पीरियड्स को लेकर हमारे घरों और समाज में बहुत से भ्रम फैले हुए हैं। जैसे अचार न छूना, दर्द की दवा न लेना, और धार्मिक क्रियाओं से दूर रहना। ये भ्रांतियां (Myths about period) महिलाओं के स्वास्थ्य और उनकी मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। कई बार, लड़कियों को अपनी पीरियड्स के दौरान अपमानजनक या शर्मिंदगी का अनुभव होता है, जिससे वे अपने शरीर के बारे में खुलकर बात नहीं कर पातीं। इनमें से एक भ्रम पीरियड्स में बाल धोने को लेकर भी है। इन भ्रांतियों को शिक्षा और जागरूकता के माध्यम से मिटाना आवश्यक है। ताकि महिलाएं अपने स्वास्थ्य को बेहतर तरीके से समझ सकें और देखभाल कर सकें।
इसीलिए आज हेल्थशॉट्स में हमने बात करी श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली में सीनियर कंसल्टेंट, अब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. मीनाक्षी बंसल से।
सोशल मीडिया पर वायरल एक रील में कहा गया था कि पीरियड के दौरान बाल धाेने से ब्लड क्लॉट बन जाते हैं! यह तर्क न केवल निराधार है, बल्कि मूर्खतापूर्ण भी है। एक्सपर्ट बता रही हैं इसकी वजह।
पीरियड्स, जिसे मेंस्ट्रुएशन भी कहते हैं, यूट्रस की अंदर की परत के हर महीने मोटी होती और फिर बाद में टूटकर बाहर निकल जाती है। इसे मासिक धर्म चक्र( menstrual cycle) भी कहा जाता है। पीरियड्स का ब्लड जो आंशिक रूप से ब्लड और आंशिक रूप से युट्रस का टिश्यू भी होता है, आपकी वैजाइना के माध्यम से आपके शरीर से बाहर आता है। यह प्रक्रिया हार्मोन्स द्वारा संचालित होती है।
बाल धोने और पीरियड ब्लीडिंग के बीच सीधे कोई वैज्ञानिक संबंध नहीं है। हालांकि, कुछ महिलाएं पीरियड के दौरान बाल धोने से असहज महसूस कर सकती हैं। इस समय, शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है, जिससे आपकी स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
यह प्रक्रिया शारीरिक रूप से थकाने वाली हो सकती है, जिससे वीकनेस का अनुभव हो सकता है। पीरियड के समय हार्मोनल बदलाव और शारीरिक असुविधा के कारण कुछ महिलाओं को यह सलाह दी जाती है कि वे हल्का और आरामदायक महसूस करने के लिए बाल धोने में सावधानी बरतें। लेकिन सामान्यतः, अगर किसी को कोई समस्या नहीं होती, तो वे बिना किसी चिंता के बाल धो सकते हैं।
डॉ. मीनाक्षी बंसल कहती हैं कि “महिलाओं को यह जानने और समझने की जरूरत है कि पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस है और इस दौरान सामान्य दैनिक गतिविधियां करना पूरी तरह से सुरक्षित है। ऐसा कोई शोध अब तक नहीं किया गया है, जो यह दावा करें कि मेंस्ट्रुअल पीरियड में बाल धोना आपकी ब्लड क्लॉटिंग को किसी तरह प्रभावित करता है। पीरियड्स के दौरान बाल धोना पूरी तरह से सेफ है।
गर्म पानी का उपयोग करने से बालों को धोने में कई फायदे होते हैं। यह बालों को मुलायम बना सकता है, जिससे उन्हें आसानी से कंघी किया जा सकता है। साथ ही, गर्म पानी से सिर की ब्लड फ्लो बेहतर होता है, जो तनाव को कम करता है और पीरीयड्स में शरीर को आराम प्रदान करता है। इसके अलावा, यह स्कैल्प के पोर्स को खोलने में मदद करता है, जिससे गंदगी और तेल आसानी से निकल जाते हैं।
पीरियड्स के दौरान, माइल्ड शैम्पू का उपयोग करना विशेष रूप से फायदेमंद होता है। इस समय, हार्मोनल बदलावों के कारण बालों की संवेदनशीलता बढ़ सकती है, और माइल्ड शैम्पू इन्हें बिना नुकसान पहुंचाए साफ करता है। इसके अलावा, यह बालों को नर्म बनाए रखता है और स्कैल्प की जलन से भी राहत देता है, जिससे आपको अधिक आरामदायक अनुभव होता है।
पीरियड्स के दौरान, बालों को हल्के हाथों से धीरे से धोना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस समय, हार्मोनल परिवर्तन बालों को अधिक संवेदनशील बना सकते हैं, जिससे उन्हें टूटने या गिरने का खतरा बढ़ जाता है। धीरे से धोने से बालों की जड़ों को कम दबाव पड़ता है और उन्हें प्राकृतिक चमक बनाए रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा, यह प्रक्रिया आपको मानसिक और शारीरिक दोनों ही रूप से आराम देती है।
यह ध्यान रखना आवश्यक है कि पीरियड्स के दौरान बाल धोना हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता। यदि आपको कोई समस्या होती है, तो डॉक्टर से परामर्श लें। अंततः, यह जरूरी है कि हर महिला अपने शरीर की सुनें और वही करें जो उन्हें आरामदायक लगे। अपनी सेहत का ध्यान रखना हमेशा प्राथमिकता होनी चाहिए।
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