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लगातार बढ़ रहा है पारा, आपकी सेहत के लिए ये 9 जोखिम दे सकती है बढ़ती गर्मी

Published on:8 April 2025, 12:00pm IST

गर्मी के मौसम में दिनचर्या और खानपान में आने वाले बदलाव अक्सर लोगों में पेट दर्द, दस्त और ब्लोटिंग का कारण साबित होते है। तापमान बढ़ते के कारण जहां शरीर में पानी की कमी बढ़ने लगती है, तो वहीं ऑयली और प्रोसेस्ड फूड पाचन संबधी समस्याओं का कारण साबित होता है।

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पाचन हो सकता है खराब
Digestion kaise boost karein

हीटवेव के कारण शरीर का तापमान बढ़ने लगता है और उसे संतुलित बनाए रखने के लिए ब्लड सर्कुलेशन में बदलाव आने लगता है, जिसका जीआई सिस्टम पर अधिक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में हीटवेव पेट दर्दऔर दस्त का कारण साबित होती है।

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दस्त लग सकते हैं
Loose motion ke kaaran

शरीर में बढ़ने वाली पानी की कमी डायरिया का कारण साबित हैं। शरीर में इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस दस्त का कारण साबित होता है। इसके चलते ब्लोटिंग, पेट के निचले हिस्से में दर्द, उल्टी और बेचैनी महसूस होने लगती हैं। इसके चलते शरीर में थकान और कमज़ोरी महसूस होती है।

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आप डिहाइड्रेट हो सकते हैं
Dehydration ke karan

गर्मी के महीनों के दौरान शरीर को हाइड्रेटिड रखना बेहद ज़रूरी है, लेकिन निर्जलीकरण भी अपच का मुख्य कारण साबित होता है। जब आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं, तो पाचन तंत्र खाद्य पदार्थों को ठीक से नहीं पचा पाता है। इससे मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है और पेट फूला हुआ लगने लगता है।

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त्वचा झुलसने लगती है
skin problem

यूवी रेज़ का बढ़ता प्रभाव त्वचा की नमी को छीन लेता है, जिससे स्किन डिहाइड्रेशन का सामना करना पड़ता है। त्वचा रूखी और बेजान लगने लगती है और स्किन संबधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।अधिक लोगों को रैशेज और टैनिंग से दो चार होना पड़ता है।

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माइग्रेन या तेज सिर दर्द
Migraine se bachne ke upay

हीट स्ट्रोक के चलते तनाव, चिंता और सिरदर्द का सामना करना पड़ता है। दरअसल, तेज़ धूप शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस का खतरा बढ़ा देती है। इसके चलते धूप में निकलते ही सिरदर्द की शिकायत बढ़ जाती है। दरअसल, शरीर में पानी की कमी के चलते बॉडी टिशूज के अलावा ब्रेन में भी फ्लूइड की कमी बढ़ने लगती है, जो सिरदर्द का कारण साबित होती है।

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ह्यूमिडिटी का बढ़ना
humidity se ho sakti hai pareshani

उच्च तापमान और नमी का स्तर पाचन को सीधेतौर पर प्रभावित करता है। हवा में नमी की कमी स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आने से उसका प्रभाव ब्ल्ड सर्कुलेशन पर भी दिखने लगता है। इससे पाचनतंत्र प्रभावित होता है। वहीं अधिक मात्रा में मसालेदार खाना पाचन संबधी समस्याओं का कारण साबित होता है।

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तनाव का बढ़ना
heat stroke ka mental health par asar

गर्मी का मौसम कुछ लोगों में तनाव और चिंता का कारण साबित होता हैं। तनाव का बढ़ता स्तर गट हेल्थ को प्रभावित करता है, जिससे बॉडी फंक्शनिंग प्रभावित होने लगती है। इससे पाचन प्रक्रिया में बाधा आने लगती हैं और अपच के लक्षणों का सामना करना पड़ता है।

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हाइपरटेंशन
Hypertension-effect-bones-health

गर्मी में निकलने से हाईपरटेंशन का जोखिम बढ़ जाता है। इसके चलते आहार में चिकना, तला हुआ और मसालेदार खाना अपच के लक्षणों को ट्रिगर करता हैं। साथ ही हृदय रोगों का खतरा बढ़ने लगता है। इसके लिए आहार में भरपूर मात्रा में फल, सब्जी एवं साबुत अनाज को शामिल करें।

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हीटस्ट्रोक
Heat waves ka mental health par asar

गर्मी से हीटस्ट्रोक का खतरा बढ़ने लगता है। ज्यादा समय गर्मी में रहने से शरीर गर्म होने लगता है। इसके चलते अधिकतर लोगों को सिरदर्द, थकान, चक्कर आना, पेट में दर्द, उल्टी और दस्त का सामना करना पड़ता है। देर तक धूप में रहना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होता है।