घुटनों का दर्द जोड़ों के दर्द लोगों द्वारा सामना की जाने वाली सबसे आम समस्याओं में से एक है। यह दर्द, सूजन, कठोरता और जोड़ों को हिलाने में दिक्कत जैसे लक्षण पैदा कर सकता है। जड़ी-बूटियों और अन्य प्राकृतिक औषधियां जोड़ों की परेशानी को कम करने में मददगार हो सकती हैं। पारंपरिक उपचारों, हल्के व्यायाम, अच्छे पोषण और चिकित्सा उपचारों के साथ-साथ घुटने के दर्द के लक्षणों को प्रबंधित किया जा सकता है।
जिन लोगों को घुटनों में दर्द की समस्या होती है उन्हे सबसे पहले कुछ सूजन-रोधी आहार या जड़ी बूटी को विकल्पों का सेवन करना चाहिए। ये सभी चीजें एक दम से आपके दर्द को कम करने में मदद नही करेगी लेकिन अगर आप नियमित तौर पर इसका इस्तेमाल करते है तो आपको इससे कुछ समय में राहत जरूर मिल सकती है।
जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए किन जड़ी बूटियों का इस्तेमाल कर सकते है ये जानने के लिए हमने बात की डायटिशियन और वेट लॉस एक्सपर्ट शिखा कुमारी से, शिखा कुमारी बताती है कि कई जड़ी-बूटियों का उपयोग पारंपरिक रूप से जोड़ों और घुटनों के दर्द को कम करने के लिए किया जाता रहा है, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन जड़ी-बूटियों की प्रभावकारिता अलग-अलग हो सकती है।
शिखा कुमारी बताती है कि हल्दी में करक्यूमिन नामक एक यौगिक होता है, जिसमें सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसका उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में जोड़ों के दर्द और सूजन को प्रबंधित करने में मदद के लिए किया जाता रहा है। करक्यूमिन ऑस्टियोआर्थराइटिस और अन्य सूजन संबंधी स्थितियों के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
अदरक की चाय का सेवन को आमतौर पर सभी घरों में होता है लेकिन अदरक आपके लिए बहुत फायदेमंद भी है। अदरक में सूजनरोधी गुण होते हैं और यह गठिया से जुड़े दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। कई अध्ययन यह बताते है कि अदरक का रस ऑस्टियोआर्थराइटिस से संबंधित घुटने के दर्द से राहत दिला सकता है।
नीलगिरी के पत्तों के तेल में एंटीऑक्सिडेंट और सूजन-रोधी गुण होते हैं। इसके अलावा, नीलगिरी के पत्तों में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड ऑक्सीडेटिव तनाव को रोकने में मदद कर सकते हैं।
सेल कल्चर का उपयोग करके किए गए एक अध्ययन में यूकेलिप्टस पत्ती के अर्क द्वारा इंटरल्यूकिन -6 और ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर-अल्फा स्तर को काफी कम दिखाया गया है। यह जोड़ों के दर्द सहित सूजन संबंधी लक्षणों को कम करने में सहायता कर सकता है।
अपनी त्वचा पर चमक लाने के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल तो सभी करते है लेकिन क्या आप जानते है कि एलोवेरा इसके अलावा भी बहुत लाभ देता है। एलोवेरा। कई चीजों के उपचार में सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली जड़ी-बूटियों में से एक है। यह गोलियाँ, पाउडर, जैल और पत्तियों सहित विभिन्न रूपों में आता है। यह अपनी उपचार क्षमताओं के लिए प्रसिद्ध है और इसका उपयोग अक्सर सनबर्न जैसी छोटी त्वचा की जलन के इलाज के लिए किया जाता है, लेकिन यह जोड़ों के दर्द के लिए भी सहायक हो सकता है।
लहसून वैसे तो किसी भी सब्जी के स्वाद को बढ़ाने के लिए काम में लिया जाता है, लेकिन ये खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ साथ शरीर की कई बिमारियों को भी ठीक करता है। लहसून जिस यौगिक की वजह से जोड़ों के दर्द से राहत दिला पाता है वो है एलिसिन। एलिसिन अपने रोगाणुरोधी और सूजन-रोधी गुणों के लिए जाना जाता है। कुछ शोध से पता चलता है कि लहसुन सूजन को कम करने में मामूली प्रभाव डाल सकता है, जो संभावित रूप से जोड़ों के दर्द वाले व्यक्तियों को लाभ पहुंचा सकता है।