क्या कभी आपके साथ भी ऐसा हुआ है कि जब कोई आपसे किसी कार्य के लिए आग्रह करता है और आप न नहीं कर पाते हैं। अगर हां तो ये लेख आप ज़रूर पढ़ें। दरअसल, हमारे आसपास एक बड़ी जमात ऐसे लोगों की है, जो चुपचाप हर काम को बिना मना किए करते चले जाते हैं। क्यों कि किसी काम के लिए न कहना उतना मुश्किल नहीं होता है, जितना मुश्किल उसके बाद की सिचुएशन को झेलना बन जाता है। जानते हैं एक्सपर्ट से कि पर्फेशनल लाइफ में मोटिवेटिड फील करने के लिए किन टिप्स को करें फॉलो (self motivation tips)।
इस बारे में बातचीत करते हुए मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि हर जगह खुद को साबित करने के लिए मोटिवेटिड रहना ज़रूरी है। चाहे रिलेशनशिप हो या वर्कप्लेस हर जगह अप एंड डाउन का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति का मज़बूती से सामना करने के लिए खुद पर दृढ़ विश्वास होना ज़रूरी है। एक्सपर्ट का कहना है कि अपने व्यवहार को संतुलित बनाकर रखें। इससे आपकी दृढ़ता और कड़ी मेहनत का परिचय मिलता है। इसके अलावा कुछ खास बातों का ख्याल रखना भी ज़रूरी है।
अन्य लोगों का बॉसी व्यवहार कई बार हमारे मन को झंझोड़ के रख देता है। कई बार मन किसी काम को करने की इजाजत नही देता। मगर फिर भी हम उस काम को करने के लिए तैयार हो जाते हैं। ऐसे में हर बार मन को मारने की बजाय अपने कंफर्ट को प्रायोरिटी (priority) दें। आगे बढ़े और न कहने की हिम्मत दिखाएं। इससे आप जीवन में हल्कापन महसूस कर पाएंगे और यही व्यवहार आपको प्रगति की ओर लेकर चल सकता है।
जो भी काम करें पूरी सच्चाई और निष्ठा के साथ करें। इससे आपको अपना लक्ष्य प्राप्त करने में परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। अगर आप ईमानदार है तो आपका कार्य पूर्ण रूप से अन्य लोगों की ओर से भी अवश्य सराहा जाएगा। ऐसे में मन में बसा डर अपने आप खत्म हो जाता है। दरअसल, जीवन भी एक खेल है। अगर आप अपने जीवन की बॉल दूसरों के हाथ में थमाते रहेंगे, तो वो आपको मन मुताबिक इधर से उधर उछालने में आपका समय बर्बाद करेंगे।
कभी कभार तयशुदा प्लान हमें सीमाओं में बांध देते हैं। अधूरे मन से हम उन कार्यां को कर तो देते है। मगर आपका 100 प्रतिशत नहीं दे पाते हैं। इससे काम की क्वालिटी भी कम होती है और रिश्तों में खींचतान भी बढ़ने लगती है। ऐसे में भले ही व्यक्ति आपको नकचढ़ा मानने लगे। मगर आप अपनी जगह पर पूरी तरह से सही होते हैं। खुद को सही साबित करने और अपने फैसलें खुद लेने के लिए अपने अंदर कॉफिडेंस (confidence) पैदा करें।
अगर आपको ऑफिस या घर में कुछ खोने का संकेत मिलता है, तो उस बारे में चिंतित होने की जगह उन चीजों पर चर्चा करें। उस समस्या के हल को निकालने के लिए बहुत ज्यादा दूसरों की राय न लें। लोगों की सुनी सुनाई बातें कई बार चिंताओं को बढ़ाने लगती है। अपना डिसीज़न खुद लें और अपनी समस्याओं को दूसरों के समक्ष रखने से न हिचकिचाएं। किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से निकालने की कोशिश करें।
अगर किसी काम करने के लिए आप तैयार नहीं है, तो उसे न कहने की हिम्मत रखना ज़रूरी है। कई बार अनेक कारणों से आप पर एक एक कर कई काम थोप दिए जाते हैं। इससे आपकी कोई योजनाएं बिगड़ने लगती हैं। प्लान कैंसल होने लगते हैं। अपनी मेंटल हेल्थ को मज़बूत बनाए रखने के लिए कई बार न कहना भी ज़रूरी लगने लगता है।
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