घर और दफ्तर के बीच दौड़ते-भागते आप सिर्फ शारीरिक रूप से ही नहीं थकते, बल्कि मानसिक रूप से भी बहुत तनाव महसूस करते हैं। ऑफिस के टारगेट से लेकर घर के छोटी-बड़ी जिम्मेदारियां आपको तनाव दे सकती हैं। पर आपको हमेशा यह याद रखना चाहिए कि यह सारी जिम्मेदारियां, अपेक्षाएं और सपने आप ही के कारण हैं। इसलिए अपने आपको पैंपर करना बहुत जरूरी है। अगर हर दिन का तनाव और काम का बोझ आपको इतना थका रहा है कि आप ठीक से सो भी नहीं पा रहीं, तो यहां कुछ टिप्स हैं जिन्हें अपनाकर आप रिलैक्स हो सकती हैं। तो एक थकान और तनाव भरे दिन के बाद खुद को रिलैक्स करने के लिए तैयार हो जाइए (tips to relax yourself)।
दौड़भाग से भरे जीवन में छोटी-छोटी बातें तनाव का कारण बनने लगती हैं। जिसका असर नींद पर दिखने लगता है। शरीर और दिमाग के असंतुलन की इस जंग में अधिकतर लोग स्लीप डिसऑर्डर का शिकार हो जाते हैं। इससे मूड सि्ंवग से लेकर किसी काम पर फोकस न कर पाने जैसी समस्याएं बढ़ने लगती है। इसके अलावा चेहरे की त्वचा पर भी इसका असर दिखने लगता है, जिससे एजिंग और डार्क सर्कल की समस्या बढ़ने लगती है। जानते हैं नींद की समस्या से डील करने के कुछ आसान उपाय।
साउथ कैलिफोर्निया युनिवर्सिटी की एक रिसर्च के अनुसार मोबाइल, टीवी और टैब जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइज़ का अत्यधिक प्रयोग अनिद्रा की समस्या को बढ़ावा देते हैं। इससे निकलने वाली ब्लू लाइट मेलाटोनिन के स्तर को गिराती है, जिससे नींद न आने की समस्या बढ़ने लगती है। इसके अलावा दिनभर में ज्यादा थकान होना भी नींद में बाधा का काम करता है। नींद का पूरा न होना मेंटल हेल्थ के लिए नुकसानदायक साबित होता है।
एनआईएच की रिसर्च के अनुसार रात को भरपूर नींद लेना भी नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार के समान ही है। रिसर्च के अनुसार नींद पूरी न होने से शरीर को हार्मोन इंबैलेंस और फोकस की कमी का सामना करना पड़ता है। साथ ही वज़न बढ़ने का जोखिम भी बढ़ जाता है। दूसरी ओर वे लोग जो भरपूर नींद लेते हैं, उन्हें भूख कम लगती है और शरीर भी स्वस्थ बना रहता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार सोने से 90 मिनट पहले हॉट बाथ लेने से नींद न आने की समस्या हल होने लगती हैं। इसके अलावा रात में सोने से पहले पैरों को गुनगुने पानी से वॉश करने से भी स्लीप को इंप्रूव किया जा सकता है।
सोने से पहले शरीर के अंगों पर ऑयल मसाज करने से मसल्स रिलैक्स होने लगते है और थकान भी दूर हो जाती है। एसेंशियल ऑयल का प्रयोग करने से उसकी खुशबू दिमाग को शांत रखने में मदद करती है। कुछ बूंद तेल लेकर हथेलियों, पैरों के तलवों और कंधों पर कुछ देर मसाज करने से शरीर को सुकून मिलता है। इसके अलावा मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन भी दूर होने लगती है।
जहां एक तरफ कॉफी शरीर को कई प्रकार के फायदे पहुंचाती है, तो वहीं रात के समय इसका सेवन करने से दिमाग एक्टिव मोड पर चला जाता है। एनआईएच की स्टडी के अनुसार कॉफी का सेवन करने से माइंड 6 से 8 घंटे तक एक्टिव रहता है। ऐसे में 3 से 4 बजे के बाद कैफीन का सेवन करना नींद न आने की समस्या को बढ़ा सकता है।
नियमित समय पर सोने और उठने से बॉडी क्लॉक उस समय को फॉलो करने लगती है। पूरी नींद लेने से ब्रेन रिलैक्स होता है और तनाव से भी मुक्ति मिल जाती है। एनआईएच की स्टडी के अनुसार अलग अलग समय पर सोने से शरीर में मलाटोनिन की मात्रा कम हो जाती है, जो ब्रेन को स्लीप सिग्नल देने का काम करता है। सोने और उठने का समय तय करने से न केवल नींद की गुणवत्ता बढ़ जाती है बल्कि उठने के लिए किसी प्रकार के अलार्म की भी आवश्यकता नहीं होती है।
साउंड स्लीप के लिए नाइट टाइम लाइट एक्पोज़र से बचें। सोने से पहले मोबाइल या टीवी को लंबे वक्त तक देखने से शरीर को रिलैक्स रखने और बेहतर नींद में मददगार मेलाटोनिन हार्मोन का स्तर घटने लगता है। ऐसे में सोने से दो घण्टे पहले ब्लू लाइट एक्सपोज़र से दूर रहें।
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