पीरियड कई चीजों से प्रभावित होते हैं। कभी खाने से, तो कभी नींद पूरी तरह न लेने से, तो कभी तनाव से। पर क्या आप जानती हैं कि मौसम भी आपके पीरियड को प्रभावित कर सकता है। कैसे बढ़ता तापमान आपके शरीर के अंदर होने वाली गतिविधि यानी मेंस्ट्रुअल साइकल (heat effect on menstrual cycle ) को प्रभावित करता है, आइए जानते है।
गर्म मौसम और पीरियड्स के बीच एक संबंध है। बढ़ती गर्मी यानी चढ़ता पारा जहां आपके दिमाग को गर्म कर देता है, वहीं यह आपके मेंस्ट्रुअल साइकल को भी प्रभावित कर सकता है।
विभिन्न अध्ययनों ने पुष्टि की है कि बड़ी मात्रा में सूर्य के संपर्क में आने से पीरियड प्रभावित हो सकते हैं। जब लोग एक नए क्षेत्र में जाते हैं जहां मौसम या तो गर्म या ठंडा होता है, तो शरीर को उस जगह में खुद को ढालने और चलाने में थोड़ा समय लगता है। जिससे गर्मियों के मौसम में आपके पीरियड भी प्रभावित हो सकते हैं। आपके पीरियड या तो ज्यादा लंबे और बार-बार हो सकते हैं या कम समय के लिए हो सकते हैं।
इस बारे में ज्यादा जानकारी दी हमें डॉ. अनुराधा खुराना ने। डॉ. अनुराधा अपोलो क्रैडल, दिल्ली में ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी है।
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डॉ. अनुराधा के अनुसार मेंस्ट्रुअल साइकिल पर मौसम के प्रभाव का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन कुछ ऐसे संभावित तरीके हैं जिनसे मौसम मेंस्ट्रुअल साइकिल को प्रभावित कर सकता है। जैसे मौसमी परिवर्तनों के दौरान शारीरिक गतिविधियों में परिवर्तन, जो संभावित रूप से हार्मोनल रेगुलेशन को प्रभावित कर सकता है। जिससे मासिक धर्म की नियमितता भी प्रभावित हो सकती है।
इसके अलावा, तनाव के स्तर में परिवर्तन संभावित रूप से दिनचर्या को प्रभावित करता है, और शरीर में हार्मोनल संतुलन को बाधित कर सकता है। इसका प्रभाव मासिक धर्म चक्र पर भी पड़ता है।
डॉ. अनुराधा बताती है कि “पीरियड पर तापमान का प्रभाव हो सकता है, हालांकि यह एक महिला से दूसरे महिला में अलग हो सकता है। कुछ लोगों के लिए, मौसमी बदलाव के कारण तापमान में बदलाव, जैसे बहुत अधिक गर्मी या ठंड के लंबे समय तक संपर्क में रहना, पीरियाड को प्रभावित कर सकता है।”
“उदाहरण के लिए, गर्मियों के दौरान गर्म तापमान डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है, जो शरीर के हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकता है। दूसरी ओर, ठंडा तापमान वाहिकासंकीर्णन (रक्त वाहिनियों का सिकुड़ना) का कारण बन सकता है, जो प्रजनन अंगों में रक्त के प्रवाह को प्रभावित कर सकता है। यह संभावित रूप से मेंस्ट्रुअल साइकिल में बदलाव ला सकता है।”
इसलिए, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि समग्र स्वास्थ्य, तनाव का स्तर, आनुवंशिकी, मौसमी परिवर्तन, आहार में परिवर्तन जैसे कारक मेंस्ट्रुअल साइकिल को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, यदि आपके मेंस्ट्रुअल साइकिल या स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण परिवर्तन हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा है।
गर्मियों के दौरान अपने मेंस्ट्रुअल साइकिल को नियंत्रित रखने के लिए कुछ उपाय
1 हाइड्रेटेड रहें और कम से कम 3-4 लीटर पानी पिएं
2. नारियल पानी- नारियल पानी एक अच्छा पेय पदार्थ है। नारियल इलेक्ट्रोलाइट्स से भरा होता है और यह आपके पीएमएस को शांत करने में मदद करेगा।
3 नियमित व्यायाम करें। इससे आपके मेंस्ट्रुअल साइकिल को नियंत्रित करने में भी मदद मिल सकती है।
4 ताजे फल अवश्य खाएं क्योंकि वे विटामिन और खनिजों से भरे होते हैं, जो आपको गर्मियों के दौरान मेंस्ट्रुअल साइकिल के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक होते हैं।
5 जब भी आपको पीरियड हो तो कॉटन के अंडरगारमेंट्स और आरामदायक कपड़े पहनें। इससे आपको बेचैनी और डिसकम्फर्ट नही होगा।
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