किसी भी रिलेशनशिप में सामान्य नोक– झोंक होती रहती है। कुछ जोड़ों की राय एक–दूसरे से बिल्कुल अलग होती है। ऐसे में छोटी बातों पर भी विवाद होता रहता है। जहां दो व्यक्तिगत विचार वाले लोग हैं, वहां छोटी-मोटी मिसअंडरस्टैंडिंग होना सामान्य है। पर जब लड़ाई या समस्या एक तरफ हो और आपको यह एहसास होने लगी कि आपकी तमाम कोशिशों के बाद भी आपका पार्टनर आपको समझने की कोशिश नहीं कर रहा और उनके बर्ताव में किसी तरह का बदलाव नहीं आ रहा तो ऐसे में रिलेशनशिप काउंसलिंग (Relationship counseling) की मदद ली जा सकती है।
यदि आपके पार्टनर आपकी भावनाओं को लंबे समय से नजरअंदाज कर रहे हैं, आपके ऊपर ध्यान नहीं दे रहे हैं, या जिस कारण रिश्ता खराब हो रहा है उसे बार-बार दोहरा रहे हैं, तो ऐसे में अपने रिश्ते पर ध्यान दें। पार्टनर को काउंसलिंग लेने की सलाह दें। अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल करोल बाग दिल्ली की साइकैटरिस्ट डॉ. हरबंदना साहनी ने कई ऐसे संकेत बताए हैं, जिससे आपको यह जानें में आसानी होगी कि आपके पार्टनर को रिलेशनशिप काउंसलिंग (Relationship counseling) की आवश्यकता है।
साइकैटरिस्ट डॉ. हरबंदना साहनी के अनुसार “किसी भी रिलेशनशिप में समस्याओं का होना बिल्कुल सामान्य है, लेकिन जब ये मतभेद लगातार बढ़ता जाए और आपसी समझ कमजोर होने लगे, तो आपको और आपके पार्टनर को काउंसलिंग की आवश्यकता हो सकती है। अगर आपका पार्टनर बार-बार बात करने से बचता है, छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करता है, या भावनात्मक रूप से आपसे दूर हो रहा है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है।”
“अक्सर, अविश्वास, ईर्ष्या, या बेवफाई की आशंका भी रिश्ते में तनाव बढ़ा सकती है। अगर झगड़े बिना किसी समाधान के बार-बार होते हैं, या आप दोनों एक-दूसरे की भावनाओं को समझने में असमर्थ महसूस करते हैं, तो ऐसे में काउंसलिंग (Relationship counseling) लेने में किसी तरह की बुराई नहीं है। रिश्ते में जब शारीरिक अंतरंगता कम हो जाती है, या एक पार्टनर हमेशा दूसरे को नजरअंदाज करता है, तो इससे भी दूरी बढ़ सकती है।”
“अगर आपके पार्टनर को डिप्रेशन, एंग्जायटी, या बचपन में किसी आघात का सामना करना पड़ा है, तो यह उनके व्यवहार पर असर डाल सकता है और रिश्ते में दरारें ला सकता है। ऐसे मामलों में, रिलेशनशिप काउंसलिंग से बेहतर संवाद, समझ और विश्वास को पुनः स्थापित किया जा सकता है, जिससे रिश्ता फिर से मजबूत हो सके।”
एक हेल्दी कम्युनिकेशन किसी भी रिश्ते में बहुत जरूरी होता है। हम अपने जीवन में कम्युनिकेशन (Relationship counseling) स्किल्स को धीरे-धीरे सीखते हैं। यदि आपका पार्टनर आपके साथ सही से बातचीत नहीं करता है, या किसी भी बात को छिपाने की कोशिश करता है, या आपके ऊपर बातचीत करते हुए मिसअंडरस्टैंडिंग हो जाती है, तो काउंसलिंग लेने में कोई बुराई नहीं है।
रिश्ते कई पहलू में एकतरफा हो सकते हैं, और आपको असहाय महसूस करावा सकते हैं। हो सकता है आप अकेले अपना फाइनेंस संभाल रही हों, या आपको लगता हो कि आपके पास गुणवत्तापूर्ण समय की कमी है। जब आपकी भावनात्मक ज़रूरतें पूरी नहीं हो रही होती हैं, तो आपको अकेलापन महसूस होता है। यदि आप और आपके पार्टनर एक घर में रहते हैं और फिर भी आपको अपनी सभी भावनाओं एवं जरूरतों को अकेले संभालना पड़ता है, तो ऐसे में अपने पार्टनर से काउंसलिंग सेशन लेने को कहें।
किसी भी रिश्ते में एक दूसरे के प्रति सम्मान यानी की रिस्पेक्ट की भावना, एक बेहद महत्वपूर्ण पहलू माना जाता है। अपने पार्टनर द्वारा बार-बार असम्मानित होना या आपके द्वारा निर्धारित की गई बाउंड्रीज यानी कि आपके सीमा का समर्थन न करना किसी भी रिश्ते में अलार्मिंग संकेत हो सकता है। अगर आप अपने जीवनसाथी के प्रति सम्मान खोना शुरू कर चुके हैं, तो आप खुद को उनकी आलोचना करते हुए, उन्हें नीचा दिखाते हुए या उनका मज़ाक उड़ाते हुए पाएंगी। यदि आपके रिश्ते में भी ऐसा हो रहा है, तो यह रिलेशनशिप काउंसलिंग की आवश्यकता दर्शाता है।
पार्टनर द्वारा हर छोटी-छोटी बात पर आलोचना किया जाना एक अस्वस्थ रिश्ते का संकेत है। यदि आपके पार्टनर आपकी हर चीज में कमी निकालते हैं, और आपकी आलोचना करते हैं, तो इस वजह से आप खुदको कम आंकना शुरू कर देती हैं। यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो इस मामले को हल्के में न लें और पार्टनर से रिलेशनशिप काउंसलिंग लेने के लिए कहे।
लगातार बहस करना और झगड़ना, दूसरे व्यक्ति को अपने दृष्टिकोण, ज़रूरतों और मूल्यों के बारे में समझाने की कोशिश में बार-बार नाकामयाब होना, अंडरस्टैंडिंग की कमी दर्शाता है। यदि आप दोनों एक दूसरे के बारे में सोचने समझने में असमर्थ हैं, तो इस बारे में काउंसलर से बात करें।
एक दूसरे के प्रति रोमांस और प्यार की भावना कम हो जाना या काम और पारिवारिक प्रतिबद्धताओं के साथ, आप अलग-अलग जीवन जी रहे हैं! इस प्रकारके रिश्तों में काउंसलिंग की आवश्यकता हो सकती है, ताकि परेशानी को सॉल्व किया जा सके।
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