डायबिटीज लाइफ़स्टाइल डिसऑर्डर में शामिल हो चुका है, जिनके आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं और इस पर अब हमारा कोई नियंत्रण नहीं रह गया। यदि इन्हें अभी भी संतुलित न किया जाए तो भारत दुनिया में सबसे अधिक डायबिटीज के मरीजों वाला देश बन जाएगा। यह एक बहुत बड़ा मुद्दा है कि आखिर हम ऐसा क्या खा रहे हैं और हमारी लाइफस्टाइल में कहां भूल हो रही है कि हम सभी डायबिटीज के शिकार होते जा रहे हैं। शरीर में बढ़ता ब्लड शुगर लेवल समग्र सेहत के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है इससे अन्य तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
धनिया के उचित लाभों के बारे में तो आप जानती होंगी। तो आपको बताएं कि धनिया के छोटे दाने डायबिटीज की स्थिति में आपके लिए कमाल कर सकते हैं। सालों से मम्मी धनिया को खाने का स्वाद बढ़ाने और व्यंजनों में फ्लेवर ऐड करने के लिए इस्तेमाल करती चली आ रही हैं। आजकल मेरी मां इसे अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए किचन का सुपर हीरो मानती हैं। मैंने उन्हें धनिए के साथ एक्सपेरिमेंट करते हुए देखकर इस पर शोध किया साथ ही एक्सपर्ट से भी बातचीत की, परिणाम स्वरूप मैंने धनिया को डायबिटीज के लिए बेहद फायदेमंद पाया (Coriander seeds for diabetes)।
हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर न्यूट्रीफाई बाई पूनम डाइट एंड वैलनेस क्लिनिक एंड अकेडमी की डायरेक्टर पूनम दुनेजा से सलाह ली। उन्होंने बताया कि किस तरह धनिया डायबिटीज की स्थिति में फायदेमंद हो सकता है। तो चलिए जानते हैं इस विषय पर अधिक विस्तार से।
धनिया के बीज में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) कम होता है, जिससे इन्हें पचाने में और शरीर द्वारा अवशोषित करने में आसानी होती है। अचानक से ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने से रोकने के लिए डायबेटिक डाइट पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। धनिया का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 33 होता है, मधुमेह वाले व्यक्तियों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है।
डायबिटीज की स्थिति में धनिया के बीज ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में प्रभावी रूप से काम करते हैं। द ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन¸ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, धनिया के बीज में कई ऐसे कंपाउंड मौजूद होते हैं जो एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक होते हैं। यह कंपाउंड खून में अवशोषित होकर ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। साथ ही यह इंसुलिन गतिविधियों को भी सामान्य रखते हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा जानवरों पर किए गए अध्ययन के अनुसार धनिया में मौजूद कंपाउंड शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने वाले एंजाइम के उत्पादन को बढ़ा देते हैं। जिससे कि ग्लूकोस लेवल को संतुलित रखा जा सकता है।
धनिया के बीज इंसुलिन गतिविधि को प्रबंधित करते हैं और ब्लड शुगर लेवल को सीमा रेखा से ऊपर जाने से रोकते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित जानवरों पर किए गए अध्ययन के अनुसार धनिया के बीज से स्ट्रेप्टोज़ोटोकिन से प्रेरित डायबिटिक चूहों में इंसुलिन को सामान्य पाया गया।
इसके अलावा, मधुमेह के लिए धनिया के बीज में पाया जाने वाला इथेनॉल ग्लूकोज सीरम को कम करने में प्रभावी रूप से काम करता है। इसे पैंक्रियाज की बीटा-कोशिकाओं से इंसुलिन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है। यह न्यूनतम इंसुलिन उत्पादन के साथ टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित मधुमेह रोगियों के लिए सहायक है।
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सालों से धनिया का इस्तेमाल पाचन संबंधी समस्याओं में होता चला आ रहा है और यह हर बार अपनी गुणवत्ता को साबित कर देता है। धनिया के बीज में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं और इनमें डाइटरी फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो कब्ज और पाचन संबंधी अन्य समस्याओं में काफी फायदेमंद होती हैं। इस प्रकार, बेहतर पाचन के साथ, आप ब्लड शुगर लेवल को भी संतुलित रख सकती हैं।
धनिया के बीज को उपयोग में लाने का सबसे अच्छा तरीका है कि एक मुट्ठी धनिया को रात भर के लिए पानी में भिगो कर छोड़ दें। अब सुबह सबसे पहले खाली पेट इसका पानी पिएं। यह पूरे दिन आपके ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है।
इसके अलावा, यह एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) की मात्रा को कम करने और रक्त में एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है। व्यंजनों में मसाले के रूप में खड़ा धनियां का इस्तेमाल करें।
नोट : यह सुनिश्चित करें कि आप धनिया के बीज के पानी पर स्विच करने से पहले डॉक्टर से परामर्श कर लें, क्योंकि दवाओं और धनिया के बीज दोनों का एक साथ सेवन करने से रक्त शर्करा का स्तर काफी कम हो सकता है।
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