त्योहारों के दिनों में लोग बड़ी मात्रा में प्रिजर्वेटिव और पेस्टीसाइड के संपर्क में आते हैं। अत्यधिक मात्रा में अनहेल्दी फूड खाने से शरीर में टॉक्सिक पदार्थ बढ़ने लगते है। इसका असर मेटाबॉलिज्म से लेकर हार्ट हेल्थ तक हर जगह नज़र आने लगता है। ऐसे में पोस्ट फेस्टिव डिटॉक्स शरीर में जमा विषैले पदार्थों को सरलता से बाहर निकालने में मदद करते हैं। पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है और बढ़ने वाले वज़न को भी नियंत्रित किया जा सकता है। जानते हैं फेस्टिव सीज़न में शरीर को डिटॉक्स करने में कौन से खाद्य पदार्थ है मददगार (foods for post festive detox)।
इस बारे में मणिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा का कहना है कि शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त करने के लिए लीवर और किडनी बेहद मददगार साबित होते हैं। नियमित दिनचर्या और हेल्दी आहार को अपनाकर आसानी से आपके शरीर को डिटॉक्स किया जा सकता है। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और वेटगेन की समस्या से बचा जा सकता है। इसके लिए अत्यधिक अल्कोहल इनटेक और फ्राइड फूड खाने से बचें। नेचुरली डिटॉक्स करने के लिए कई चीजों को अपने रूटीन में शामिल करना आवश्यक है।
प्रोबायोटिक्स से भरपूर दही गट हेल्थ को मज़बूती प्रदान करता है। इससे पेट में होने वाली ऐंठन और कब्ज की समस्या को दूर किया जा सकता है। इसमें विटामिन बी, कैल्शियम और मैगनीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसे छाछ के अलावा चिया सीड्स, फल और नट्स के साथ भी मिलाकर खा सकते हैं। शरीर को हेल्दी बनाए रखने वाला दही त्वचा को भी फायदा पहुंचाता है।
स्नैक्स और मिठाइयों के सेवन से शरीर में बढ़ने वाले टॉक्सिक पदार्थों को डिटॉक्स करने के लिए आहार में साबुत अनाज जैसे दलिया, जौ व बाजरा को अवश्य शामिल करना चाहिए। ये अनाज फाइबर, विटामिन और मिनरल से भरपूर होते है। इससे बार बार भूख लगने की समस्या भी हल हो जाती है।
संतरे में विटामिन सी की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे कोलन की क्लीनिंग में मदद मिलती है। एनआईएच के अनुसार संतरे में पाए जाने वाले डाइजेस्टिव एंजाइम ब्रोमिलेन शरीर को ब्लोटिंग से राहत दिलाते हैं। इसके अलावा शरीर में बढ़ने वाले ब्लड शुगर लेवल को भी नियंत्रित बनाए रखते हैं। फाइबर के रिच सोर्स संतरे के सेवन से शरीर मौसमी संक्रमणों के प्रभाव से भी मुक्त रहता है।
हरी सब्जियां लीवर को डिटॉक्स करने में सहायक साबित होती हैं। विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर ग्रीन वेजिटेबल्स इम्यून सिस्टम को मज़बूती प्रदान करती हैं। साथ ही शरीर में जमा विषैले पदार्थों से मुक्ति दिलाती हैं। इसके अलावा एजिंग के प्रोसेस को भी स्लो करने में मदद करता है।
न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार शरीर को डिटॉक्स करने के लिए सादा पानी एक बेहतरीन उपाय है। रोज़ाना सुबह उठकर खाली पेट हल्का गुनगुना पानी पीने से शरीर में जमा टॉक्सिक पदार्थों को आसानी से डिटॉक्स किया जा सकता है। इससे शरीर में जमा विषैले पदार्थों से मुक्ति मिल जाती है, जो शरीर में पनपने वाले कई रोगां का कारण बनने लगते हैं। दिनभर में नियमित मात्रा में पानी पीएं।
बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर जिंजर लेमन टी बेहद कारगर साबित होती है। ये न केवल शरीर में जमा टॉक्सिक पदार्थों को निकालने में मदद करती है, बल्कि वेटलॉस में भी फायदा पहुंचाती है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंटस शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का भी काम करते हैं।
डिटॉक्स फूड्स की मदद से त्योहारों में बढ़ने वाले वज़न को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा शरीर में जमा अतिरिक्त कैलोरीज़ को बर्न करने के लिए डिटॉक्स ड्रिंक्स की मदद भी ली जा सकती है।
तला भुना खाना खाने से उसका असर गट हेल्थ पर दिखने लगता है, जो पाचनतंत्र को नुकसान पहुंचाता है। इससे सीने में जलन और एसिडिटी की समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में डाइजेशन को इंप्रूव करने के लिए हेल्दी आहार को मील में शामिल करना ज़रूरी है।
त्योहारों में अल्कोहल इनटेक बढ़ाने से शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ने लगती है, जो वॉमिटिंग, डायरिया और ब्लोटिंग का कारण साबित होता है। ऐसे में डिटॉक्स फूड्स की मदद से शरीर को निर्जलीकरण की समस्या से बचाया जा सकता है।
शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों का असर स्किन और बालों पर भी दिखने लगता है। ऐसे में आहार में सामान्य बदलाव लाहर त्वचा को मुलायम और बालों को हेयरफॉस से बचाया जा सकता है।
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