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बढ़ती गर्मी पेट खराब कर सकती है, इन 5 तरीकों से रखें गट हेल्थ का ध्यान

आंत के स्वास्थ्य में बढ़ने वाली गड़बड़ी का असर इम्यून सिस्टम और वेट मैनेजमेंट पर भी दिखने लगता है। हानिकारक बैक्टीरिया आंत में मौजूद गुड बैक्टीरिया की मात्रा को कम करने लगते हैं। गट हेल्थ बूस्ट करने के लिए इन टिप्स की लें मदद
Published On: 30 Apr 2025, 06:10 pm IST
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Gut health kharab hone se kaise bachein
फाइबर आंतों के स्वास्थ्य को उचित बनाए रखने के अलावा शरीर में बढ़ने वाली कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में मदद करता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

मौसम बदलने के साथ खानपान में आने वाला बदलाव गट हेलथ को प्रभावित करता है। इसके चलते अपच, पेट दर्द, और पाचनतंत्र में गड़बड़ी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा आंत के स्वास्थ्य में बढ़ने वाली गड़बड़ी का असर इम्यून सिस्टम और वेट मैनेजमेंट पर भी दिखने लगता है। हांलाकि मौसम के अलावा हार्मोनल संतुलन और टॉक्सिक खाद्य पदार्थों का सेवन भी गट हेल्थ के नुकसान का कारण बनने लगता है। इसके चलते हानिकारक बैक्टीरिया आंत में मौजूद गुड बैक्टीरिया की मात्रा को कम करने लगते हैं। जानते हैं गट हेल्थ (gut health in summer) किसे कहते हैं और इसे बूस्ट करने के लिए की टिप्स।

jaane kab hoti hai gut health par dhyaan dene ki jarurat.
आंतों के बैक्टीरिया न्यूरोएक्टिव कंपाउड को प्रोडयूस करते हैं, जो न्यूरोनल फ़ंक्शन को प्रभावित करते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

गट हेल्थ किसे कहते हैं (What is Gut health)

आंत यानि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम की मदद से भोजन को पचाने और इन खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद मिलती है। हेल्दी गट माइक्रोबायोम ( gut health in summer) के चलते पाचन संबधी समस्याएं हल हो जाती हैं। लार्ज आंत में 200 से अधिक विभिन्न बैक्टीरिया, वायरस और कवक रहते हैं। इन जीवों को आंत माइक्रोबायोम के रूप में जाना जाता है, जो पोषक तत्वों को ब्रेकडाउन करके शरीर को हेल्दी बनाए रखने में मदद करते हैं।

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार पेट में मौजूद विभिन्न बैक्टीरिया मधुमेह, सूजनए आईबीडी और सोरायसिस व गठिया जैसी स्थितियों के जोखिम को कम करने में मददगार साबित होते हैं। इससे बॉडी फंक्शनिंग में मदद मिलती है।

गर्म मौसम में गट को बूस्ट करने के लिए इन टिप्स की लें मदद (Tips to boost gut health)

1. फाइबर युक्त फूड्स का सेवन करें

आहार में फाइबर की मात्रा को जोड़ने से पाचन प्रक्रिया उचित बनी रहती है और पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद मिलती है। जर्नल माइक्रोऑर्गेनिज्म की रिपोर्ट के अनुसार फाइबर से गट हेल्थ बूस्ट होती है और आईबीडी के खतरे से बचा जा सकता है। इसके लिए आहार में बीन्स, नट्स, बीज, जामुन, दलिया, ब्राउन राइस, चोकर अनाज और साबुत गेहूं शामिल करें।

how to balance gut bacteria
फाइबर से भरे खाद्य पदार्थ ही खाएं। चित्र – अडोबीस्टॉक

2. भरपूर मात्रा में पानी पीएं

पानी से शरीर हाइड्रेट रहता है। साथ ही पाचन में भी मदद मिलती है। जर्नल ऑफ़ न्यूट्रिशन की रिपोर्ट के अनुसार जो लोग ज़्यादा पानी पीते हैं उनमें कम बैक्टीरिया होते हैं जो आईबीडी को ट्रिगर कर सकते हैं। समस्याओं से बचने और आंत के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए हर दिन कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए।

3. पर्याप्त नींद लें

नींद आपके स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित कर सकती है। पर्याप्त नींद न लेना या नींद की खराब गुणवत्ता कई नींद संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है। प्लोस वन की रिपोर्ट के अनुसार नींद की कमी से पेट की सेहत से जुड़ी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। पेट की समस्याओं से बचने के लिए हर रात कम से कम 7.8 घंटे की नींद लेना ज़रूरी है।

Neend ke fayde
नींद न केवल तनाव को दूर करती है बल्कि गट हेल्थ भी बूस्ट हो जाती है। चित्र- अडोबी स्टॉक

4. खाने को चबाकर खाएं

धीरे धीरे खाना खाने से पाचन संबधी समस्याएं हल होने लगती है और पेट की सेहत को बेहतर बनाता है। इसके लिए खाने को ठीक से चबाएँ और धीमी गति से खाएँ। इससे न केवल आपके पेट के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेगा, बल्कि मोटापे और मधुमेह की संभावनाओं को कम करने में भी मदद करता है।

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5. प्रोबायोटिक्स मदद कर सकते हैं

आहार में प्रोबायोटिक्स को शामिल करें, जो पेट के लिए गुड बैक्टीरिया के रूप में जाने जाते हैं। जर्नल मॉलिक्यूल्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार प्रोबायोटिक्स पेट के माइक्रोबायोम को नियंत्रित करते हैं और आंतों के स्वास्थ्य को मजबूत करते हैं। ये पाचन से जुड़ी समस्याओं को दूर रखने में मदद करते हैं। प्रोबायोटिक्स आमतौर पर किण्वित खाद्य पदार्थों जैसे दही, पनीर, किमची, कोम्बुचा, केफिर, टेम्पेह और साउरक्राउट में पाए जाते हैं।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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