अचानक शरीर में बढ़ने लगा है यूरिक एसिड लेवल, तो जानिए आपको क्या करना है

ब्लड में यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर को जॉइंट पेन और मसूढ़ों में सूजन समेत कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसे नियंत्रित करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव लाना आवश्यक है। जानते हैं यूरिक एसिड कम करने की टिप्स
Uric acid ko kaise kum karein
कई खाद्य पदार्थों में पाई जाने वाली प्यूरिन की मात्रा के चलते यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
Published On: 10 May 2024, 07:35 pm IST
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Dr. P Venkata Krishnan
इनपुट फ्राॅम

गलत लाइफस्टाइल और अनहेल्दी इटिंग हेबिट्स शरीर में यूरिक एसिड का कारण बनने लगती हैं। दरअसल, किडनी शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को डिटॉक्स करती हैं। मगर जब किडनी उचित रूप से कार्य नहीं करती है, तो यूरिक एसिड की समस्या का सामना करना पड़ता है। ब्लड में यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर को जॉइंट पेन और मसूढ़ों में सूजन समेत कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जानते हैं यूरिक एसिड को कम करने की कुछ टिप्स।

इस बारे में गुरुग्राम के आर्टिमिस हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. पी वेंकट कृष्णन का कहना है कि यूरिक एसिड यूरिन के माध्यम से शरीर से बाहर निकलता है। शरीर में जब इसकी मात्रा बढ़ जाती है, तब ये खून में शामिल हो जाता है। इसके चलते ब्लड सेल्स को नुकसान पहुंचने लगता है। दरअसल, कई खाद्य पदार्थों में पाई जाने वाली प्यूरिन की मात्रा के चलते यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। बढ़े हुए यूरिक एसिड को समय पर नियंत्रित करने के लिए खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव लाना आवश्यक है।

uric acid ke sanket kya hain
ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज और जॉइन्ट पेन बढ़ा सकता है हाई यूरिक एसिड। चित्र शटरस्टॉक।

यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए इन बातों का रखें ख्याल

1. शुगर को करें अवॉइड

नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ के अनुसार फलों और शहद में फ्रुकटोज़ उच्च मात्रा में पाई जाती है। इसके ब्रेक होने से शरीर में प्यूरीन रिलीज़ होता है, जो यूरिक एसिड के बढ़ने का कारण बनता है। इसके अलावा एडिड शुगर ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाने लगती है, जिससे यूरिक एसिड की समस्या बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए प्रोसेस्ड फूड, शुगरी ड्रिंक्स और अधिक मात्रा में कॉफी से बचें। ऐसे में डॉक्टर की सलाह से ही फलों का सेवन करें।

2. ज्यादा मात्रा में पानी पिएं

ज्यादा मात्रा में पानी का सेवन करने से शरीर से विषैले पदार्थों को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। एनआईएच की रिसर्च के अनुसार अधिक पानी पीने से किडनी यूरिन एसिड को बाहर निकालने में मदद करती है। शोध में पाया गया है कि किडनी शरीर में मौजूद 70 फीसदी यूरिक एसिड को फिल्टर करती है। इससे यूरिक एसिड बढ़ने का खतरा टल जाता है।

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ज्यादा मात्रा में पानी का सेवन करने से शरीर से विषैले पदार्थों को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। चित्र : अडोबी स्टॉक

3. लो प्यूरिन फूड खाएं

वे खाद्य पदार्थ, जिनमें प्यूरिन की अधिक मात्रा पाई जाती है। उन्हें आहार में शामिल करने से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में लो प्यूरिन डाइट को फॉलो करें। लो फैट डेयरी प्रोडक्टस के अलावा फलों में चेरी, संतरा और केले का सेवन करे। इसके अलावा सब्जियों में शिमला मिर्च, खीरा, ककड़ी और संतरे को आहार में शामिल करें।

4. फाइबर इनटेक बढ़ाएं

फाइबर रिच डाइट लेने से ब्ल्ड में बढ़ने वाले यूरिक एसिड के एबजॉर्बशन में मदद मिलती है। ऐसे में फाइबर से भरपूर फलों और सब्जियों को आहार में शामिल करे। नट्स, सीड्स, साबुत अनाज और लेग्यूम्स को मील प्लान में एड कर लें। इससे शरीर को फाइबर की प्राप्ति होती है, जिससे गट हेल्थ भी मज़बूत बनती है। सीडीसी के अनुसार एडल्टस को अपने आहार में 22 से 34 ग्राम हाई फाइबर फूड अपने आहार में शामिल करने चाहिए।

5. वेटगेन से बचें

शरीर में वज़न का बढ़ना भी यूरिक एसिड का जोखिम बढ़ा देता है और यूरिन के दौरान यूरिक एसिड पूरी तरह से एक्सक्रीट नहीं हो पाता है। आहार में पोषक तत्वों को शामिल करने के अलावा कुछ वक्त शारीरिक गतिविधियों के लिए भी निकालें। इससे शरीर एक्टिव और हेल्दी बना रहता है।

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क्या ज्यादा मीठा खाने से डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है?

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शरीर में वज़न का बढ़ना भी यूरिक एसिड का जोखिम बढ़ा देता है और यूरिन के दौरान यूरिक एसिड पूरी तरह से एक्सक्रीट नहीं हो पाता है। चित्र अडोबी स्टॉक

इन बातों का भी रखें ख्याल

अल्कोहल इनटेक को सीमित करके यूरिक एसिड की समस्या से बचा जा सकता है। इसके अलावा ज्यादा मात्रा में कॉफी पीने से भी बचें।

कई दवाएं भी यूरिक एसिड का खतरा बढ़ा देती हैं। ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करने के बाद ही किसी दवा का सेवन करें।

गाउट से ग्रस्त लोगों में डायबिटीज़ का खतरा बढ़ने लगता है। ऐसे में शरीर में ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रखें।

नेचुरल तरल पदार्थों का सवेन करें। इससे शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को डिटॉक्स करने में मदद मिलती
है। आहार में नींबू पानी, नारियल पानी, सत्तू और डिटॉक्स वॉटर को शामिल करें।

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लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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