चाहे आप एथलीट हों, ऑफिस कर्मचारी हों या युवा हों, पिछले एक दशक में एनर्जी ड्रिंक नई कॉफी बन गई है। एनर्जी ड्रिंक बाजार तेजी से विकसित हो रहा है। वे दिन चले गए जब रेड बुल बाजार में एकमात्र एनर्जी ड्रिंक थी, अब हमारे सामने असंख्य विकल्प मौजूद हैं। जबकि एनर्जी बूस्टर बताकर पराेसे जा रहे तमाम ड्रिंक आपकी सेहत कैंसर जैसे गंभीर खतरे दे रहे हैं। आइए जानते हैं एनर्जी ड्रिंक्स के साइड इफेक्ट।
चाहे लंबी रात तक पढ़ाई करना हो या सिर्फ अपने आप को सामान्य महसूस न करना हो, अतिरिक्त ऊर्जा देने, सतर्कता बढ़ाने और मानसिक और शारीरिक सक्रियता में सुधार करने के लिए एनर्जी ड्रिंक का सेवन किया जाता है। स्टुडेंट क्लास शुरू होने से पहले पूरी ऊर्जा प्राप्त करने के तरीके के रूप में इन पेय का चयन करते हैं।
एनर्जी ड्रिंक्स में अक्सर कैफीन और चीनी की उच्च मात्रा होती है। ये ड्रिंक्स कॉफी की तरह धीरे-धीरे पीने के लिए डिज़ाइन नहीं किए गए हैं। इसलिए शरीर के पास इसे अवशोषित करने और संसाधित करने का समय नहीं है। यदि किसी को कैफीन के प्रति संवेदनशीलता है, तो इन्हें पीने के बाद एंग्जाइटी, दिल की धड़कन और घबराहट जैसे प्रभाव हो सकते हैं।
एनर्जी ड्रिंक्स इलेक्ट्रोलाइट्स प्रदान नहीं करते। उनमें “क्रैश-एंड-बर्न” प्रभाव की संभावना अधिक होती है। कैफीन रक्तप्रवाह में प्रवेश करने वाली शर्करा को पतला करने के लिए शरीर से पानी निकालता है, जिससे डिहाइड्रेशन हो सकता है।
मेलबर्न के वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि कुछ ऊर्जा पेय में हाइड्रोजन पेरोक्साइड के हानिकारक स्तर होते हैं। हाइड्रोजन पेरोक्साइड एक ऐसा पदार्थ है, जिसे कई लोग अपने बालों या दांतों को ब्लीच करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। अब सोचिए जब आप इसे पीते हैं, तो ये आपकी सेहत के साथ क्या करता होगा।
मेलबर्न के शोधकर्ताओं ने पाया कि एनर्जी ड्रिंक्स में यह रसायन इतनी अधिक कंसन्ट्रेशन में था कि संभावित रूप से “एनर्जी ड्रिंक का सेवन करने वाले कुछ लोगों में कैंसर के जोखिम होने की व्याख्या की गई”।
हाइड्रोजन पेरोक्साइड एक ऑक्सीडाइज़र, एक ब्लीचिंग एजेंट है, और मामूली कट, खरोंच और जलने के लिए हल्के एंटीसेप्टिक के रूप में फर्सट एड किट में एक सामान्य घटक है। इसका उपयोग मुंह के संक्रमण और जलन को दूर करने के लिए भी किया जाता है।
कैफीन लगभग हर एक एनर्जी ड्रिंक का निर्माण खंड है। प्रमुख एनर्जी ड्रिंक के 250 मिलीलीटर कैन में आप 80 से 300 मिलीग्राम तक कैफीन हो सकती है। जो लगभग एक कप इंस्टेंट कॉफी के बराबर है। एक दिन में तीन या चार कैन पीने से आप जल्द ही अनुशंसित दैनिक सेवन से अधिक पार कर जाएंगे।
इसके जरूरत से ज्यादा सेवन से दिल की धड़कन, ब्लड प्रेशरका बढ़ना (ये सभी हृदय रोग के खतरे को बढ़ा सकते हैं) और अत्यधिक पसीना और बेचैनी जैसी चीजें हो सकती है।
एनर्जी ड्रिंक्स में बहुत अधिक मात्रा में चीनी होती है। अधिक मात्रा में चीनी पीने से ब्लड शुगर बढ़ सकती है। समय के साथ, इससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन हो सकती है, जो कई पुरानी बीमारियों में योगदान हो सकता है। यदि आप एनर्जी ड्रिंक पीने जा रहे हैं, तो कम चीनी वाले ब्रांड को चुनें।
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कस्टमाइज़ करेंएनर्जी ड्रिंक में उच्च मात्रा में कैफीन होता है, जो मूत्रवर्धक के रूप में काम करता है। इसका मतलब है कि यह मूत्र उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है, खासकर गर्म मौसम या शारीरिक गतिविधियों के दौरान।
डिहाइड्रेशन से सिरदर्द, चक्कर आना और सुस्ती जैसे लक्षण हो सकते हैं। ऊर्जा के स्तर और समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पानी या प्राकृतिक फलों के रस से हाइड्रेटेड रहना कहीं अधिक फायदेमंद है।
एनर्जी ड्रिंक में कैफीन नर्वस सिस्टम को नाकारातमक तरीके से प्रभावित कर सकता है, जिससे घबराहट, एंग्जाइटी और अनिद्रा जैसे लक्षण हो सकते हैं। ये प्रभाव रोज के काम और मानसिक स्वास्थ्य को खराब कर सकते है। इससे आपकी नींद खऱाब हो सकती है, सोचने समझने की क्षमता कम हो सकती है और अपको नर्वस सिस्टम पर अधिक तनाव बढ़ सकता है।
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