आजकल मौसम में काफी ठंडक होने लगी है और सर्दियां पीक पर हैं। यही वजह है कि लोग अपने घरों से कम बाहर निकलते हैं। इसकी वजह से लोगों कि शारीरिक गतिविधि भी कम हो जाती है। यही वजह है कि लोगों की मासपेशियों में धीरे – धीरे अकड़न आने लगती है। यह सर्दियों में सभी को आने वाली एक समस्या है, जिक्सा इलाज करना बहुत ज़रूरी है।
मांसपेशियों में अकड़न की वजह से चलने – फिरने में तकलीफ होने लगती है। बड़े – बुजुर्गों के साथ यह समस्या ज्यादा आती है, क्योंकि उन्हें चलने में पहले से ही दिक्कत होती है। तो चलिए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि क्या है मसल्स में अकड़न (muscle stiffness) के करण और इसके उपाय।
मांसपेशियों की अकड़न अक्सर दर्द का कारण होती है। किसी विशेष मांसपेशी के ज्यादा उपयोग के बाद भी मांसपेशियों में अकड़न हो सकती है, या यह किसी अंतर्निहित स्थिति के करण हो सकता है। मांसपेशियां तीन प्रकार की होती हैं: स्केलिटल, कार्डिएक और स्मूद।
मसल्स की जकड़न मुख्य रूप से स्केलिटल मांसपेशी को प्रभावित करती है, जो मनुष्य को दैनिक गतिविधियों को करने में सक्षम बनाती है। यदि कोई समस्या तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियों की कोशिकाओं के बीच संचार में बाधा डालती है, तो मांसपेशियां ((stiffness in muscles) सिकुड़ सकती हैं और इसके परिणामस्वरूप अकड़न हो सकती है।
स्केलिटल मांसपेशियों के अत्यधिक उपयोग के बाद मांसपेशियों की जकड़न सबसे अधिक उत्पन्न होती है, जो कि गति की कमी या नए व्यायामों में इंगेज होने के बाद होती है। इन क्रियाओं से मांसपेशियों की कोशिकाओं को अस्थायी नुकसान हो सकता है, जिससे अकड़न हो सकती है। मसल्स के ज्यादा प्रयोग से मांसपेशियों की जकड़न अक्सर उन लोगों में होती है जो व्यायाम नहीं करते हैं।
इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन भी मांसपेशियों की कठोरता का कारण बन सकता है, खासकर व्यायाम के बाद। इलेक्ट्रोलाइट्स (जैसे, सोडियम, पोटेशियम, आदि) शरीर में महत्वपूर्ण खनिज हैं जो अन्य कार्यों के बीच तंत्रिका और मांसपेशियों को अनुबंधित करने में भूमिका निभाते हैं। जब कोई व्यक्ति व्यायाम करता है, तो पानी के साथ इलेक्ट्रोलाइट्स खो जाते हैं। जिससे तंत्रिका तंत्र के लिए मांसपेशियों की गति को सुविधाजनक बनाना अधिक कठिन हो जाता है।
सर्दियों के मौसम में मांसपेशियों में अकड़न एक आम समस्या है, जिसके लिए आप गर्म तेल की मालिश कर सकती हैं। इसके लिए आप गर्म सरसों के तेल का उपयोग कर सकती हैं, क्योंकि नेशनल इनफार्मेशन फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन के अनुसार इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं।
मांसपेशियों की अकड़न के लिए हीट बेहतर तरीके से काम कर सकती है। आप इसके लिए हीटिंग पैड या हीट थेरेपी का इस्तेमाल कर सकती हैं। मगर इस बात का ख़ास क्ख्याल रखें कि प्रभावित क्षेत्र पर 20 मिनट से ज्यादा सिकाई न करें।
मांसपेशियों को लचीला बनाए रखने और अकड़न को कम करने के लिए स्ट्रेचिंग महत्वपूर्ण है। इसके लिए आप नियमित व्यायाम के लिए समय निकालें, व्यायाम से पहले और बाद में बॉडी को स्ट्रेच करें, गर्म स्नान करें और दर्द वाले क्षेत्रों की मालिश करें।
पर्याप्त मात्रा में पानी पीना मांसपेशियों को अच्छी तरह से काम करने में मदद करता है। कई विशेषज्ञ हर दिन आठ गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं। यदि आप सक्रिय हैं और पसीना बहाते हैं, तो आपको और पानी पीना चाहिए। कई अध्ययनों में पाया गया है कि व्यायाम के दौरान डिहाइड्रेशन से मांसपेशियों के डैमेज होने की संभावना बढ़ जाती है और मांसपेशियों में ज्यादा दर्द होता है।
अंत में यदि आपको बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है तो बिना किसी देरी के डॉक्टर को दिखाएं।
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