टैपिंग या ईएफटी (EFT-Emotional Freedom Technique) एक्यूपंक्चर के पारंपरिक चीनी चिकित्सा अभ्यास पर आधारित है। यह एक मन-शरीर चिकित्सा है। इसका उपयोग आधुनिक मनोविज्ञान में सेल्फ हेल्प के तौर पर खूब आजमाया जा रहा है। इसमें असहज भावनाओं या तनाव पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इसके बाद सिर, हाथों, चेहरे और शरीर पर उंगलियों से प्रमुख एक्यूप्रेशर बिंदुओं (Acu Point) को टैप करना होता है। इससे खुद को रिलैक्स करने में मदद मिलती (tapping for stress and anxiety) है।
हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के शोध बताते हैं कि टैपिंग से तनाव दूर हो सकता है, एंग्जाइटी कम हो सकती है, प्रदर्शन में सुधार हो सकता है। यहां तक कि पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) के लक्षणों से राहत पाने में भी मदद मिल सकती है। ये कैसे काम करता है? क्या यह सचमुच एक्यूप्वाइंट को टैप करने से मानसिक और भावनात्मक स्थिति में उल्लेखनीय अंतर ला सकता है?
योग इंस्ट्रकटर डॉ. स्मृति अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, ‘टैपिंग से कोर्टिसोल लेवल को कम करने में मदद मिलती है। इससे यह तनाव और एंग्जाइटी की भावनाओं को कम कर सकती है। टैपिंग से मूड में सुधार, आत्मसम्मान में वृद्धि और क्रोध, डर और गलत काम करने जैसी नकारात्मक भावनाओं (Tapping Lowers Negative Thoughts) को कम करने में मदद मिलती है। इसका उपयोग शारीरिक दर्द, जैसे सिरदर्द, पुराने दर्द और यहां तक कि ऑपरेशन के बाद के दर्द को कम करने के लिए भी किया गया है। टैपिंग से सिगरेट और शराब जैसे नशे की लालसा कम हो जाती है।
इसका उपयोग खेल, सार्वजनिक भाषण और परीक्षण लेने जैसे क्षेत्रों में प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए किया (tapping for stress and anxiety) जा सकता है।
सबसे पहले शांत होकर बैठ जाएं।
शुरुआत सिर से करें।
मुंह को बंद रखते हुए ओम का उच्चारण करें।
ओम का उच्चारण करते हुए सबसे पहले सिर के ऊपर 4 अंगुलियों से टैप करें।
इसके बाद Forehead) फोरहेड पर बीच में टैप करें।
फिर चीक पर टैप (tapping for stress and anxiety) करें।
टैपिंग की यह प्रक्रिया गालों के बाद हृदय पर होनी चाहिए।
इसके बाद आर्म पिट के पास दोनों तरफ बारी-बारी से कर लें।
सबसे अंत में पेट के पास होना चाहिए।
फिर ओम ध्वनि के साथ अपने दोनों हाथों को एक के ऊपर एक रखकर हृदय पर रखें।
कुछ सेकेंड के बाद ओम की ध्वनि बंद करते हुए दोनों कान को आगे की ऊंगली से बंद करते हुए कुछ देर इसी अवस्था में रहें। टैपिंग करने के बाद बस अपनी आवाज सुनें।
कुछ सेकंड तक इसी अवस्था में रहें। पूरी प्रक्रिया के दौरान आंखें बंद होनी चाहिए, ताकि आपका मन एकाग्रचित हो सके। इसे नाद योग कहते हैं।
इस प्रक्रिया को सप्ताह में एक बार भी किया जा सकता है। इसे करने के बाद आपको खुद में फर्क दिखने लगेगा।
टैपिंग के पहले चरणों में उस भावना या स्थिति की पहचान करनी है, जो आपको परेशान कर रही है। अपनी भावना या समस्या को स्वीकार करें। इसे ध्यान में रखकर खुद को रिलैक्स करें और यह प्रक्रिया अपनायें। इसके माध्यम से अपनी समस्या को देखने में मदद मिल सकती है कि वास्तव में समस्या क्या है और इसके प्रति हमारी भावनात्मक प्रतिक्रिया कैसी है। जब आप टैपिंग के साथ काम करके अपने मस्तिष्क और शरीर को शांत करने की कोशिश करती हैं, तो मनचाहा परिणाम (tapping for stress and anxiety) मिल सकता है।
यह भी पढ़ें :- Panic Attack : खट्टी कैंडी भी दे सकती हैं पैनिक अटैक में राहत, एक्सपर्ट बता रहीं हैं इस स्थिति से निपटने के 5 उपाय
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें