खूबसूरत दिखने के लिए चेहरे की क्लीसिंग, माइश्चराइंजिग और स्क्रबिंग बेहद ज़रूरी है। एपिडर्मिस की लेयर्स में सेल्स होते हैं। जो स्किन में मेलेनिन को बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं। यूं तो मेलेनिन स्किन केयर में फायदेमंद होता है। पर जैसे ही हमारा चेहरा यूवी रेज़ के संपर्क में आता है, तो इसका लेवल बढ़ जाता है। इससे त्वचा में मेलेनिन का जमाव होने लगता है, जिससे त्वचा पर कई दाग उभरने लगते हैं। आइए जानते है कि पिगमेंटेशन के कारण और इससे बचने के उपाय (how to prevent pigmentation)।
पिगमेनटेशन यानि झाइयां, जो चीकबोन एरिया पर नज़र आने वाने ब्राउन मार्क्स होते हैं। ये छोटे-छोटे दाग मिलकर स्किन पर एक पैच बना देते हैं। वे लोग जिनका स्किन कलर फेयर होता है। उनके चहरे पर ये साफ नज़र आने लगती है। कई बार ये अपर लिप्स पर भी होने लगती हैं।
शहनाज़ हुसैन बताती हैं कि सनबर्न, पोषण की कमी, तनाव और कुछ दवाओं का प्रयोग चेहरे पर झाइयों का कारण बन सकता है। इससे सही पोषण, पर्याप्त नींद और सही स्किन केयर आजमा कर निपटा जा सकता है।
त्वचा की क्लींजिंग के लिए स्क्रब के इस्तेमाल से डेड स्किन सेल्स अपने आप निकल जाते हैं। मास्क और स्क्रब पिगमेंटेशन कम कर सकते हैं। धीरे-धीरे गहरे दाग हल्के होते चले जाते हैं। वे कहती हैं कि पिगमेंटेशन रिमूव होने के बाद भी सनस्क्रीन को लगाते रहना चाहिए।
हार्मोंनल असंतुलन की वजह से अधिकतर महिलाओं को प्रेगनेंसी के बाद पिगमेंटेशन से होकर गुज़रना पड़ता है।
स्किन में मेलानिन के बढ़ने से झाइयां उभरने लगती हैं।
वहीं सन लाइट में ज्यादा देर तक रहने से झाइंया और गहरी होती चली जाती है। अल्ट्रावायॅलेट किरणें चेहरे की कोशिकाओं को डैमेज करने का काम करती है।
शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण ये दाग उभरने लगते हैं।
चेहरे पर केमिकल युक्त प्रोडक्टस का अधिक मात्रा में इस्तेमाल करना भी हानिकारक साबित हो सकता है
ज्यादा तनाव और सोचने के कारण दाग उभरने लगते हैं।
जानिए पिगमेंटेशन से आप कैसे बच सकती हैं
एंटी ऑक्सीडेंटस से भरपूर विटामिन सी सीरम की बूंदों को चेहरे पर नियमित तौर पर लगाएं। ये त्वचा पर सुरक्षा कवच का काम करता है। इससे न केवल झाइयां गहरी होने से बचती हैं बल्कि स्किन को यूथफुल बनाता है। विटामिन सी स्किन में कोलेजन बनाता है। दरअसल, इस सीरम की मदद से टायरोसिनेस नाम के एंजाइम के प्रोडक्शन को रोका जा सकता है, जो मेलेनिन को बढ़ाकर हाइपरपिग्मेंटेशन का कारण साबित होता है। इसे अप्लाई करने से चेहरे की रंगत में भी बदलाव नज़र आने लगता है।
सनस्क्रीन हमें अल्ट्रा वायलेट रेज़ से बचाने का काम करती है। इससे मेलानिन का प्रोडक्शन अपने आप कम या धीमा हो जाता है। अमेरिकन अकेडमी ऑफ डर्माटोलॉजी के मुताबिक ब्रॉड स्पेक्ट्रम, एसपीएफ 30 या उससे ज्यादा और वाटर रसिसटेंट सनस्क्रीन का प्रयोग करें। इसके अलावा कड़कती धूप में बाहर निकलने से बचें। सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक बाहर निकलने से बचें। बाहर जाने से पहले सनग्लासिस, स्कार्फ या हैट पहनकर बाहर जाएं।
त्वचा में मेलानिन का प्रोडक्शन हाई होने से दिखने वाली झाइयां हमारी स्किन को खराब कर देती है। इससे बचने के लिए कई प्रकार के केमिकल युक्त कॉस्मेटिक प्रोडक्टस को प्रयोग में लाने लगते हैं। इससे बचने के लिए इन घरेलू उपायों को अपनाएं
शहनाज़ हुसैन की इस रेमिडी को बनाने के लिए कोल्ड मिल्क में 1 स्पून ऑलिव ऑयल मिलाएं। उसके बाद इसमें सनफलावर ऑयल की कुछ बूंदे डालें। अब इस मिश्रण को कॉटन की मदद से इसे त्वचा पर अप्लाई करें। इसे नियमित तौर पर लगाने से चेहरे पर निखार आने लगता है।
यह जरूरी है कि आप नियमित और सही स्किन केयर फॉलो करें। ताकि पिगमेंटेशन से बचा जा सके। पर अगर किसी भी कारण से आपके चेहरे पर झाइयां दिखने लगी हैं, तो उनके लिए यहां कुछ घरेलू उपाय दिए गए हैं।
एक चम्मच जायफल के पाउडर में आधा चम्मच तेल मिलाकर कुछ देर तक चेहरे पर स्क्रबिंग करें। हल्के हाथों से मसाज करने से झाइयां हल्की होने लगती है।
एंटी ऑक्सीडेंटस और विटामिन सी से भरपूर नींबू का रस मेलानिन के प्रभाव को कम करता है। इसके लिए नींबू के रस में शहद मिलाकर लगाने से चेहरे पर बनने वाले दाग धीरे धीरे कम होने लगते हैं।
आलू को धोकर गोल स्लाइज़ में काट लें। चेहरे पर दिखने वाली झाइयों पर उन्हें रगड़े। इससे दाग हल्के होने लगेंगे। इसके अलावा आलू को पतले स्लाइज़ में काटकर 5 से 7 मिनट के लिए खीरे की तरह ही चेहरे पर टिके रहने दें। उसके बाद नार्मल पानी से धो लें।