हमारे दैनिक जीवन में चाहे जूते के फीते बांधने हों या सीढ़ियों पर हमे चढ़ना हो, हमारे घुटनों को मोड़ना ही पड़ता है, जिसमें हमारे जोड़ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए जोड़ों को स्वस्थ रखना बहुत ज़रूरी है, लेकिन इसके लिए कठिन व्यायाम करना आवश्यक नहीं। हल्का पर नियमित व्यायाम जोड़ों को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आज उन एक्सरसाइज के बारे में जानते हैं, जो आपके जोड़ों को स्वस्थ (how to strengthen joints) बनाए रखने में मदद करते हैं।
चलने की गतिविधि होने पर जोड़ों में एक विशेष तरल पदार्थ, सिनोवियल फ़्लुड निकलता है, जो घर्षण और टूट-फूट को कम करने में मदद करता है। हल्के व्यायाम से इस फ़्लुड का उत्पादन बढ़ता है, जिससे जोड़ ज़्यादा सुगमता से घूम पाते हैं।
मजबूत मांसपेशियां जोड़ों पर पड़ने वाले धक्के को अवशोषित कर लेती हैं। मांसपेशियां कमजोर हों, तो जोड़ों पर भार बढ़ जाता है, जिससे दर्द और परेशानी हो सकती हैं। हल्के व्यायाम, जैसे लो-इंपैक्ट स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से जोड़ों पर अत्यधिक भार डाले बिना मांसपेशियों की शक्ति बढ़ाई जा सकती है।
जोड़ों में अकड़न होने पर गतिविधि सीमित हो जाती है, जिससे दैनिक काम करना बहुत चुनौतीपूर्ण हो जाता है। योग या पिलौटीज़ जैसे हल्के स्ट्रेचिंग व्यायाम, जोड़ों को लचीला बनाकर उनमें सुधार लाते हैं। नियमित तौर से ये व्यायाम करके बढ़ती उम्र के साथ जोड़ों को होने वाली परेशानी से बचा जा सकता है।
शरीर के वजन का सबसे ज़्यादा भार जोड़ झेलते हैं। ज़्यादा वजन से उन पर ज़्यादा दबाव पड़ता है, जिससे जोड़ों की समस्याएं हो सकती हैं। हल्के व्यायाम से वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। प्रतिदिन वॉक करने से भी वजन को कम करने में मदद मिलती है, ताकि जोड़ों पर कम दबाव पड़े।
वॉक करना सबसे आसान व्यायामों में है। इससे जोड़ों पर बहुत कम दबाव पड़ता है और यह कहीं भी किया जा सकता है। अपने आसपास के इलाक़ों में रोज़ वॉक करने से न केवल जोड़ स्वस्थ रहते हैं, बल्कि ताज़ा हवा भी मिलती है, जो मस्तिष्क के लिए भी अच्छा है।
स्विमिंग एक अच्छा व्यायाम है। पानी के दबाव से जोड़ों पर भार कम होता है, और शरीर की सभी माँसपेशियों की अच्छी मालिश हो जाती है। अगर किसी को जोड़ों की समस्या है, तो यह एक बहुत अच्छा व्यायाम है।
योग में स्ट्रेचिंग, संतुलन और शक्ति का मेल होता है। यह जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा व्यायाम है। जोड़ों पर बहुत अधिक दबाव ना पड़े, इसके लिए योगा के सरल आसन, जैसे हठ या रेस्टोरेटिव आसान करें।
साइकिल चलाना एक हल्का एरोबिक व्यायाम है, जिससे जोड़ों पर बहुत कम भार पड़ता है। चाहे आप स्टेशनरी बाइक पर साइक्लिंग करें या बाहर जाकर साइकिल चलायें, दोनों स्थितियों में साइक्लिंग जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद है।
रेजिस्टेंस बैंड भारी वजन उठाए बिना मांसपेशियों की शक्ति बढ़ाने के एक अच्छा उपाय हैं। ये बैंड हल्का रेजिस्टेंस प्रदान करते हैं, और फिटनेस की ज़रूरत के अनुरूप कस्टमाइज़ किए जा सकते हैं।
संतुलन बनाने के सरल व्यायाम, जैसे एक पैर पर खड़ा होने या संतुलन का अभ्यास करने से स्थिरता में सुधार लाने और गिरने का जोखिम कम करने में मदद मिलती है, ताकि जोड़ों के स्वास्थ्य को नुक़सान ना पहुंचे।
याद रखें
बढ़ती उम्र के साथ एक चुस्त और दर्द-मुक्त जीवन के लिए जोड़ों का स्वस्थ होना ज़रूरी है। अपनी दिनचर्या में हल्का व्यायाम शामिल कर जोड़ों को सालों तक मजबूत, लचीला और दर्द-मुक्त बनाकर रखा जा सकता है।
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