हैं जो हमारी त्वचा में इस बदलाव को ट्रिगर करती हैं। डार्क सर्कल और झुर्रियां कभी-कभी आंखों की सूजन से भी जुड़ी होती हैं।
आंखों के नीचे की त्वचा आपके पूरे शरीर की सबसे नाजुक त्वचा में से एक है। यदि आपकी आंखें धंसी हुई हैं, तो आप अपनी आंखों के नीचे या अपनी निचली पलकों पर एक खोखली दिखने वाली जगह और गहरे रंग की छाया देखेंगे। वहां की त्वचा पतली दिख सकती है।
विश्व प्रसिद्ध त्वचा विशेषज्ञ और सौंदर्य चिकित्सक डॉ. अजय राणा के अनुसार, धंसी हुई आंखों को आमतौर पर ‘हौलो आइज’ के रूप में जाना जाता है। इस स्थिति में आंखों के आसपास की त्वचा धंसी हुई या अंदर की ओर खिंची हुई दिखाई देती है। आइ बॉल आंख के गर्तिका में चले जाते हैं, जिससे आंखें भारी, थकी हुई और खोखली लगने लगती हैं।
डॉ राणा कहते हैं – यह एक कॉस्मेटिक समस्या है। इसके अलावा धंसी हुई आंखें आमतौर पर वृद्ध लोगों में दिखाई देती हैं।”
हालांकि, कई कारणों से कम उम्र के लोगों में भी धंसी हुई आंखें विकसित हो सकती हैं। अधिक जानने के लिए पढ़ें।
डार्क सर्कल का एजिंग प्रमुख कारक है क्योंकि जैसे-जैसे आप बड़े होते जाते हैं, आंखों के चारों ओर वसायुक्त ऊतक कम होते जाते हैं, जिससे आंखों के आसपास की त्वचा पतली दिखाई देती है। डॉ राणा कहते हैं, “एजिंग धंसी हुई आंखों के प्रकट होने के कई कारणों में से एक है। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारे शरीर में कोलेजन का उत्पादन कम होता जाता है। हमारी त्वचा ढीली पड़ने लगती है जिसके संभावित परिणाम आंखों के नीचे काले घेरे हो सकते हैं। ”
नींद कम आना आजकल एक आम समस्या है। नींद की कमी का सीधा असर आपकी आंखों पर पड़ता है। डॉ राणा कहते हैं, “पर्याप्त नींद न लेने से धंसी हुई आखें, जौल्स और बहुत कुछ हो सकता है।” व्यक्ति को आराम और तरोताजा महसूस करने के लिए 7-8 घंटे की अच्छी, नींद बहुत जरूरी है।
पोषण की कमी और डिहाइड्रेशन धंसी हुई आंखों के संभावित कारण हैं। डॉ राणा कहते हैं, “डिहाइड्रेशन सबसे आम त्वचा की स्थिति के प्राथमिक कारणों में से एक है।” लेकिन अच्छी खबर यह है कि जिस क्षण ऊतक हाइड्रेटेड हो जाते हैं, यह हौलोनेस ठीक हो जाती है।
डॉ राणा कहते हैं “अत्यधिक सूर्य त्वचा की अखंडता को कमजोर करता है और सूर्य की हानिकारक यूवी किरणें इसे खराब कर देती हैं और एक लाल रंग की उपस्थिति लेती हैं। अगर हम सनस्क्रीन और धूप के चश्मे के बिना बाहर जाते हैं, तो हमारी आखोन को नुकसान पहुंच सकता है।”
वास्तव में, यदि आपके पास पहले से ही काले घेरे हैं, तो सूर्य के संपर्क में आने से स्थिति और खराब हो जाएगी क्योंकि सूर्य की किरणें मेलेनिन का उत्पादन करती हैं जो त्वचा को काला कर देती हैं।
हे फीवर और अन्य प्रकार की एलर्जी जैसी कई चिकित्सीय स्थितियां आंखों के नीचे काले घेरे और ढीली त्वचा का कारण बन सकती हैं। साइनस संक्रमण भी आंखों पर पीछे से हमला कर सकता है और उन्हें धँसा और काला दिखाई दे सकता है।
धंसी हुई आंखें या आंखों के गड्ढों से छुटकारा पाने के लिए 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेना बहुत जरूरी है।
आंखों को धूप से बचाने के लिए हर तीन से चार घंटे में एक अच्छी गुणवत्ता वाला सनस्क्रीन लगाएं और दोबारा लगाएं। संवेदनशील त्वचा होने पर भी आंखों की सुरक्षा के लिए मिनरल सनस्क्रीन सबसे अच्छा काम करती है।
खीरे या आलू के स्लाइस को लगाने से त्वचा ठंडी होती है और उस क्षेत्र में रक्त परिसंचरण में सुधार होता है, जिससे थकान से राहत मिलती है।
गहरी धंसी हुई आंखों से छुटकारा पाने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे केल, पालक, ब्रोकली स्प्राउट्स और साग का स्वस्थ आहार लें।
हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त पानी पिएं। हाइड्रेटेड रहने से आपकी त्वचा तरोताजा और रूखेपन से मुक्त रहेगी।
तो, इन अद्भुत टिप्स का पालन करें और आँखों गड्ढों से छुटकारा पाएं!
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